मंत्री का ओएसडी बताकर ठगी करने वाले जालसाज को एसटीएफ ने दबोचा

 लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)ने एक ऐसे जालसाज को दबोचा है जो अपने आपको मंत्री का ओएसडी बताकर अधिकारियों को अर्दब में लेना और बेरोजगारों को नौकरी आदि दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपएं हडप लेना और गायब हो जाना। आम बात हो गई थी। वहीं जालसाज को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने अपने मुखबिर तंत्र को फैला रखा था जहां बुखवार की रात को एक मुखबिर की खास सूचना पर लखनऊ के गौतमपल्ली थान क्षेत्र से जालसाज को धर दबोचा है। एसटीएफ एसएसपी अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि पिछले काफी से एसटीएफ को शिकायतें मिल रही थी कि एक व्यक्ति विधायकों एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर अपने आपको राज्य सरकार के मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों का निजी सचिव एवं ओएसडी बताकर अपने परिचितों को नौकरी दिलाने, ठेका दिलाने, असलहे का लाइसेन्स बनवाने एवं जमीनी विवादों का निपटारा कराने आदि के लिए दबाव बनाकर धन उगाही का काम कर रहा है। जहां बुधवार की रात एसटीएफ को सूचना मिली कि जालसाज लखीमपुर-खीरी जिले के ईशानगर इलाके फत्तेपुर निवासी राजकुमार शुक्ला लखनऊ के जियामऊ स्थित कैंसर अस्पताल के पास खड़ा है। इस सूचना पर मुखबिर द्वारा बाताए गये स्थान पर एसटीएफ की टीम पहुंची फर्जी निजी सचिव बताने वाले राजकुमार शुक्ला को रात करीब साढ़े दस बजे गिरफ्तार कर लिया। जालसाज राजकुमार शुक्ला ने पूछताछ पर बताया कि वह करीब 2 माह पूर्व मंत्री का निजी सचिव एवं ओएसडी बनकर लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक को फोन करके अपने बहनोई राम नारायन पाण्डेय निवासी मनिकापुर, कोतवाली, खीरी के जमीनी विवाद को निपटाने के लिए अनुचित दबाव एवं प्रभाव बनाने का प्रयास किया था।