मानवता देख लोग कर रहे हैं एसडीएम की सराहना







इनको बचाना जरूरी है, मैं पैदल ही चला जाऊंगा.. 


















 सीतापुर।  प्रशासनिक अमले के एक अफसर ने मानवता की मिसाल पेश की है। जिले में तैनाती के बाद से अपनी कार्यशैली और व्यवहार से लोगों का दिल जीतने वाले एसडीएम सदर ने मंगलवार को इंसानियत की ऐसी तस्वीर पेश की, जो सरकारी सिस्टम के लिए किसी नजीर से कम नहीं है। दरअसल, एसडीएम सदर अमित भट्ट मंगलवार की शाम को गल्ला मंडी का निरीक्षण करने के लिए सरकारी गाड़ी से जा रहे थे। वह कैप्टन मनोज पांडेय चौक पार कर गल्लामंडी के करीब पहुंचे थे, इस बीच उनकी नजर डिवाइडर के उस तरफ सड़क किनारे लगी भीड़ पर पड़ी। उन्होंने तत्काल गाड़ी रुकवाई और मांजरा समझने के लिए मौके पर पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि एक युवक और दो बच्चे सड़क किनारे घायलावस्था में पड़े कराह रहे थे। पब्लिक भीड़ लगाए खड़ी थी, लेकिन घायलों की मदद को कोई आगे नहीं आ रहा था। ये देखकर एसडीएम की इंसानियत जाग उठी। उन्होंने फौरन अपनी सरकारी गाड़ी बुलाकर उसमें घायलों को ले जाने का आदेश ड्राइवर को दिया। एसडीएम ने लोगों की मदद से घायलों को गाड़ी में बिठाया। इसके बाद ड्राइवर गाड़ी से मछरेहटा के नियाजपुर निवासी छोटक्के 22 समेत तीनों घायलों को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया। उधर, एसडीएम अमित भट्ट पैदल ही वहां से चल पड़े और करीब दो किमी से अधिक दूरी पैदल ही तय करने के बाद अपने आवास पर पहुंच गए। एसडीएम की मानवता देख लोग सराहना कर रहे हैं।


प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पैदल जाता देख एसडीएम के चालक और अन्य लोगों ने आवास तक छोड़ने की बात भी कही, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। बोले कि पहले इन लोगों को अस्पताल पहुंचाओ। इनको बचाना जरूरी है, मैं पैदल ही चला जाऊंगा।