सरुवा गांव में मुस्लिम परिवारों ने भाईचारे की मिसाल पेश की



गांव में40 प्रतिशत आबादी मुस्लिम परिवारों की है


दिवाली किसी के घर तक सीमित नहीं रही बल्कि पूरे गांव में इसका जश्न मना


कीर्तन में मन रमाया, मिलजुलकर की गांव की सफाई


शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सभी मुस्लिम परिवार इक्ट्ठा हुए


हर गली-हर मकान झालरों व दीयों से रोशन किया









 लखनऊ। लखनऊ से 15 किलोमीटर दूर बाराबंकी के सरुवा गांव में मुस्लिम परिवारों ने भाईचारे की मिसाल पेश की। उन्होंने दीपावली पर पूरे गांव की साफ-सफाई की। हर गली-हर मकान झालरों व दीयों से रोशन किया। इस मौके पर हिन्दू परि वारों ने खील-चूरा और गट्टा-खिलौना से सबका मुंह मीठा करा दिल जीत लिया। रात में सभी लोग गांव के प्राइमरी स्कूल में इक्ट्ठा हुए। जहां ढोल-मजीरों की ताल पर प्रभु श्रीराम के नगर आगमन का स्वागत कीर्तन हुआ। आखिर में जोरदार आतिशबाजी के बीच सभी ने गले लगकर एक-दूसरे को दिवाली की बधाई दी। 67 वर्ष के मोहम्मद सलीम पांच वर्षीय पोते सरफराज को कंधे पर बैठाकर आतिशबाजी दिखाते रहे।























सौहार्द और सद्भाव की यह ह्यप्रेम दीपावली देख हिन्दू परिवारों ने सभी मुस्लिम भाई-बहनों को अगली ईद उनके घरों में मनाने का न्योता दिया। प्रधान रामकरन ने बताया कि गांव की कुल आबादी 2100 है। जिसमें से करीब 40 प्रतिशत आबादी मुस्लिम परिवारों की है। सभी एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप से रहते हैं। पिछली बार अयोध्या में देव दीपावली मनाई गई तो गांव के नईम सिद्दीकी के मन में प्रेम दीपावली मनाने का ख्याल आया। उन्होंने इसकी चर्चा की तो सभी मुस्लिम परिवार खुशीखुशी तैयार हो गए।


नईम ने बताया कि उत्सव की शुरुआत धनतेरस से की गई। गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर बरेठी बाजार में पूजन सामग्री और बर्तनों की दुकानें सजी थीं। प्रत्येक मुस्लिम परिवार ने पड़ोसी हिन्दू भाई को भेंट देने के लिए अपनी सामथ्र्य अनुसार बर्तन खरीदे। बड़ी तादाद में बुर्कानशीं महिलाएं पूजन सामग्री खरीदने पहुंची तो दुकानदार भी अवाक रह गए। उन्हें प्रेम दीपावली के बारे में बताया गया तो दुकानदारों ने अपना मुनाफा छोड़ कर सौदा दिया।


नईम सिद्दीकी की पत्नी शहाना ने बताया कि इस बार दिवाली किसी के घर तक सीमित नहीं रही बल्कि पूरे गांव में इसका जश्न मना। इसके लिए शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सभी मुस्लिम परिवार इक्ट्ठा हुए। बच्चों, महिलाओं और पुरुषों ने मिलकर पूरे गांव में साफ-सफाई की। हर गली, सड़क और चौहद्दी में झाडू लगाने के बाद पंचायत भवन और प्राइमरी स्कूल को चमकाया गया। सभी ने चंदा कर के रुपये इक्ट्ठा किए जिससे सड़कों के दोनों तरफ बल्लियां लगाकर झालरें लगाई गईं। ताकि सौहार्द की जगमगाहट हर ओर फैले।


गांव के सादिक रिजवी, फिरोज हैदर, जौहर मेंहदी, अली जाफर , सरदार हुसैन और मंजुरुल हसन समेत सभी बुजुर्ग नया कुर्ता-पायजामा और कोटी पहनकर प्रेम दीपावली के जलसे में पहुंचे। प्राइमरी स्कूल में कीर्तन मंडली बुलाई गई थी। गायकों ने राम-लक्ष्मण-जानकी की महिमा का बखान गीत के रूप में किया तो हिन्दू-मुस्लिम सभी ने मिलकर जयकारे लगाए। इस खुशनुमा माहौल को हिन्दुओं के संग भोजन ने दोगुना कर दिया।