सरकार दिव्यांगजनों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और संवेदनशील: राजभर 
नयी उत्तर प्रदेश राज्य पुर्नवास नीति बनाने के संबंध में मांगे गये सुझाव

दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ने की दिव्यांगता पर गठित राज्य सलाहाकार बोर्ड की बैठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण एवं उत्थान के लिए नयी उत्तर प्रदेश राज्य पुर्नवास नीति बनायेगी। यह नीति पूर्णतः आकर्षक व्यवहारिक और पारदर्शी होगी। सरकार दिव्यांगजनों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और संवेदनशील है। उन्होंने लोगो से कहा कि नयी नीति में समावेश हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दे, ताकि नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से दिव्यांगजनों का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके और वे विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ सुगमता से उठा सके। 

श्री राजभर आज यहां योजना भवन सभागार में दिव्यांगता पर गठित राज्य सलाहकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस नीति के क्रियान्वयन हेतु संबधित सभी मामलों का समन्वय करने के लिए यह विभाग नोडल विभाग होगा। श्री राजभर ने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति संवेदना के साथ थोड़ा अतिरिक्त प्रयास सभी लोग करें, तो उनका सहारा बन सकते है। और इसके  बेहतर परिणाम देखने को मिलेेंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हंै कि वे कमियों को दूर करते हुए ठोस रणनीति अपनाकर अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वाहन करें। 

श्री राजभर ने कहा कि प्रत्येक पांच वर्ष में राज्य पुनर्वास नीति की संरचना एवं उसके कार्यान्वयन की विस्तृत समीक्षा की जाएगी, ताकि दिव्यांगजनों के पुनर्वासन की प्रक्रिया को और प्रभावशाली बनाया जा सके और वे साधिकार और सम्मानपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इस कार्य हेतु दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तरदायी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर राज्य आयुक्त, अपने सांविधिक दायित्वों के अतिरिक्त, राज्य पुनर्वास नीति के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इस नीति के कार्यान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं की भी मुख्य भूमिका होगी। ये स्थानीय स्तर के मुद्दों पर ध्यान देंगी तथा जिला और राज्य योजनाओं से एकीकृत उचित कार्यक्रम तैयार करेंगी। 

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण  महेश कुमार गुप्ता ने नई नीति के संबंध में प्राप्त सुझावों को बैठक में रखते हुए कहा कि नीति को इस प्रकार तैयार किया जायेगा, जिससे प्रदेश के सभी स्तर के दिव्यांगजन अधिकाधिक लाभ उठा सकेें। सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएं संचालित की है, जिनका लाभ उन्हें मिल भी रहा है। इस नीति को और बेहतर एवं दिव्यांगजनों और प्रदेश के हितों को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप दिये जानेे पर बल दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि नीति के संबंध में जो भी सुझाव प्राप्त होगें, उनका परीक्षण कर नीति में समाहित करने का प्रयास किया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही तथा नवीन दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगता प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने के संबंध में चिकित्सा विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पर भी चर्चा की। इसके साथ ही बौद्विक दिव्यांगता हेतु दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किये जाने की सरलीकृत व्यवस्था अपनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है।  बैठक में विधायक  सुरेश चंद्र श्रीवास्तव, आयुक्त दिव्यांगजन सशक्तीकरण एस  के श्रीवास्तव, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण  अजीत कुमार सहित राज्य सलाहकार बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे।  

सम्पर्कः सूचना अधिकारीः संध्या कुरील