निवेशकों को नीतिगत् प्रोत्साहन नियमानुसार अवश्य प्रदान किए जाएंगे: सतीश महाना
औद्योगिक विकासमंत्री ने की ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोहों में शिलान्यास की गई निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा

 

 जो अधिकारी ढिलाई बरतेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

 

लगभग 70 परियोजनाओं का क्रियान्वयन हुआ पूर्ण

50 से अधिक निवेशकों से हुआ त्रिपक्षीय संवाद एवं समस्या निवारण

 

लखनऊ। गत्वर्ष फरवरी मेंयू.पी. इन्वेस्टर्स समिट 2018 के सफल आयोजन तथा जुलाई 2018 एवं जुलाई 2019 में लगभग 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश की लगभग 370 परियोजनाओं के शिलान्यास के उपरान्त अब उत्तर प्रदेश सरकार इन निवेश परियोजनाओं के सुचारू व शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वयन के लिए तत्पर है।

इस संबंध में, आज यहां योजना भवन मेंमा.औद्योगिकविकास मंत्री, सतीश महाना की अध्यक्षता में निवेशकों के साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया गया।अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी), श्री आलोक टण्डन एवं अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव, श्री राजेश कुमार सिंह ने संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों व सचिवों सहित निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक-एक निवेशक के साथ व्यापक वार्ता एवं चर्चा की। आज लगभग 50 निवेशकों को आमंत्रित किया गया था,जिनकी निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोहों में किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश के मा. औद्योगिक विकास मंत्री, सतीश महाना ने कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत, जब एमओयू किए गए और भुला दिए गए, अब उद्यमियों को पूर्ण विश्वास है कि माननीय मुख्यमंत्री जी के सक्षम मार्गदर्शन के तहत हमारी सरकार औद्योगीकरण के विषय में गंभीर है तथा उत्तर प्रदेश को निवेश हेतु सबसे पसंदीदा राज्यबनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों को सम्बोधित करते हुएमा. मंत्री जी ने कहा कि ग्राउण्डब्रेकिंग समारोहों में जिन निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा चुका है, उनका सुचारू एवं बाधारहित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इसमें जो अधिकारी ढिलाई बरतेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने सभी निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य की नीतियों में प्राविधानित प्रोत्साहनों को अवश्य प्रदान किया जाएगा।

प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास ने बताया कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद निवेशकों के साथ सतत संवाद एवं एमओयू की कार्यान्वयन की स्थिति के निरन्तर अनुश्रवण के कारण अब तक लगभग 70 निवेश परियोजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि अन्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन को शीघ्र पूर्ण कराकर उनमें वाणिज्यिक उत्पादन अथवा सेवाएं शुरू कराने के लिए समस्त सम्बंधित विभागों को यथोचित एवं समयबद्ध रूप से कार्यवाही करनी चाहिए।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उ.प्र. राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा)- श्री अनिल गर्ग ने बताया किशीघ्र हीयूपीसीडाके अन्तर्गत उपलब्ध औद्योगिक भूखण्डों की सूचना वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।

वल्र्ड ट्रेड सेंटर डेवलपमेंट कम्पनी, इन्फोसिस लि., हायर अप्लायंसेस इण्डिया लि., केएचवाई इलेक्ट्राॅनिक इण्डिया, उप्पल्स आईटी प्रोजेक्ट्स, लियानचैंग इलेक्ट्राॅनिक इण्डिया, चेनफेंग टेक लि., मेदान्ता, नन्दवन मेगा फूड पार्क, हल्दीराम स्नैक्स, करन फ्रोज़न एण्ड कोल्ड स्टोरेज, क्रीमी फड्स, टोरेंट गैस, भारत गैस रिसोर्सेज़, ईडन रिन्यूवेबल जैस्मिन, फ्यूजियामा पावर सिस्टम्स, भारत पट्रोलियम, जेके सीमेंट, फ्लेविकाॅन इको बोडर््स इत्यादि 50 से अधिक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों नेसंवाद में भाग लिया। इन कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का प्रस्ताव दिया है, जैसे- सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, कागज, वस्त्रोद्योग, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, सौर ऊर्जा, डेयरी आदि। इस वृहद् बैठक में आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स,ऊर्जा, पर्यटन, आवास, खाद्य-प्रसंस्करण, वन एवं पर्यावरण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आबकारी विभाग तथा नोएडा व ग्रेटर नोएडा सहित अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के उच्चाधिकारियों ने भाग लिया।