नई चीनी मिल,प्लान्ट ,रिफाइनरी-सल्फरलेस शुगर प्लान्ट की स्थापना की मंजूरी  


मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय


 

बस्ती के मुण्डेरवा में स्थित चीनी मिल में 5000 टीसीडी (7500 टीसीडी क्षमता तक विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की



लखनऊ । मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लि. की सहायक कम्पनी उप्र राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम की जनपद बस्ती के मुण्डेरवा में स्थित चीनी मिल में 5000 टीसीडी (7500 टीसीडी ( क्षमता तक विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल व 27 मेगावाट का कोजन प्लान्ट एवं रिफाइनरी-सल्फरलेस शुगर प्लान्ट की स्थापना हेतु पुनरीक्षित लागत 43,887.70 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लि. की सहायक कम्पनी उप्र राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लि की जिला बस्ती में मुण्डेरवा में स्थित चीनी मिल में 3500 टीसीडी ((5000 टीसीडी ( तक क्षमता विस्तारीकरण योग्य) की चीनी मिल एवं 18 मेगावाॅट कोजन लगाये जाने हेतु पीआईबी द्वारा आंकलित लागत 31,408.91 लाख रुपये की संस्तुति पर 09 जनवरी, 2019 को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया था। मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या 1684/46-2-17-40/17 दिनांक 11 जनवरी, 2018 निर्गत किया गया था। उक्त परियोजना की स्थापना हेतु मै. इस्जैक हैवी इंजीनियरिंग लि., नोएडा के पक्ष में दिनांक 16 मार्च, 2018 को लेटर आॅफ इन्टेन्ट (एलओआई) निर्गत कर अनुबन्ध निष्पादित किया गया। चीनी मिल व कोजन प्लान्ट की स्थापना का कार्य करते हुए पेराई 2018-19 में चीनी मिल का ट्रायल संचालन माह अप्रैल, 2019 में किया गया।
प्रश्नगत परियोजना की स्थापना की अवधि में चीनी मिल में सल्फरलेस शुगर बनाये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी। जिला बस्ती के मुण्डेरवा में स्थित चीनी मिल में 5000 टीसीडी (7500 टीसीडी क्षमता तक विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की नयी चीनी मिल व 27 मेगावाट का कोजन प्लान्ट एवं रिफाइनरी सल्फरलेस शुगर प्लान्ट की स्थापना हेतु पी0आई0बी0 द्वारा पुनरीक्षित लागत 43,887.70 लाख रुपये की लागत आंकलित की गयी है। इस परियोजना की स्थापना पर होने वाला व्ययभार शतप्रतिशत ऋण के रूप में राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।
परियोजना की स्थापना से वित्तीय लाभ होगा एवं सल्फरलेस चीनी के उत्पादन से वैश्विक बाजार में चीनी का निर्यात सम्भव हो सकेगा। चीनी मिल क्षेत्र के किसानों की समृद्धि, क्षेत्र का सर्वांगीण विकास, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होना एवं प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देना। उक्त परियोजना की स्थापना से लगभग 30,000 किसानों को लाभ होगा तथा लगभग 8500 प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।