मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-



जनपद वाराणसी में नवीन थाना लालपुर-पाण्डेयपुर की स्थापना के सम्बन्ध में

 

मंत्रिपरिषद ने जनपद वाराणसी में नवीन थाना लालपुर-पाण्डेयपुर की स्थापना हेतु राजस्व विभाग के अभिमत/परामर्श के अनुसार ही बेसिक शिक्षा विभाग से गृह विभाग को पट्टे पर चिन्हित भूमि दिये जाने सम्बन्धी कार्यवाही किए जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि जनपद वाराणसी के सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के कारण यहां निरन्तर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहता है। प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से वाराणसी के जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय, प्रयागराज द्वारा जनपद वाराणसी के थाना कैण्ट क्षेत्र को विभाजित कर नवीन थाना बनाये जाने का प्रस्ताव शासन को संदर्भित किया गया था। इस थाने की स्थापना से श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को और बेहतर सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी।
 

'उ0प्र0 दण्ड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2019' का प्रारूप अनुमोदित

 

मंत्रिपरिषद ने 'उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2019' के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है।ज्ञातव्य है कि महानिबन्धक  उच्च न्यायालय के अनुरोध के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) अधिनियम, 1979 की धारा-9 के प्रभावी उपयोग के परिप्रेक्ष्य मंे उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2019 का प्रख्यापन किया जाना है।
पुराने प्रकरणों में सम्बन्धित अभियुक्त बार बार सम्मन भेजने पर उपस्थित नहीं होता है। ऐसी स्थिति में लम्बित वादों की संख्या बढ़ती चली जाती है। इसलिए उपरोक्त अधिनियम में समय-समय पर मा0 उच्च न्यायालय की संस्तुति से संशोधन किया जाता है। उक्त प्रस्तावित संशोधन से 31 दिसम्बर, 2016 से पूर्व धारा-107 तथा 109 सी0आर0पी0सी0 के अन्तर्गत लम्बित वाद एबेट हो जाएंगे। इस अधिनियम का मुख्य आशय पैटी क्रिमिनल आॅफेंसेस को कम्पाउण्डिंग द्वारा एबेट करना है। इससे कार्य निस्तारण में शीघ्रता होगी।
 

जनपद वाराणसी में पर्यटक पुलिस थाना की स्थापना के सम्बन्ध में

 

मंत्रिपरिषद ने पर्यटक पुलिस थाना की स्थापना के लिए ग्राम गंज परगना शिवपुर तहसील सदर जनपद वाराणसी में पर्यटन विभाग के स्वामित्व वाले लगभग 2 एकड़ भूखण्ड में निर्मित कुल 750 वर्गमीटर कवर्ड एरिया की बिल्डिंग में से 100 वर्गमीटर कवर्ड एरिया पर्यटक सूचना केन्द्र हेतु छोड़ते हुए, 650 वर्गमीटर कवर्ड एरिया गृह विभाग के पक्ष में भौमिक स्वत्वाधिकार सहित (ूपजी जपजसम व िसंदक) निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणा के सन्दर्भ में यह निर्णय लिया गया है। पर्यटक पुलिस थाना स्थापित होने से जनसामान्य/पर्यटकों को और अधिक सुरक्षा प्राप्त हो सकेगी।
 

सौर ऊर्जा नीति-2017 के प्राविधानों के अनुसार विभिन्न सौर ऊर्जा इकाइयों की परियोजना क्षमता एवं टैरिफ के प्रस्ताव को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने सौर ऊर्जा नीति-2017 के प्राविधानों के अनुसार विभिन्न सौर ऊर्जा इकाइयों की परियोजना क्षमता एवं टैरिफ के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि कुल 72 मेगावाट क्षमता की सोलर पावर यूपीपीसीएल द्वारा 25 वर्ष के लिए क्रय किये जाने हेतु टैरिफ को अनुमोदित किया गया। इसके अनुसार मेसर्स एनटीपीसी लि से 20-20 मेगावाट क्षमता की 02 सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना के लिए 3.02 रुपये प्रति यूनिट एवं मेसर्स सुखबीर एग्रो इनर्जी प्राईवेट लि0 से 32 मेगावाट क्षमता की सौर पावर परियोजना हेतु 3.05 रुपये प्रति यूनिट के कोट किये गये टैरिफ को अनुमोदित किया गया है।
राज्य में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के वृहद सम्भावनाओं के दोहन एवं ऊर्जा की मांग की पूर्ति एवं उपलब्धता के अन्तर में कभी करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा-2017 प्रतिपादित की गयी है। सौर ऊर्जा नीति-2017 में उपलब्ध प्राविधान के अनुपालन में उ0प्र0 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा तृतीय चरण में कुल 500 मेगावाट क्षमता की सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना एवं आवंटन हेतु टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग की गयी है।
आमंत्रित की गयी 500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना की स्थापना हेतु बिड में प्राप्त 90 मेगावाट क्षमता की बिड्स के टैरिफ के अन्तिमीकरण के लिए ई-रिवर्स आॅक्शनिंग की प्रक्रिया अपनायी गयी। आर0एफ0पी0 एवं पी0पी0ए0 में प्रस्तावित प्राविधानुसार 72 मेगावाट क्षमता का ही आवंटन किया गया।
 

28 विकास खण्डों के सृजन के निरस्तीकरण प्रस्ताव की पुनः विवेचना की जाए

20 दिसम्बर, 2016 की पृथक-पृथक अधिसूचनाओं द्वारा सृजित 28 विकास खण्डों के सृजन को निरस्त किए जाने के मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किए गए  प्रस्ताव की मुख्यमंत्री जी ने पुनः विवेचना किए जाने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि इन विकास खण्डों के संचालन के लिए मूलभूत/अपरिहार्य अवस्थापना सुविधाओं की कमी, वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता, वर्तमान में खण्ड विकास अधिकारियों की भारी कमी एवं आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु वांछित भूमि की अनुपलब्धता जैसी व्यावहारिक कठिनाइयों के आलोेक में इन विकास खण्डों के सृजन का निरस्तीकरण प्रस्तावित किया गया था।

 

शीरा सत्र 2019-20 के लिए शीरा नीति का निर्धारण

 

मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2019-20 के लिए शीरा नीति का निर्धारण कर दिया है। ज्ञातव्य है कि आबकारी राजस्व का लगभग 50 प्रतिशत अंश देशी मदिरा से प्राप्त होता है। देशी शराब का उपभोग समाज के अल्प आय वर्ग द्वारा किया जाता है। इस वर्ग को गुणवत्ता तथा मानकयुक्त वैध देशी शराब सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है, क्योंकि सस्ते दामों पर वैध मदिरा उपलब्ध न होने की स्थिति में इनके द्वारा अवैध मदिरा का सेवन करने के कारण जनहानि की आशंका बनी रहती है। व्यापक जनहित एवं राजस्व हित में अपेक्षाकृत सस्ते दामों पर वैध व मानक मदिरा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है कि समस्त देशी मदिरा आपूर्तक आसवनियों को उनकी आवश्यकतानुसार समुचित मात्रा में शीरा उपलब्ध कराया जाए।
शीरा वर्ष 2019-20 में शीरे के अनुमानित उत्पादन 500 लाख कुण्टल के सापेक्ष देशी मदिरा हेतु आरक्षित शीरे की आवश्यकता 94.15 लाख कुण्टल आंकलित होती है। अतः शीरा सत्र 2019-20 हेतु देशी मदिरा के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित करने तथा आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के मध्य वार्षिक निकासी अनुपात 1ः4.56 रखा गया है। चीनी मिलों के चलने के उपरान्त यथा स्थिति/यथा आवश्यकता तत्समय शीरे की उपलब्धता एवं मदिरा की आवश्यकता के आधार पर आरक्षण के प्रतिशत में परिवर्तन किया जा सकेगा। शीरे के कुल उत्पादन के आधार पर सभी चीनी मिलों पर आरक्षित शीरे की देयता को समान रूप से निर्धारित किया गया है। समूह की चीनी मिलें उपरोक्तानुसार देय आरक्षण प्रतिशत के अनुरूप आरक्षित शीरे की आपूर्ति समूह की एक या एकाधिक चीनी मिलों से कर सकेंगी। देशी शराब की आपूर्ति बाधित होने पर यह सुविधा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी। पूर्वांचल में स्थित पेय आसवनियों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इन आसवनियों को समूह की चीनी मिलों द्वारा पूर्वांचल स्थित कम से कम एक चीनी मिल से आरक्षित शीरे की आपूर्ति करना अनिवार्य होगा।
वर्ष 2018-19 का अवशेष आरक्षित शीरा अग्रेनीत किया जाएगा। वर्ष 2018-19 की उपलब्ध आरक्षित शीरे की अग्रेनीत मात्रा को अनारक्षित/स्वयं के उपभोग हेतु परिवर्तन करने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गयी है कि चीनी मिलें उक्त परिवर्तित मात्रा की भरपाई शीरा सत्र 2019-20 के उत्पादन से करेंगी तथा यह मात्रा शीरा नीति 2019-20 हेतु देय आरक्षित मात्रा के अतिरिक्त होगी। प्रत्येक चीनी मिल आगणित आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के विक्रय हेतु प्रत्येक माह की 7वीं तिथि तक आॅनलाइन शीरा पोर्टल पर टेण्डर अपलोड करेगी। प्रत्येक मासान्त पर चीनी मिल समूह को अपने कुल वार्षिक देय आरक्षित शीरे का कम से कम 06 प्रतिशत शीरे का सम्भरण सुनिश्चित कराना होगा। पेराई सत्र (माह नवम्बर, 2019 से अप्रैल, 2020 तक) के दौरान शीरे की ओवरफ्लो की स्थिति से बचने हेतु चीनी मिलों को शीरा वर्ष 2019-20 में माह नवम्बर, 2019 से अप्रैल, 2020 तक इस शर्त में शिथिलता दी जा सकती है कि माह जून, 2020 तथा माह अगस्त, 2020 तक कुल देयता का क्रमशः 65 प्रतिशत तथा 82 प्रतिशत सम्भरण सुनिश्चित करना होगा।
यदि मदिरा निर्माता आसवनी अन्य पेय मदिरा/मिश्रित/औद्योगिक आसवनी से ई0एन0ए0 मदिरा निर्माण के लिए प्राप्त करेंगी तो ऐसी ई0एन0ए0 (म्गजतं छमनजतंस ।सबवीवस) की सम्पूर्ण मात्रा की आपूर्ति होने के तत्काल बाद समतुल्य आरक्षित शीरे की मात्रा आपूर्तक इकाई की आरक्षित शीरे में जुड़ जाएगी तथा प्राप्तकर्ता इकाई के आरक्षित शीरे की मात्रा में से घट जाएगी। लघु औद्योगिक इकाइयां/क्रेता इकाइयां/ट्रेडर्स विभाग में पंजीकरण कराने के पश्चात जी0एस0टी0एन0 के विवरण सहित शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर ही बिलो गे्रड शीरा क्रय कर सकेंगी। टेªडर्स द्वारा 500 कुण्टल तक बिलो गे्रड शीरा क्रय किया जा सकेगा तथा 500 कुण्टल से अधिक बिलो गे्रड शीरा उपभोक्ता इकाइयां (मदक नेमते) स्वयं क्रय करेंगी।
शीरा संचित करते समय सभी चीनी मिलों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण सम्बन्धी प्राविधानों/उपबंधों का अनुपालन किया जाएगा।
 

अयोध्या में पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के अन्तर्गत पर्यटन आकर्षण की दृष्टि से  भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इण्टरप्रेटेशन सेण्टर, लाइबे्ररी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैण्डस्केपिंग एवं श्रीराम प्रतिमा एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं की प्रायोजना के सम्बन्ध में

भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में अयोध्या देश एवं विदेश में रहने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। अंतर्राष्ट्रीय सतर पर अयोध्या के उच्च स्तरीय एवं सर्वव्यापक ब्राण्डिंग हेतु गुजरात में स्थापित लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से प्रेरणा ग्रहण करते हुए अयोध्या में वृहद पर्यटन सुविधाओं के सृजन एवं भगवान श्रीराम की भव्य मूर्ति की प्रायोजना के प्रमुख बिन्दु निम्नवत हैं:-
प्रायोजना के अंतर्गत अयोध्या में पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के अंतर्गत पर्यटन आकर्षक की दृष्टि से भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इण्टरप्रेटेशन सेण्टर, लाइबे्ररी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैण्डस्केपिंग एवं श्रीराम प्रतिमा एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं का सृजन प्रस्तावित है। प्रायोजना हेतु मृदा परीक्षण, विन्डटनल टेस्ट, डिजाइन डेवलपमेण्ट, डी0पी0आर0 प्रिपे्रशन एवं स्थल विकास आदि कार्यों के लिए अनुमानित धनराशि 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था कराया जाना प्रस्तावित है। प्रायोजना हेतु जिलाधिकारी, अयोध्या द्वारा अयोध्या के ग्राम मीरापुर द्वाबा, परगना हवेली अवध, तहसील सदर में कुल 61.3807 हे0 भूमि के क्रय हेतु कुल 447,46,27,586 रुपए का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है, जिस पर मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन प्रदान किया है।
प्रायोजना हेतु गुजरात माॅडल के आधार पर मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में ट्रस्ट के गठन, नियम व उप नियमों के निर्धारण एवं सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण कराए जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 02 मार्च, 2019 में लिया जा चुका है।
प्रायोजना के प्रकल्प, निर्माण एवं प्रबन्धन आदि से सम्बन्धित कार्यों के सुचारू सम्पादन हेतु हाईपावर कमेटी, बिड इवैल्युएशन कमेटी, स्टीयरिंग कमेटी एवं टेक्निकल/एक्सपर्ट कमेटी आदि समितियों का गठन किया जा चुका है।
प्रायोजना के अंतर्गत प्रस्तावित भगवान श्रीराम की प्रतिमा के निर्माण से सम्बन्धित धनराशि का वहन सी0एस0आर0 फण्ड तथा दान आदि के माध्यमों से कराया जाएगा। प्रायोजना के सम्बन्ध में हाईपावर कमेटी की संस्तुतियों के पश्चात अग्रेत्तर आवश्यक निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।