‘कबीर’ के रूप में पर मंच पर होंगे पद्मश्री शेखर सेन
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी का स्थापना दिवस तेरह को

लखनऊ, । उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर 13 नवम्बर की शाम अकादमी के संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह गोमतीनगर में धरोहर शीर्षक के अंतर्गत सांगीतिक एकल नाट्य प्रस्तुति 'कबीर' का मंचन आयोजित कर रही है। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री डा.नीलकण्ठ तिवारी मुख्य अतिथि होंगे।
अकादमी के सचिव तरुण राज ने बताया कि प्रदेश में संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 13 नवम्बर 1963 में एक स्वायत्तशासी संस्थान के तौर पर हुई थी। अकादमी के 56 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्थापना दिवस की शाम तुलसी, कबीर, विवेकानंद और सूरदास जैसे अपने एकल अभिनीत संगीत नाटकों के लिए ख्यातिप्राप्त गीतकार, संगीतकार, गायक व अभिनेता पद्मश्री शेखर सेन यहां कबीर की प्रस्तुति देंगे। कबीर की यह प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर एक अनोखे अध्यात्मिक धरातल पर ले जाने की सामथ्र्य रखती है। जो आज के इस वातावरण से बहुत अलग और सदियो दूर कबीर की काशी के वातावरण को जीवंत करती है।
इस प्रस्तुति के बारे में शेखर सेन का कहना है कि भारतीय इतिहास में संत कबीर एक ऐसे संत कवि हुए हैं जिनपर सबसे ज्यादा करीब चार लाख शोध किए गए हैं। कबीर की जीवनी पर आधारित यह नाटक उन्होंने 78 किताबें पढ़ने के बाद लिखा। कबीर नाटक का पहला मंचन उन्होंने 1999 में किया था। इसके बाद से अब तक इसके चार सौ 25 से अधिक प्रदर्शन कर चुके हैं। कई भाषाओं के जानकार सेन ने कबीर में अवधी भाषा का भी प्रयोग किया है। एकल नाटक में कबीर के जन्म से लेकर मृत्यु तक की संपूर्ण जीवनी को मंच पर उतारने का प्रयास है। वह हर नाटक में संगीत का इस्तेमाल करके उसे और जीवंत बनाते हैं।
क़रीब दो घण्टे की इस संगीतमय प्रस्तुति में कबीर की 45 छोटी-बड़ी रचनाओं को प्रस्तुत किया गया है।