लखनऊ में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओें के सम्बंध में
प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने कलेक्ट्रेट सभागार में की प्रेस वार्ता

 

1-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना:- जनपद लखनऊ के पात्र कृषकों को योजना का लाभार्थी बनाने हेतु निर्धारित पोर्टल पर अपेक्षित आंकड़ों सहित 2,05,527 कृषकों का डाटा लाॅक किया गया है। उक्त डाटा में से फ्रिल्टर के उपरान्त 1,61,581 कृषकों को भुगतान हेतु भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण तथा सहकारिता मंत्रालय को प्रेषित किया जा चुका है। अब तक जनपद के 1,53,521 कृषकों को 2-2 हजार की दो किस्तों का भुगतान प्राप्त हुआ है, भुगतान की प्रक्रिया गतिमान है।

2-प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना:- जनपद में कृषकों हेतु अंशदायी पेंशन योजना क्रियान्वित है। अब तक 1437 कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है। कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है।

3-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:- वित्तीय वर्ष 2019-20 के खरीफ मौसम में जनपद के लिए निर्धारित सोम्पो यूनिवर्सल इन्शुरेंस कंपनी द्वारा 2,33,55 कृषकों का फसल बीमा कराया जा चुका है, जिसमें मुख्य रूप से धान की फसल आच्छादित है। विगत वर्ष कुल 1472 बीमित कृषकों को राहत धनराशि दी गयी थी।

4-स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण):- स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत जनपद में 1,68,485 परिवारों के शौचालय, लाभार्थियों को रू0 12000/- अनुदान दे कर, निर्मित कराये जा चुके है। द्वितीय चरण में छूटे हुए 62,336 परिवारों को भी लाभान्वित किया जा चुका है। कुल 2,30,821 शौचालयों के निर्माण के बाद जनपद व्क्थ्घोषित किया जा चुका है।

5-प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण):- ग्रामीण क्षेत्र में पात्र परिवार के महिला लाभार्थी को आवास देय होता है। वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में कुल 9327 ग्रामीण परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का लाभ दिया गया है। जिसमें से 9128 लाभार्थियों द्वारा आवास पूर्ण कर लिया गया है। वर्ष 2019-20 में 585 लाभार्थियों का चयन किया गया है, जिनमें से 585 को प्रथम किश्त तथा 573 को द्वितीय किश्त अवमुक्त की गयी है।

6-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना:-पात्र गृहस्थी योजनान्तर्गत पात्रता और अपात्रता के आधार पर शहरी क्षेत्र में 64.43 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 79.56 प्रतिशत को पात्र गृहस्थी के रूप में आच्छादित किया जाता है। प्रति यूनिट 3 किग्रा गेहूॅ (रू0 2/-किग्रा) और 02 किग्रा चावल (रू0 3/-किग्रा) तथा प्रति परिवार 01 लीटर मिट्टी का तेल (रू0 33.25/-लीटर) उपलब्ध कराया जाता है। अन्त्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 20 किग्रा गेहूॅ (रू0 2/-किग्रा और 15 किग्रा चावल (रू0 3/-किग्रा) तथा प्रति कार्ड 03 लीटर मिट्टी का तेल (रू0 33.25/- लीटर) उपलब्ध कराया जाता है। 

वर्तमान में जनपद में 1274 उचित दर दूकानें संचालित है, जिनमें सभी ई-पाॅश मशीनों के माध्यम से राशन का वितरण किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में 9169 अन्त्योदय कार्ड (29,114 यूनिट) और 3,76,820 पात्र गृहस्थी कार्ड (15,54,847 यूनिट) बने है। ग्रामीण क्षेत्र में 40,943 अन्त्योदय कार्ड (1,15,840 यूनिट) और 2,78,831 पात्र गृहस्थी कार्ड (10,70,739 यूनिट) बने है। इस प्रकार पूरे जनपद में 7,05,761 कार्ड से 27,70,540 यूनिट राशन का लाभ पा रहे है। इनमें से 94.07 प्रतिशत यूनिट की आधार सीडिंग हो चुकी है और 86.77 प्रतिशत लाभार्थियों को ई-पाॅश मशीन के माध्यम से पहचान करके खाद्यान्न वितरित करवाया जा रहा है। 

7-उज्जवला योजना:- योजना के अन्तर्गत निःशुल्क एल0पी0जी0 कनेक्शन की इंस्टालेशन शुल्क, सुरक्षा पाइप की लागत, सिलिंडर औ रेगुलेटर की जमानत धनराशि की माफी (रू0 1600/-) तथा असमर्थ लाभार्थियों को गैस स्टोव और प्रथम रिफिल ब्याज मुक्त लोन देय है। दिनांक 06.08.2019 तक स्वीकृत 1,95,945 के0वाई0सी0 फार्म के सापेक्ष 189401 कनेक्शन जारी किये गये है।

8-आयुष्मान भारत योजना:- एस0ई0सी0सी0-2011 में सूचीबद्ध पात्र परिवारों को रू0 5.00 लाख प्रतिवर्ष निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु, 129 निजी अस्पतालों तथा 30 सरकारी अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है, जिनके द्वारा योजना के तहत निःशुल्क ईलाज किया जा रहा है। लखनऊ जनपद में 2,79,930 पात्र परिवारों के सापेक्ष 1,05,053 परिवारों को गोल्डेन कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। वर्तमान समय तक 12496 लाभार्थी अपना ईलाज इस योजना के तहत करा चुके है, जिसमें करीब रू0 16.70 करोड़ का लाभ दिया गया है। 

9-पेंशन योजनायें:- जनपद में निर्धन एवं निराश्रित वृद्धजनों को रू0 500/-प्रतिमाह की दर से 4 त्रैमासिक किश्तों में भुगतान किया जाता है। 

वृद्धावस्था/किसान योजना के कुल 82568 लाभार्थी हैं, जिनमें 81438 प्रथम किश्त अवमुक्त की गयी है। 

पति की मृत्यु के उपरान्त महिला लाभार्थी को रू0 500/-प्रतिमाह त्रैमासिक किश्त के रूप में पेंशन देय हैं। जनपद में कुल 47730 लाभार्थी हैं, जिनकी प्रथम किश्त अवमुक्त करने की प्रक्रिया गतिमान है। 

दिव्यांगजन पेंशन योजना के कुल 18738 लाभार्थी हैं, जिनमें शतप्रतिशत को प्रथम किश्त अवमुक्त की गयी है। प्रति लाभार्थी प्रति माह रू0 500/-की दर से पेंशन देय है। 

10-मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना:- बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और लिंग समानता को बढ़ावा देने हेतु बालिकाओं के जन्म पर रू0 2000.00, बालिका के 1 वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त रू0 1000.00, प्रथम कक्षा में प्रवेश के समय रू0 2000.00, कक्षा 6 में प्रवेश के समय रू0 2000.00, कक्षा 9 में प्रवेश के समय रू0 3000.00 तथा कक्षा 12 व अन्य में प्रवेश के समय रू0 5000.00 दिये जाने का प्रावधान किया गया है। आवेदन आॅनलाइन/आफलाइन प्राप्त किये जा रहे है।

लखनऊ जनपद में अब तक 1000 से अधिक आवेदन आफलाईन प्राप्त किए जा चुके हैं।

11-सामूहिक विवाह योजना:- योजनान्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले किसी भी सम्प्रदाय के व्यक्तियों की पुत्री के विवाह हेतु कन्या को एकमुश्त रू0 35 हजार की धनराशि एवं रू0 10 हजार की सामग्री उपलब्ध करायी जाती है। नगरीय क्षेत्र में नगर निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में क्षेत्र पंचायत कार्यालय में आफ लाइन आवेदन निर्धारित प्रारूप पर किया जाता है। माह अगस्त 2019 तक 313 सामूहिक विवाह के लक्ष्य सापेक्ष 208 सामूहिक विवाह सम्पन्न कराये जा चुके है।

12-विद्यालयों में यूनीफार्म, जूता-मोजा, पुस्तक, बैग वितरण की प्रगति:- जनपद के परिषदीय विद्यालयों में यूनीफार्म वितरण लक्ष्य 1.92 लाख बच्चों के सापेक्ष 01.03 लाख बच्चों को यूनीफार्म वितरण करवाया जा चुका है। खादी ग्रामोद्योग के 28390 के सापेक्ष 10086 एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित महिला संस्थाओं के जरिए 52500 बच्चों के सापेक्ष 2500 बच्चों को यूनीफार्म उपलब्ध करायी जा चुकी है। यूनीफार्म के मानक विभाग के द्वारा बदले गये है, जिसके सापेक्ष बाजार में पर्याप्त कपड़ा उपलब्ध होने में विलम्ब हुआ है। शीघ्रही अवितरित यूनिफार्म की आपूर्ति सुनिश्चित करवायी जा रही है। 234537 बच्चों को निःशुल्क बैग, 179680 बच्चों को निःशुल्क जूता तथा 359360 बच्चों को निःशुल्क मोजा उपलब्ध कराया जा चुका है।

13-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:- मुद्रा योजना के तहत शिशु योजना के तहत रू0 50000/- तक के ऋण, किशोर योजना के तहत रू0 50000/- से 5 लाख तक के ऋण तथा तरूण को योजना के तहत रू0 5 लाख से 10 लाख तक के ऋण देय है। वर्ष 2017-18 में 24712 (रू0 384 करोड़), वर्ष 2018-19 में 25491 (रू0 38़6 करोड़) तथा वर्ष 2019-20 में 6849 (रू0 104 करोड़) लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2019-20 में  ैजंदकनच प्दकपं योजना में 118 उद्यमीयों का ऋण स्वीकृत किया गया है।

14-स्वच्छ भारत मिशन (शहरी):- योजनान्तर्गत जिनके घरों में शौचालय बनाने की जगह है उनके आवेदन की जाॅंच कर पात्रता के आधार पर तीन किश्तों में अनुदान देय होता है। जहाॅं घरों शौचालय की जगह नही है वहाॅ सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाता है। व्यक्तिगत शौचालय के लक्ष्य 14750 के सापेक्ष 14000 पूर्ण करके लखनऊ को व्क्थ् घोषित किया जा चुका है। लखनऊ महानगर मंे अब तक 1512 सीट के सामुदायिक शौचालयों और 1367 सीट के सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। 

लखनऊ महानगर में प्रतिदिन 1350 टन ठोस अपशिष्ठ का उत्पादन हो रहा है। जिसके प्रसंसकरण के लिए शिविरी मोहान रोड पर 2000 टी0पी0डी0 क्षमता का प्लांट स्थापित है और 1150 टी0पी0डी0 ठोस अपशिष्ट का प्रसंसकरण किया जा रहा है, ठोस कचरे का डोर-टू-डोर संग्रह 1031 वाहनों के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में लखनऊ महानगर के 60 प्रतिशत क्षेत्र में डोर-टू-डोर संग्रह हो रहा है। जिसे दिसम्बर 2019 तक शत्प्रतिशत कर लिया जायेगा।  

15-प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):-शहरी क्षेत्र में ऐसे लाभार्थी जिनके पास स्वयं के नाम पर पक्का मकान न हो, लाभार्थी की वार्षिक आय रू0 3,00,000.00 से कम हो तथा लाभार्थी के पास न्यूनतम 30 वर्ग मी0 अपनी भूमि हो, ऐसे लाभार्थी वांछित दस्तावेजों सहित स्थानीय नगर विकास या डूडा को आवेदन करते है। विभाग की जाॅच के आधार पर 3 किश्तों में आवास निर्माण हेतु धनराशि अवमुक्त की जाती है। नगर निगम, लखनऊ एवं नगर पंचायतों द्वारा कुल चयनित 20017 लाभार्थियों में से 13,930 पात्र लाभार्थियों को स्वीकृत किया गया जिसके सापेक्ष 13336 को प्रथम किश्त 10873 को द्वितीय किश्त तथा 7032 को तृतीय किश्त अवमुक्त की जा चुकी है। लक्ष्य के सापेक्ष 7087 आवास पूर्ण हो चुके है।

इसके अतिरिक्त एफोरडेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट घटक के अन्तर्गत आवास एवं विकास परिषद द्वारा 9 परियोजनाओं में 8576 आवासों का निर्माण रू0 587.47 करोड़ की लागत से किया जा रहा है (कुल लक्ष्य 26000)। लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा 5 परियोजनाओं में 13624 आवासों के निर्माण को स्वीकृति दे दी गयी है। जिसमें रू0 873.41 करोड़ की लागत आयेगी। नगर निगम के द्वारा पारा परियोजना में रू0 20.19 करोड़ की लागत से 503 आवास निर्मित किये जा रहे है।

केड्रिट लिंक सब्सिडि स्कीम के अन्तर्गत भवन निर्माण हेतु, अबतक 6160 लाभार्थियों को बैकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया चुका है।

16-अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों का विवरण जनपद लखनऊ:- जनपद लखनऊ में ग्रामीण क्षेत्र में 93 व नगर निकायों में 08 अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल संचालित है, जिनमें सफलतापूर्वक निराश्रित/बेसहारा गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। कुल 101 पशु आश्रय स्थलों में कुल 14119 पशु संरक्षित है। इन संरक्षित पशुओं में से 13793 पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है तथा 4866 नर पशुओं का बधियाकरण कार्य भी किया जा चुका है। इन गो आश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण हेतु अब तक रू0 6.24करोड 08 विकास खण्डों एवं 08 नगर पंचायतों को उपलब्ध कराया जा चुका है। पशुधन विभाग द्वारा 02 बृहद गौसंरक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु धनराशि उपलब्ध करायी गयी हे। प्रत्येक बृहद गौ संरक्षण की लागत रू0 1.20 करोड है, जिसमें से ग्राम अमौसी केन्द्र का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और स्वयं सेवी संस्था के साथ एमओयू भी कर लिया गया है, जिसके द्वारा इस केन्द्र का संचालन किया जायेगा। द्वितीय केन्द्र ग्राम गौरा, विकास खण्ड मोहनलालगंज में निर्माणाधीन है।

17-14वां वित्त आयोग:- जनपद में 14वां वित्त आयोग के अन्तर्गत 1 अप्रैल 2019 में रू0 2860.11 लाख अवशेष थे। वित्तीय वर्ष 2019-20 में रू0 6944.33 लाख प्राप्त हुए है, जिसके सापेक्ष रू0 4798.08 लाख व्यय किया जा चुका है। 

18-चतुर्थ राज्य वित्त आयोग:- जनपद में चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत 1 अप्रैल 2019 में रू0 771.48 लाख धनराशि अवशेष थी, जिसके सापेक्ष रू0 768.18 लाख व्यय किया जा चुका है। 

 

19-नगर निगम में संचालित कान्हा गौशाला और राधा गौशाला में लगभग 12500 गौवंश संरक्षित किए गए है, जिनके रख-रखाव की कार्यवाही नगर निगम के द्वारा की जा रही है और संरक्षित पशुओं के मल-मूत्र से कई उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं।

इसके अतिरिक्त गौवंश संरक्षण के लिए नई परियोजनाओं के कार्य भी प्रगति पर हैं। 

कान्हा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत 7.84 करोड़ की लागत से चार गौशालाएं एवं भूसा गोदाम तथा दो नलकूपो का निर्माण कार्य पूर्ण।

3.84 करोड़ की लागत से पशु पालक आवास, गौशालाओं में पक्का फर्श एवं विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है।

खुले चारागाहः-  परियोजना लागत - 3.22 करोड़। अमौसी स्थित हरायिन खेड़ा में नगर निगम की 45 बीघा जमीन पर खुले चारागाह एवं पशु आश्रय स्थल का निर्माण का कार्य प्रगतिधीन है। 

ऽजरहरा स्थित राधा गौशाला एवं कुत्तों के बंध्याकरण हेतु अस्पताल का निर्माण कार्यः-परियोजना लागत- रू0 4.20 करोड़। इन्दिरा नगर स्थित ग्राम जरहरा में बेसहारा जानवरों को रखे जाने हेतु राधा गौशाला एवं कुत्तों की जन संख्या को नियं़ित्रत करने के उद्देश्य से गौशाला एवं अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण कराते हुुए क्रियाशील कर दिया गया है।

20-लखनऊ रिंग रोड- जनपद में इन्फ्रास्टक्चर विकास के लिए कई परियोजनाएं लागू की जा रही है, इसमें से सबसे अहम लखनऊ रिंगरोड है। जिसकी कुल लम्बाई 105 किमी होगी और लखनऊ के आस-पास के जनपदों के अन्तरजनपदीय यातायात सुगम बनायेगी। लखनऊ रिंगरोड की कुल स्वीकृत लागत रू0 2852 करोड़ है। जिसके 4 पैकेज एनएचएआई (94 किमी) के द्वारा बनाये जा रहे है और एक पैकेज पीडब्लूडी (11 किमी) के द्वारा बनाया जा रहा है।

1.कुर्सी रोड से फैजाबाद रोड- 383 करोड़- पूर्ण।

2.बेहटा रोड से सीतापुर रोड- 981 करोड़- निमार्णाधीन।

3.सीतापुर रोड से कुर्सीरोड- 292 करोड़- निमार्णाधीन 

4.सुल्तानपुर रोड से बेहटा रोड- 899 करोड़- निविदा

5.फैजाबाद रोड से सुल्तानपुर रोड (पीडब्लूडी)- 297 करोड़- निर्माणाधीन।

21-सेतु निर्माण- वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 05 सेतु पूर्ण किये गये थे। जिनकी कुल लागत लगभग रू0 298 करोड़ रूपये की वर्तमान में लखनऊ में 10 सेतु निर्माणाधीन है। जिनकी कुल लागत रू0 703 करोड़ की है। इसमें मुख्य सेतु हैः-

1.हैदरगंज तिराहे से मीना बेकरी मोड।  (रू0 40.42 करोड़)

2.गुरगोबिन्द सिंह मार्ग पर हुसैनगंज चैराहा-बासमण्डी चैराहा, नाका हिण्डोला चैराहा, डी.ए.वी. कालेज के मध्य फ्लाई ओवर (रू0 123.79 करोड़)

3.चरक चैराहा हैदरगंज चैराहा, चरक क्रासिंग, विक्रम काटन मिल रोड के मध्य फ्लाई ओवर। (रू0 110.15 करोड़)

4.शहीद पथ से लखनऊ एयरपोर्ट एलिवेटट फ्लाई ओवर(रू0 134.69 करोड़)

22-पूर्वान्चल एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु प्रस्तावित भूमि के अर्जन/क्रय/लागत के सम्बन्ध में विवरण:-पूर्वान्चल एक्सप्रेस वे का निर्माण यूपीडा द्वारा कराया जा रहा है। पूर्वान्चल एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु जनपद लखनऊ में कुल 14 ग्रामों की कुल 218.5347 हे0 भूमि प्रभावित हो रही है, जिसमें ग्राम सभा की 41.9130 हे0 भूमि तथा प्रभावित काश्तकारों की भूमि 176.6217 हे0 है। अध्यावधिक स्थिति के अनुसार अब तक 205.4928 हे0 आपसी समझौते/विनिमय से प्राप्त की जा चुकी है, जो कुल प्राप्त की जाने वाली भूमि का 94 प्रतिशत है तथा 13.0419 हे0 भूमि प्राप्त किया जाना अवशेष है, जिसके अर्जन हेतु भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापना में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अन्तर्गत कार्यवाही चल रही है। 

5. पूर्वान्चल एक्सप्रेस वे के पैकेज-1 में जनपद लखनऊ तथा बाराबंकी की भूमि आ रही है, जिसमें जनपद लखनऊ में निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे की कुल लम्बाई 17.760 किमी0 है, जिसकी कुल अनुमानित लागत लगभग 568.32 करोड़ आयेगी।

23-लखनऊ एयरपोर्ट, लखनऊ के विकास हेतु प्रस्तावित परियोजना

शहीदपथ से अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने वाली प्रस्तावित एलाईमेन्ट में एलिवेटट फ्लाई ओवर के वैकल्पिक मार्ग का निर्माण उ0प्र0 ब्रिज कार्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है। 

लखनऊ एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट आर्थोटी आफ इण्डिया के द्वारा नये टर्मिनल भवन का निर्माण एक लाख वर्ग मी0 क्षेत्रफल में कराया जा रहा है। जिसकी आनुमानित लागत रू0-1300.00 करोड़ है। टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

24-अमृत एवं नामामि गंगे-अमृत योजना के तहत लखनऊ में 7 भाग में कुल रू0 890 करोड़ की लागत से सीवरेज लाईन डाली जा रही है और घरों को सीवर कनेक्शन दिए जा रहे है। इसके अतिरिक्त इस योजना में रू0 17.64 करोड़ की लागत से कुकरैल बन्धे पर राइजिंग में का पुननिर्माण और रू0 31.97 करोड़ की लागत से 1.492 मेगावाट और 1.8 मेगावाट के दो सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किये जा रहे है।

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट स्थापित किये जा रहे है। वर्तमान में महानगर के 33 नालों में 675 एमएलडी का डिस्चार्ज होता है। जिसमें से 401 एमएलडी डिस्चार्ज को भरवारा और दौलतगंज में स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित किया जा रहा है। शेष 274 एमएलडी के लिए 326 एमएलडी की क्षमता वर्धन के लिए 6 परियोजना निमार्णाधीन अथवा प्रस्तावित है।

25-लखनऊ स्मार्ट सिटी- स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत रू0 2053.33 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए है, स्मार्ट सिटी अंश के अन्र्तगत कुल 52 परियोजनाओं की लागत रू0 1654.66 करोड़ है। जिसमें करीब रू0 329 करोड की 11 परियोजनाए पूर्ण की जा चुकी है और शेष परियोजनाएं विभिन्न चरणों मंे है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत कई परियोजनाएं शामिल है, जैसे कि इन्टीग्रेटेड कमाण्ड और कन्ट्रोल सेंटर (रू0 45 करोड़), इन्टेलिजेंट टैªफिक मैनेजमेंट सिस्टम (रू0 91.5 करोड़) सीवरेज कार्य (रू0 233 करोड़) एवं अन्य कार्य जैसे वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, स्मार्ट बस सेल्टर, फसाड लाईटिंग, स्मार्ट पार्किंग, अन्डर ग्राउन्ड केबलिंग, वाई-फाई, ओपन जिम इत्यादि शामिल है। 

 

(अ) पूर्ण परियोजनाएंः

क्र0सं0परियोजना का नामपरियोजना की लागत (करोड़ में)भौतिक प्रगति

1.स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम (सी0सी0टी0वी0)44ण्00100:

2.आई0सी0टी0 फाॅर बस सर्विसेज़ (जी0पी0एस0)0ण्38100:

3.स्ट्रीट लाईटिंग 144ण्00100:

4.सोलर रूफटाॅप1ण्00100:

5.साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट 84ण्08100:

6.रीस्टोरेशन आॅफ लाल बारादरी248ण्00100:

7.ब्यूटीफिकेशन आॅफ पार्क, ओपेन जिम, वाई-फाई0ण्35100:

 

(ब) प्रगतिधीन परियोजनाएंः

क्र0सं0परियोजना का नामपरियोजना की लागत (करोड़ में)भौतिक प्रगति

1.सीवरेज- नालों के समानान्तर सीवर लाईन डालने का काम।232ण्9625

2.डन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम।91ण्8235

3.इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर।45ण्3590

4.कन्सट्रक्शन आॅफ आई0टी0एम0एस0 एण्ड आई0सी0सी0सी0 बिल्डिंग।8ण्2595

5.वेस्ट वाॅटर रीयूज़ (एस0टी0पी0)6ण्1280

6.स्मार्ट बस शेल्टर6ण्6290

7.पोर्टेबल काॅम्पैक्टर टांसफर स्टेशन8ण्00100

8.माॅन्यूमेंटल लाईटिंग3ण्2795

 

(स) प्रस्तावित/स्वीकृत परियोजनाएंः

क्र0सं0परियोजना का नामपरियोजना की लागत (करोड़ में)अद्धतन स्थिति

1.ए0बी0डी0 क्षेत्र में जल निकासी का कार्य।72ण्74निविदा आमंत्रित।

2.वाॅटर सप्लाई/स्मार्ट मीटरिंग/स्काडा21ण्41निविदा आमंत्रित।

3.मल्टी लेवल कार पार्किंग - मछली मण्डी19ण्16निविदा आमंत्रित।

4.मल्टी लेवल कार पार्किंग - कलेक्ट्रट23ण्75निविदा आमंत्रित।

5.रिफ्यूज़ काॅम्पैक्टर की खरीद2ण्40निविदा आमंत्रित।

6.बिन-1100 लीटर और 100 लीटर1ण्10निविदा आमंत्रित।

7.अर्बन मोबीलिटी नोड64ण्00विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी0पी0आर0) यू0एम0टी0सी0े द्वारा बनाया जा रहा है। सर्वे का कार्य प्रगतिधीन है।

8.रोड एण्ड जंक्शन इम्प्रूवमेंट42ण्50विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी0पी0आर0) आई0यू0टी0 के द्वारा बनाया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित की जा रही है।

9.यूटीलिटी डक्ट (इलेक्टीªसिटी, ओ0एफ0सी0)60ण्00विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी0पी0आर0) का कार्य प्रगतिधीन।

10.स्मार्ट साॅल्यूशन फाॅर एगज़िस्टिंग पार्किंग60ण्00सर्वे कार्य प्रगतिधीन है।