राजस्व विभाग की भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी 


मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय



जनपद कुशीनगर में राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना 



 

लखनऊ । मंत्रिपरिषद ने जनपद कुशीनगर में राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना हेतु जनपद के ग्राम-रामपुर तप्पा-चैराबड़गांव, परगना-सिधुआ जोवना, तहसील-पड़रौना स्थित खतौनी खाता संख्या-00361 के गाटा संख्या-478, रकबा 1.50 एकड़, गाटा संख्या-479 रकबा 0.51 एकड़, गाटा सं0-480 रकबा 1.87 एकड,़ गाटा सं.-481 रकबा 2.19 एकड़, गाटा सं.-556 रकबा 3.26 एकड़, गाटा सं.-557 रकबा 1.70 एकड़, गाटा सं.-558 रकबा 1.50 एकड़, गाटा सं.-567 रकबा 1.38 एकड़ कुल 08 गाटा रकबा 13.91 एकड़ राजस्व विभाग की भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
केन्द्र सहायतित योजना के अन्तर्गत ब्ींससमदहम डवकम पर जिला चिकित्सालय को उच्चीकृतकर राजकीय मेडिकल काॅलेज बनाया जाना है। प्रत्येक मेडिकल काॅलेज की लागत 325 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा उक्त धनराशि 60ः40 के अनुपात में वहन की जाएगी।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 22 करोड़ है तथा यहां पर लगभग 59000 एलोपैथिक डाॅक्टर्स पंजीकृत हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डाॅक्टर तथा जनसंख्या के मध्य अनुपात 1ः1000 होना चाहिए, जबकि प्रदेश में यह अनुपात 1ः3700 है जो मानक से बहुत कम है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में मेडिकल काॅलेज की स्थापना से चिकित्सकों की कमी के साथ ही साथ चिकित्सा शिक्षकगण की कमी भी दूर हो सकेगी तथा टर्शरी केयर में सुधार होगा। प्रदेश में जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज स्थापित किये जाने हेतु असेवित जिलों का चयन किया गया है।
केन्द्र सहायतित योजना (फेज-3) के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय, कुशीनगर को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना हेतु जिला चिकित्सालय से 10 किलोमीटर परिधि के अन्तर्गत ग्राम रामपुर तप्पा-चैराबड़गांव, परगना-सिधुआ जोवना, तहसील-पड़रौना में राजस्व विभाग की 13.91 एकड़ भूमि राजकीय मेडिकल काॅलेज हेतु चिन्हित की गयी है।
जनपद कुशीनगर में मेडिकल काॅलेज की स्थापना से न केवल कुशीनगर के निवासियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होगी अपितु निकटवर्ती जनपदों के निवासियों को भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ होगा। इससे बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर पर दबाव कम होगा।