सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश/न्यायमूर्तिगण के परिवार को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित

 मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त  मुख्य न्यायाधीश/न्यायमूर्तिगण एवं उनके पति/पत्नी तथा परिवार के आश्रित सदस्यों को सेवारत  न्यायमूर्तिगण के समान प्रदान की जा रही चिकित्सा सुविधाओं के सम्बन्ध में



लखनऊ । मंत्रिपरिषद ने  उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त  मुख्य न्यायाधीश/न्यायमूर्तिगण एवं उनके पति/पत्नी तथा परिवार के आश्रित सदस्यों को सेवारत न्यायमूर्तिगण के समान ही समस्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
साथ ही, वर्तमान में प्रदेश में सेवारत  न्यायमूर्तिगण के समान ही सेवानिवृत्त  न्यायमूर्तिगण को जिला/राज्य के बाहर के चिकित्सालयांे में उच्चतर/विशिष्ट उपचार हेतु सन्दर्भित किए जाने की स्थिति में राज्य सरकार का पूर्वानुमोदन अपेक्षित है। इसलिए  न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में मंत्रिपरिषद ने निजी चिकित्सालयों में कराए गए चिकित्सा उपचार हेतु मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद का पूर्वानुमोदन प्राप्त किए जाने के प्राविधान को मंजूरी प्रदान की गई है।
इसके अलावा, वर्तमान में प्रदेश में प्रभावी शासनादेशानुसार उच्च न्यायालय के सेवारत/सेवानिवृत्त न्यायमूर्तिगण के 10 लाख रुपये तक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों को स्वीकृत करने हेतु मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद को प्राधिकृत किया गया है। इसलिए  न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में मंत्रिपरिषद ने  उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के न्यायमूर्तिगण के चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों को स्वीकृत करने हेतु उच्च न्यायालय के महानिबन्धक को प्राधिकृत किए जाने का निर्णय लिया है।
साथ ही, वर्तमान में प्रदेश में प्रचलित व्यवस्थानुसार सेवारत  न्यायमूर्तिगण के समान ही सेवानिवृत्त न्यायमूर्तिगण को भी अन्य राज्यों में कराए गए चिकित्सा उपचार की प्रतिपूर्ति की जाती है। इसलिए  उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में मंत्रिपरिषद ने इस प्राविधान को मंजूरी प्रदान की है। इसके अतिरिक्त,  उच्चतम न्यायालय द्वारा कैशलेस सुविधा लागू किए जाने हेतु अपने निर्णय 25 जुलाई, 2019 से 06 माह का समय दिया है। अतः इस निर्देश के सम्बन्ध में अन्य राज्यों द्वारा की गई व्यवस्था से सम्बन्धित शासनादेश/अधिसूचना आदि प्राप्त कर परीक्षणोपरान्त आवश्यक कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है।