गन्ना किसानों के आंखों की सुरक्षा के लिये जीरों पावर के चष्में का वितरण भी किया जायेगा:भूसरेड्डी
चीनी मिलें कार्पोरेट सोषल रिस्पांसिबिलिटी के अन्तर्गत सामाजिक गतिविधियों में योगदान की दें सूचना

 

प्रदेश की चीनी मिलों, इफको, कृभको तथा एफ.एम.सी. कार्पोरेशन के साथ कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अन्तर्गत की जाने वाली गतिविधियों पर की गई बैठक

 

सी.एस.आर. गतिविधियों के तहत किसानों के लिये सार्वजनिक शौचालय, स्वच्छ पेयजल, सौर ऊर्जा से चलित स्टीªट लाईट, किसानों के बैठने के लिए बेंच, चबूतरा एवं टीनषेड की व्यवस्था, आदि कार्यक्रम किये जाएंगे शामिल

 

गन्ना किसानों के आंखों की सुरक्षा के लिये जीरों पावर के चष्में का वितरण भी किया जायेगा:भूसरेड्डी

 

सिंगल यूज प्लास्टिक के चलन को बन्द करने हेतु जूट/कपड़ों के थैलों का किसानों के मध्य होगा वितरण


लखनऊ।  प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उ.प्र. संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों एवं निजी चीनी मिल समूहों के प्रतिनिधियों के साथ समेकित सी.एस.आर. क्रियाकलापों की तैयारी हेतु बैठक स्कालर हास्टल के सभाकक्ष मे सम्पन्न हुई। .

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर गन्ना समितियों में गन्ना किसानों को मूलभूत सुविधायें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं तथा कुछ ग्रामों में इन सुविधाओं की नितान्त आवष्यकता है जिसकी उपलब्धता सुनिष्चित करने हेतु पूरे प्रदेष में समेकित सी.एस.आर. गतिविधियों को नये सिरे से क्रियान्वित किये जाने की आवष्यकता है।

उपर्युक्त सामाजिक गतिविधियों पर विचार-विमर्ष करते हुए यह निर्णय लिया गया कि चीनी मिलों एवं गन्ना खेती से जुड़े कृषि रसायनों की आपूर्ति करने वाली संस्थाएं जैसे  इफको,कृभको एवं एफ.एम.सी. कार्पोरेशन सामाजिक उत्थान एवं ग्रामीण जीवन से जुड़े इन कार्यों में सुधार हेतु अपना योगदान सुनिश्चित करें। कम्पनी अधिनियम 2013 के अन्तर्गत रू.500 करोड़ नेटवर्थ अथवा रू.1000 करोड़ के टर्नओवर अथवा 5 करोड़ से अधिक शुद्ध लाभ वाली चीनी मिलों को अपने 3 वर्षों का औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिषत कार्पोरेट सोषल रिस्पांसिबिलिटी में खर्च करना आवष्यक है जिसके अन्तर्गत आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय विकास से जुड़ी गतिविधियों में अपना योगदान दिया जा सकता है। सभी प्रतिभागी संस्थाओं से सी.एस.आर. के अन्तर्गत सम्पादित किये गये क्रियाकलाप तथा आगामी वर्ष में प्रस्तावित किये गये कार्यों का विवरण अगले 15 दिवस में उपलब्ध कराने के निर्देश भी बैठक में दिये गये।

गन्ना समितियों में सत्र के दौरान अनेकों गन्ना कृषक पहुंचते हैं, जिन्हें सी.एस.आर. गतिविधियों के अन्तर्गत बेहतर सार्वजनिक सुविधा प्रदान करने के लिये स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था करने तथा आर.ओ. के स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता कराने हेतु बैठक में निर्देशित किया गया। किसानों के बैठने के लिए चीनी मिल क्षेत्रों/ग्रामों/समिति कार्यालयों में सीमेन्ट की बेंच, चबूतरा, टीनशेड और प्रकाश की व्यवस्था के लिये सौर ऊर्जा चलित एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगवाने तथा स्थानीय स्तर पर गन्ना किसानों की सुविधा हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन,मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत नीम के पौधों का रोपण करने हेतु चीनी मिलों, इफ्कों, कृभकों, एफ.एम.सी. के प्रतिनिधियों को निर्देषित किया गया।

सिंगल यूज प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग एवं इससे होने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा इस पर प्रतिबन्ध लगाया गया है जिसके स्थान पर जूट एवं कपड़े के थैले का इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता कैम्प लगाकर इनका वितरण करने के निर्देष निर्गत किये गये। इसके साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों/समिति स्तर/चीनी मिल स्तर पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर गन्ना किसानों/ग्रामीणों की छोटी-मोटी बीमारियों का परीक्षण कर इलाज की व्यवस्था करने सम्बन्धी निर्देश भी बैठक में दिये गये। यह भी विचार किया गया कि गन्ना बंधाई के दौरान गन्ने के पत्तों से आंखों के आसपास की त्वचा छिलने एवं कार्निया के छतिग्रस्त होने की सम्भावना बनी रहती है इस हेतु आंखों की सुरक्षा के लिए जीरो पावर के चश्मे का वितरण भी किया जाना प्रस्तावित है।

उक्त के अतिरिक्त इफ्कों द्वारा रू.4,000 का बीमा प्रति उर्वरक बैग की खरीद पर किसान को प्रदान किया जाएगा बीमा की यह राषि अधिकतम 1,00,000 होगी साथ ही कृषकों को रू.1,000 का बीमा रू.150 का कीटनाशक खरीदने पर प्रदान किया जाएगा, रू.150 से अधिक का कीटनाशक खरीदने पर यह बीमा खरीद मूल्य के 6.67 गुणा तक हो सकता है बीमा की यह राशि अधिकतम रू.1,00,000 होगी। 

प्रमुख सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि इसकी नियमित समीक्षा भी की जाएगी तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अन्तर्गत चीनी मिलें एवं अन्य सम्बन्धित संस्थायेे वही कार्य सम्पादित करेंगी जो गन्ना किसानों एवं ग्रामीणों के सामाजिक, आर्थिक एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण में सहायक और उनके गरिमामय जीवनयापन के अनुकूल हों।