भाजपा ने बिछाई बिसात

लखनऊ। विधान परिषद के शिक्षक क्षेत्र के शिक्षक मतदाताओं में वित्तविहीन विद्यालय के  शिक्षकों का 70 फीसदी वोट हासिल करने के लिए भाजपा ने गोटें बिछानी शुरू कर दी हैं। शिक्षकों को अपने पाले में लाकर शिक्षक क्षेत्र की सभी छह सीटों को जीतने की कोशिशों के चलते भाजपा ने माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष व एमएलसी डा.उमेश द्विवेदी को पार्टी में शामिल किया। उनके साथ ही संगठन के महासचिव अजय सिंह को भी पार्टी में शामिल कर लिया। इतना ही नहीं वित्त विहीन शिक्षकों की पैरवी कर उन्हें निर्वाचन आयोग से वोट का अधिकार भी दिलाया।  उच्च न्यायालय ने वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को साल 2008 में ही शिक्षक क्षेत्र की विधानपरिषद सीटों के लिए वोट देने का अधिकार दे दिया था। बसपा सरकार में वित्त विहीन शिक्षक ये अधिकार पा गए। बाद में तत्कालीन सपा सरकार ने निर्वाचन आयोग के सामने इन्हें अशंकालिक शिक्षक बताकर इन्हें वोट के अधिकार से वंचित कर दिया। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इन वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को वोट देने का अधिकार दिलाने के लिए पैरवी की गई। निर्वाचन आयोग के सामने शिक्षकों के पूर्णकालिक होने के तथ्य पेश किए गए। माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष व एमएलसी डा.उमेश द्विवेदी बताते हैं कि  शिक्षक क्षेत्र की छह विधानपरिषद सीटों पर करीब दो लाख वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षक मतदाता हैं। भारतीय जनता पार्टी  दो अप्रैल को खाली हो रहीं विधानपरिषद की शिक्षक क्षेत्र की छह और स्नातक क्षेत्र की पांच सीटों पर  अपना अधिकृत प्रत्याशी उतारेगी।