60,000 फुट की ऊंचाई तक एक मिनट में जा सकता है राफ़ेल

त्रिनाथ कुमार शर्मा 


 
स्काल्प-मिटियॉर मिसाइलों से लैस
60,000 फुट की ऊंचाई तक एक मिनट में जा सकता है राफ़ेल
2,223 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरने की क्षमता
इंफ्रारेड सर्च, ट्रैकिग जैसी खूबियों से लैस होगा भारत का राफ़ेल
पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट से हर मायने में है ताकतवर 


 रक्षा मंत्री ने कहा,कि हमारे पास विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है। राफ़ेल हमें और भी मजबूत बनाएगा। राफ़ेल मिटियॉर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत है। ये मिसाइलें वायुसेना को हवा से हवा में मार करने की अद्भुत क्षमता देंगी। विमान को हर तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। राफ़ेल हर मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है, इसलिए इसे मल्टीरोल फाइटर विमान के तौर पर जाना जाता है। यह परमाणु हमले से लेकर लंबी दूरी के मिसाइल हमले में सक्षम है।भारत में दशहरा मनाया जा रहा है, वहीं वायुसेना का 87वां स्थापना दिवस भी है। फ्रेंच में राफ़ेल का मतलब होता है 'आंधी'। यह अपने नाम के मुताबिक, हमारी वायुसेना की क्षमता में इजाफा करेगा।'
 राफ़ेल में उड़ान भरने से पहले राजनाथ सिह ने विधिवत शस्त्र पूजा की। राजनाथ ने राफ़ेल पर ओम लिखा। तिलक लगाकर फूल और नारियल चढ़ाया। इसके साथ ही टायर के आगे नींबू भी रखे। इसके बाद रक्षामंत्री ने मेरीनेक एयरबेस से दसॉल्ट एविएशन के हेड टेस्ट पायलट फिलिप ड्यूश के साथ राफ़ेल में करीब 3० मिनट उड़ान भरी। इससे पहले, राजनाथ सिह ने 'तेजस' में भी उड़ान भरी थी। 
'विजयादशमी' और भारतीय वायुसेना के स्थापना दिवस के दिन भारत को विश्व के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक राफ़ेल विमान मिल गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिह और वाइस चीफ मार्शल हरजीत सिह अरोड़ा मंगलवार को फ्रांसीसी शहर बॉर्डोक्स पहुंचे, जहां 'हैंडओवर सेरेमनी' में फ्रांस ने भारत को राफ़ेल विमान सौंपा। पहले राफ़ेल का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर 'आरबी-001' रखा गया है। हालांकि राफ़ेल की पहली खेप अगले साल मई में मिलेगी, क्योंकि भारत में इसे रखने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है।
राजनाथ ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच राजनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस समय बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना के एयरमैन फ्रांस में फ्लाइंग, मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक्स का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे उन्हें भारत में काफी मदद मिलेगी। राफ़ेल का निर्माण करने वाली दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने कहा, यह हमारे लिए गर्व का पल है। हमने वही किया, जो हमारे करार में था। भारतीय वायुसेना के लिए यह बड़ा दिन है। भारत का पहला राफ़ेल विमान उड़ान भरने को पूरी तरह तैयार है। 
यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के हवाई प्रभुत्व को तेजी से बढ़ावा देगा। भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर, 2016 को 36 राफ़ेल विमानों को लेकर करार हुआ था। मुझे खुशी है कि राफ़ेल की डिलीवरी सही समय पर हो रही है। मुझे भरोसा है कि सभी राफ़ेल विमान भारत को समय पर मिल जाएंगे। 
भारत को मिलने वाले राफ़ेल विमान में छह अहम बदलाव किए गए हैं। इसे इस्राइली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वाîनग रिसीवर, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे का फ्लाइट डाटा रिकॉîडग सिस्टम, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैकिग सिस्टम जैसी क्षमताओं से लैस किया गया है। 
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, वायुसेना के बेड़े में राफ़ेल शामिल होने के बाद देश की सामरिक ताकत में इजाफा होगा। पाकिस्तान के पास इसकी क्षमता का कोई विमान नहीं है, लिहाजा वह आंख उठाकर देखने की भी हिमाकत नहीं करेगा।
पाकिस्तान के एफ-16 जेट की तुलना में राफ़ेल हर मायने में ताकतवर है। पाक को अमेरिका ने यह विमान दिया है। एफ-16 का रडार सिस्टम 84 किलोमीटर के दायरे में 20 टारगेट की पहचान करता है, जबकि राफ़ेल 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट पहचान सकता है। 
राफ़ेल जहां करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकता है, वहीं एफ-16 ज्यादा से ज्यादा 100 किलोमीटर के दायरे में निशाना साध सकता है। राफ़ेल 24.5 टन वजन के हथियार लेकर उड़ने में सक्षम है, जबकि एफ-16 21.7 टन वजन लेकर उड़ सकता है। 
 किसी विदेशी से सौदा करते हैं तो कुछ सामान अपने देश में खरीदना होता है। राफ़ेल में तीस से पचास प्रतिशत सामान भारत में खरीदने की बात है। कुल ऑफसेट 29 हजार करोड़ रुपये का है। कांग्रेस ने एक लाख 3० करोड़ होने का आरोप लगाया था। ऑफसेट तय करने का काम विमान तैयार करने वाली कंपनी का था। कांग्रेस राफ़ेल खरीद प्रक्रिया जानने को बेताब थी। उसका भी माकूल जवाब मिला। राफ़ेल की खरीद के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया। अनुबंधन वार्ता समिति, कीमत वार्ता समिति आदि की 74 बैठकें हुई। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी थी। कांग्रेस ने राफ़ेल पर हंगामा किया था। अब राफ़ेल के भारत आने से उसे निराशा हाथ लगी। तभी कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित कहते हैं कि राफ़ेल लेने रक्षा मंत्री राजनाथ सिह फ्रांस क्यों गए थे? यह काम वायुसेना का कोई अफसर भी कर सकता था। गए तो शस्त्र पूजा क्यों की। राफ़ेल पर ओम क्यों लिखा? वह भी विजयादशमी के दिन। विजयादशमी से राफ़ेल का क्या तुक है? उन्होंने सरकार पर दिखावा करने का आरोप लगाया। ऐसा करके संदीप दीक्षित सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए हैं।
 राफ़ेल विमान निर्माता कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपर ने भारतीय रक्षा मंत्री को पहला विमान सौंपा। राजनाथ सिह ने विजयादशमी पर राफ़ेल शस्त्र पूजन किया और उड़ान भरी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राफ़ेल फ्रांसिसी शब्द है जिसका अर्थ होता है हवा का झोंका। यह लड़ाकू विमान अपने नाम के अनुरूप खरा उतरेगा। भारत और फ्रांस के बीच सामरिक संबंधों में नया अध्याय जुड़ा है। भारत सरकार भारतीय वायु सेना की क्षमता बढ़ाने और उसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों और हथियारों से लैस करने के लिए कटिबद्ध है। दसॉ कंपनी समय सीमा के अंदर सभी राफ़ेल विमानों की आपूर्ति कर देगी। 2022 तक सभी 36 राफ़ेल भारत को मिल जाएंगे।
इससे भारतीय वायु सेना की शक्ति बहुत बढ़ जाएगी। उल्लेखनीय है कि भारत को राफ़ेल मिलने के दिन ही भारतीय वायु सेना की स्थापना हुई थी। संयोग से इस बार उसी दिन विजयादशमी भी पड़ी। राजनाथ ने इसे प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण बताया। इसके अलावा राजनाथ सिह ने फ्रांसिसी रक्षा मंत्री पार्ली और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों व सुरक्षा सलाहकार बर्नाड रोगेल से द्बिपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर वार्ता की। इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर सहमति बनी।