जब्त व नष्ट की गयी सामग्री की मात्रा 2.48 लाख किलो व उसका अनुमानित मूल्य 3 करोड़ 29 लाख रूपये : डा. अनिता भटनागर जैन
लखनऊ। दीपावली के पर्व में दुग्ध उत्पाद, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थो की माँग में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने के कारण उनमें अपमिश्रण की सम्भावना के दृष्टिगत डा0 अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उ0प्र0 शासन के निर्देश पर विभाग द्वारा दीपावली से 10 दिन पूर्व विस्तृत अभियान प्रारम्भ किया गया था, जो दिनांक 17.10.2019 से 26.10.2019 तक चलाया गया। अभियान में सात श्रेणी- 1.खोया, 2. दूध एवं दुग्ध पदार्थ से निर्मित मिठाईयाँ एवं सोनपापड़ी, 3. खाद्य तेल, 4. वनस्पति एवं घी, 5. रंगीन चीनी के खिलौने, 6. नमकीन, 7. अन्य के खाद्य पदार्थों में जनपदवार दैनिक समीक्षा शासन स्तर पर की गयी। प्रश्नगत अवधि में कुल 6430 निरीक्षण, 2553 छापे, 3008 नमूने संग्रहीत किये गये। जब्त व नष्ट की गयी सामग्री की मात्रा 2.48 लाख किलो है और उसका अनुमानित मूल्य 3 करोड़ 29 लाख रूपये है। प्रश्नगत कार्यवाही व जब्त की गयी सामग्री एवं उसके मूल्य की ये सर्वाधिक उपलब्धि है। जब्त किये गये सामान में मुख्यतः खाद्य तेल व मिठाईयाँ थी।
डा. भटनागर ने बताया कि अभियान के दौरान विभिन्न खाद्य पदार्थो के एकत्रित किये गये नमूने प्रत्येक दिन विशेष वाहक के माध्यम से गोपनीय रूप से आवंटित प्रयोगशालाओं को प्रेषित किये गये। लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी व आगरा, समस्त प्रयोगशालाओं की दैनिक विश्लेषण की समीक्षा भी शासन स्तर पर की जाती है। अब तक विश्लेषित सैम्पल के आधार पर 7.5ः असुरक्षित, 40.5ः अधोमानक, 17ः मिसब्राण्डेड व 35ः मानकानुसार पाये गये हैं। विश्लेषित खाद्य पदार्थो में सर्वाधिक मानकानुसार तेल 49.5ः, दूध 48.7ः तथा मिठाईयाँ 41ः पाये गये हैं। विभिन्न खाद्य पदार्थो में मिसब्राडिंग में बैच नम्बर का न होना, पैकेजिंग तिथि का न होना, निर्माता का पूरा पता न होना और किस अवधि तक खाद्य पदार्थ का उपयोग किया जा सकता है यह इंगित न होना आदि कारण रहे जोकि सर्वाधिक 77.8ः विश्लेषित नमकीन के नमूनों में रहे जबकि दुग्ध व दुग्ध पदार्थ में मिसब्राडिंग नहीं थी। अधोमानक में 72ः में दुग्ध पदार्थ व 48.7ः में दुध के नमूने रहे। असुरक्षित श्रेणी में 18ः अन्य खाद्य पदार्थ, 10ः मिठाई में रहा जबकि अन्य खाद्य पदार्थो में यह 2 से 4ः के मध्य रहा।
अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि विश्लेषित खाद्य पदार्थो में असुरक्षित का कारण दुग्ध पदार्थो में दूध फैट के अलावा अन्य स्रोत का फैट होना या डिटरजेन्ट होना, मिठाइयों में दुग्ध स्रोत के अलावा अन्य फैट होना व अनुमन्य रंग न होना। नमकीन में मुख्यतः अन्य रंग का न होना या अत्यधिक रंग का उपयोग होना। तेल, वनस्पति, घी आदि में सिन्थेटिक रंग होना अथवा अनुमन्य रंग का न होना मुख्य कारण थे। जो भी विश्लेषित खाद्य पदार्थ मानकानुसार नहीं पाये गये उनमें सभी सम्बन्धित के विरूद्व खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लगातार जनमानस को खाद्य पदार्थों के सम्बन्ध में जागरूक करने हेतु अभियान चलाये जा रहे हैं।