जमीन पर न तो संगठन खड़ा हो पा रहा है और न हीं जनता के बीच कांग्रेस को लेकर कोई हलचल

लखनऊ। बीते तीन दशक से यूपी में राजनीतिक वनवास झेल रही  कांग्रेस लगातार हार के बाद सबक नहीं लेती दिख रही है। जमीनी हकीकत से दूर रहकर बयानबाजी में उलझ कर रह गयी कांग्रेस 2022 में यूपी में सरकार बनाने का सपना देख रही है। जनता के बीच जाकर जनाधार बढ़ाने एवं सत्तारूढ़ भाजपा का मुख्य प्रतिद्घंदी बनने के लिए पार्टी नेतृत्व कार्यक्रम तो खूब बनाता है लेकिन वह जमीन पर आते-आते हवा हो जाता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी इन दिनों दिल्ली में 14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली भारत बचाओ रैली को कामयाब बनाने के लिए भीड़ जुटाने में लगी है। क्योंकि नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की यह पहली अग्नि परीक्षा होने जा रही है। 



यूपी सहित पूरे देश में घटता जनाधार देख कांग्रेस आगामी 14 दिसम्बर को दिल्ली में भारत बचाओ रैली करने जा रही है। इस रैली को पार्टी राष्टï्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी संबोधित करेंगी। रैली में भीड़ जुटाने की कोशिश इन दिनो प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा की जा रही है। इसके लिए नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सभी जिलों में प्रभारी एवं जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी तय कर दी है। इन्हे बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा करने तथा इस रैली में हर जिले से एक हजार की भीड़ दिल्ली लेकर जाने का निर्देश दिया गया है। इसकी  तैयारी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कई बैठकें हो चुकी है। क्योंकि अजय कुमार लल्लू की प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यह पहली अग्नि परीक्षा होने जा रही है। 

प्रदेश अध्यक्ष द्वारा हाल में बढ़ती  बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कार्यक्रमों का ऐलान किया गया। जिसमें 5 नवम्बर से 13 नवम्बर तक हर जनपद में प्रेस कांफ्रेस विकास खण्ड स्तर पर नुक्कड़ सभाएं, जुलूस, बर्तन बजाकर विरोध प्रदर्शन, विधानसभा स्तर पर शिविर लगाकर लोगों की समस्याएं सुनना शामिल था। यह सभी कार्यक्रम जनता के बीच नहीं दिखायी  दिये। वहीं संगठन को लेकर नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की सक्रियता भी कहीं नहीं दिख रही है। रही बात पीसीसी कार्यालय की तो यहां भी दिन भर सन्नाटा पसरा रहता है शाम को जरूर कुछ नेता पार्टी कार्यालय थोड़ी देर के लिए आ जाते हैं।

वहीं  लंबे समय से यूपी की सत्ता से दूर कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने के लिए पार्टी हाईकमान ने इधर कई बदलाव किए हैं। विगत लोकसभा चुनाव के दौरान ही हाईकमान ने प्रियंका गांधी को महासचिव बनाकर पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी सौंप दी। इस चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने कई जनपदों में रोड शो एवं बैठकें की। लेकिन नतीजा सिफर रहा और अमेठी से राहुल गांधी तक को हार का सामना करना पड़ा। कुछ दिनों बाद यूपी में फिर प्रियंका सक्रिय हुई और उन्होंने बदलाव आरंभ कर दिये। उन्ही के मनपंसद विधायक अजय कुमार लल्लू को  प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी। जिलों के अध्यक्ष भी उन्हीं के  पंसद बनाये जा रहे है। सरकार के खिलाफ चाहे वह सोनभद्र का मामला हो या फिर चिन्मयानंद व उन्नाव, बिजली दरों की वृद्घि या पीएफ  घोटाला सभी में सक्रिय रहती है। इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष भी धरना एवं बयानबाजी देकर शांत हो जाते हैं। इसीलिए जमीन पर न तो संगठन खड़ा हो पा रहा है और न हीं जनता के बीच कांग्रेस को लेकर कोई हलचल।   

पार्टी प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि इन दिनों भारत बचाओं रैली को लेकर तैयारियां तेज चल रही है और यूपी से ठीक ठाक भीड़ दिल्ली जायेगी। इसके लिए प्रभारी एवं जिलाध्यक्ष लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं। वही उनका कहना है कि पार्टी ने जो पूर्व में कार्यक्रम घोषित किये थे वह सभी सम्पन्न हो चुके हैं। संगठन को भी बूथ स्तर पर मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि कांग्रेस का जनाधार इधर बीच बढ़ा है लोग पार्टी को अब आशा भरी निगाहों से देख रहे है। 2022 के आम चुनाव में कांग्रेस ही यूपी में सरकार बनायेगी।