कांग्रेस के प्रश्नों पर चुप्पी साधे बैठे हैं ऊर्जा मंत्री : अजय लल्लू 

एजेंडा नियत करने के निर्देश मौखिक थे या लिखित। उस नोट पर किसके आदेश और दस्तखत है। 2018 में अगर डीएचएफ़एल ने प्रस्ताव दिया तो पहले कैसे निवेश हुआ। क्या पूर्व में भी कोई प्रस्ताव डीएचएफ़एल द्वारा दिया गया था। क्रेडिट रेटिंग के सापेक्ष निवेश किए जाने का आधार और गाइड लाइंज़ क्या है, वित्त विभा

 

लखनऊ, । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को विद्युत कर्मचारियों, अभियंताओं के कार्य बहिष्कार का समर्थन करते हुए एक बार फिर से ऊर्जा मंत्री व प्रदेश सरकार से आठ सवाल पूछे। अजय लल्लू ने कहा कि कांग्रेस के आठ प्रश्नों पर क्यों चुप्पी साधे बैठे है ऊर्जा मंत्री, कुछ बोलते क्यों नही। 

 

अजय कुमार लल्लू ने आठ प्रश्नों में प्रदेश सरकार, ऊर्जा मंत्री को घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार डीएचएफ़एल में प्रॉविडेंट फ़ंड निवेश को लेकर जितनी भी इन्वेस्टमेंट के लिए बैठकें हुईं, उनके एजेंडे और उसके सापेक्ष हुई बैठक के मिनट को सार्वजनिक करें। ताकि यह देखा जा सके कि एजेंडा क्या था और निर्णय क्या हुए। निर्णयों से कौन सहमत और असहमत था, यहां यह भी जानना आवश्यक है कि एजेंडा किस तारीख़ को जारी किया गया। एजेंडा बनाने की ज़िम्मेदारी किसकी थी, क्या एजेंडा बनाने वाला ख़ुद से एजेंडा तय कर रहा था?

 

लल्लू ने कहा कि एजेंडा नियत करने के निर्देश मौखिक थे या लिखित। उस नोट पर किसके आदेश और दस्तखत है। 2018 में अगर डीएचएफ़एल ने प्रस्ताव दिया तो पहले कैसे निवेश हुआ। क्या पूर्व में भी कोई प्रस्ताव डीएचएफ़एल द्वारा दिया गया था। क्रेडिट रेटिंग के सापेक्ष निवेश किए जाने का आधार और गाइड लाइंज़ क्या है, वित्त विभाग इस पर मौन क्यूं है। कांस्पीरेसी लॉ के तहत मदद करने वाले, सलाह देने वाले, अगर अप्रत्यक्ष रूप से भी शामिल है तो क्या सरकार उन पर कार्रवाई करेगी।

 

उन्होंने कहा कि संजय अग्रवाल, आलोक कुमार, अपर्णा, विशाल चौहान की भूमिका पर सरकार स्पष्ट करें कि मिनट आफ मिटिंग में यह कैसे पास कर दिया गया कि आगे की निवेश की ज़िम्मेदारी सचिव (ट्रस्ट) और निदेशक वित्त की सलाह, अनुमोदन पर होगा। 

 

उन्होंने कहा कि 24 मार्च, 17 के कार्यव्रत में निवेश को लेकर राष्ट्रीय बैंक, ट्रिपल एएए क्रेडिट रेटिंग कम्पनी में निवेश बदलकर नोटिफिकेशन दो मार्च 2015 के अनुसार करने का प्रस्ताव पास किया गया। यह नोटिफ़िकेशन क्या है। अखिलेश यादव के समय किया गया नोटिफ़िकेशन का आधार क्यूं लिया गया। क्या पूर्ववर्ती सरकार ने कोई नोटिफ़िकेशन ऐसा जारी किया तो क्यूं। 21 मार्च 17 पर तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने सहमति जताते हुए स्पष्ट लिखा था कि बैठक अवश्य अप्रैल माह में बुला ली जाये, अप्रैल की बैठक हुई की नहीं यदि हुई तो किसकी उपस्तिथि में हुईं। इसकी जानकारी प्रदेश सरकार दें।