लखनऊ। उप्र के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि छात्रों को शिक्षा के साथ ही राजनतिक ज्ञान भी अति आवश्यक हैं। यही छात्र आगे चलकर सांसद एवं विधायक तथा जनप्रतिनिधि बनकर देश के विकास में योगदान तथा सामाजिक समस्याओं के समाधान में सहायता प्रदान करेगें।
श्री पाठक ने आज यहां गोमती नगर स्थित भारतेन्दु नाट्य अकादमी में केन्द्रीय विद्यालय संगठन लखनऊ द्वारा आयोजित ''32 केन्द्रीय विद्यालय संगठन आचंलिक युवा संसद प्रतियोगिता-2019'' के उद्द्याटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस युवा संसद प्रतियोगिता में बच्चों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। किस तरह से संसद में प्रस्ताव लाया जाता है, किस तरह से सांसद शपथ ग्रहण करते हैं, किस तरह से संसद में विवेचक लाते है तथा किस प्रकार से प्रश्न उठाए जाते है और संसदीय प्रक्रिया का पालन करतें हुए मुद्दे उठाये जाते है। इस प्रतियोगिता में सभी बच्चों को सीखने का बहुत ही अच्छा अवसर मिलेगा कि कैसे विधेयक पारित होते है।
विधायी एवं न्याय मंत्री ने कहा कि भारत ''दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र'' है। समय-समय पर देशहित के एवं स्थानीय मुद्दों को संसद में उठाया जाता हैं। बहुमत के आधार पर निर्णय होता है। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष की भूमिका का महत्व होता है। सत्ता पक्ष किसी प्रकार की कोई मनमानी न कर सके, इसके लिए विपक्ष जोरदार आवाज उठाता है। विपक्ष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने इस प्रतियोगिता की सराहना करते हुए आयोजकों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी, उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन विरेन्द्र चैबे, सहायक आयुक्त प्रीति सक्सेना, सहायक आयुक्त श्रीमती संध्या श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य डा. जी.बी.वर्मा सहित शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।