कार्यशाला में केएचपीटी के प्रतिनिधियों द्वारा तकनीकी जानकारी दी गयी। यह अवगत कराया गया कि मुख्यतः भारतवर्ष में खाद्य तेल, दूध में विटामिन-ए एवं डी तथा चावल, गेहूॅ के आटे में आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी-12 तथा खाद्य नमक में आयोडीन एवं आयरन फोलिक एसिड का फोर्टिफिकेशन किया जाता है। उक्त फोर्टीफाईड खाद्य पदार्थो की पैकिंग पर का लोगो एवं तथा ''सम्पूर्ण पोषण स्वस्थ जीवन'' अंकित किया जाये। माइक्रोन्यूट्रिएन्ट्स प्रिमिक्स के बारे में भी विस्तार से बताया तथा साथ ही यह भी बताया गया कि केवल टोन्ड, डबल टोन्ड मिल्क आदि) का ही फोर्टिफिकेशन किया जाता है। फुल क्रीम मिल्क तथा गाय के दूध में फोर्टिफिकेशन की आवश्यकता नही होती है। कृष्णा राव, प्रतिनिधि हेरीटेज फूड लिमिटेड, आन्ध्र प्रदेश द्वारा अपनी यूनिट में किये जा रहे फोर्टिफिकेशन के अनुभव को साझा किया गया।
उक्त कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव के अलावा श्रीमती मिनीस्ती एस., आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग मुख्यालय के वरिष्ट अधिकारी व समस्त मण्डलों के सहायक आयुक्त खाद्य उपस्थित रहे तथा प्रदेश के मुख्य दुग्ध उत्पादक अमूल डेयरी, पराग डेयरी, ज्ञान, नमस्ते इण्डिया, श्याम डेरी-इलाहाबाद, जीवन आनन्द-हरदोई, मिलन डेयरी-आगरा, पूर्वाचल एग्रो-गाजीपुर आदि भी सम्मिलित रहे।