हिण्डन रिवर बेसिन के भूजल नमूनों की जांच होगी
लखनऊ। प्रदेश में कई स्थानों पर भूजल की गुणवत्ता दूषित होने के मामले प्रकाश मंे आये है। इस समस्या के समाधान के लिए भूगर्भ जल विभाग पहली बार देश की सर्वोच्च तकनीकि संस्था भारतीय विष विज्ञान संस्थान, लखनऊ के साथ एमओयू करते हुए भूजल के नमूनों की जांच कराने का फैसला लिया है, जिससे भूजल गुणवत्ता का सटिक आकलन किया जा सके। 

जल शक्ति विभाग के अधीन भूगर्भ जल विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में चरणबद्ध रूप से रीवर बेसिन को चिन्हित करते हुए भूजल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जायेगा। इस क्रम में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष भूजल संस्थानों की गुणवत्ता का अनुश्रवण एवं मैपिंग योजना में हिण्डन बेसिन को चिन्हित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिण्डन बेसिन में प्री-मानसून अवधि के भूजल  नमूनों को एकत्र कर भारतीय विष विज्ञान संस्थान, लखनऊ द्वारा परीक्षण कराया जा चुका है। इसके पश्चात पोस्ट-मानसून के नमूनों के अध्ययन के पश्चात हिण्डन बेसिन के भूजल गुणवत्ता का विस्तार से आकलन किया जा सकेगा। आकंलन की संस्तुतियों के आधार पर विभिन्न कार्यदारी विभाग पेयजल एवं कृषि उपयोग के लिए सुरक्षित जलापूर्ति के क्षेत्रों को चयनित कर सकेंगे।