लखनऊ । प्रदेश में नवीनतम भूजल संसाधानों के अंाकलन के लिए वर्ष 2020 में फिर से अध्ययन कराया जायेगा। जिससे विगत वर्षों में किये जा रहे रिचार्ज योजनाओं की सफलता का सही अनुमान लगाया जा सके।
भूगर्भजल विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2013 के बाद से भूजल संसाधनों का आकंलन नहीं हो पाया था। भूगर्भ जल विभाग ने इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास करते हुए वर्ष 2017 के आंकड़ों के आधार पर नवीनतम भूजल संसाधन का आंकलन किया है, जिससे संकटग्रस्त भूजल क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति का पता लगाया जा सके। वर्ष 2017 के आकंडों के आकलन के अनुसार वर्तमान में प्रदेश के 82 विकास खण्ड अति दोहित तथा 47 विकास खण्ड क्रिटिकल एवं 151 विकास खण्ड सेमी-क्रिटिकल श्रेणी में रखे गये है। इसको दृष्टिगत रखते हुए ंअतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों मंे विभिन्न विभागों द्वारा जल संचयन की योजनाएं संचालित की जा रही है।