नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के 98वें स्थापना दिवस का आयोजन कल
 

 लखनऊ । नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान कल अपना 98वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। प्राणि उद्यान की स्थापना 29 नवम्बर, 1921 को प्रिन्स आफ वेल्स के लखनऊ आगमन के उपलक्ष्य में की गयी थी। इस परिसर की स्थापना 18वीं सदी में आमों के बाग के रूप में अवध के तत्कालीन नवाब, नवाब नसीरूद्दीन हैदर द्वारा की गयी थी। उस समय इसे बनारसी बाग के रूप में जाना जाता था। आज भी बोलचाल की भाषा में स्थानीय लोग इसको बनारसी बाग ही कहते हैं। नवाबों द्वारा शाम के वक्त, जैसा कि अवध की शाम प्रसिद्ध हुआ करती थी, यहाँ पर बैठने के लिए एक बारादरी का निर्माण कराया गया जो कि प्राणि उद्यान के बीचो-बीच आज भी अपनी पूरी भव्यता एवं गरिमा के साथ स्थित है।

निदेशक प्राणि उद्यान, आर0के0 सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि सन 1921 से सन 1926 तक इसमें 26 भवनों का निर्माण किया गया। उस समय इसकी लागत 2,08,800 रूपये थी। मुख्य गेट का निर्माण सन 1936 में किया गया तथा उस समय इसका नाम ''सर लुडोविक पोर्टर गेट'' रखा गया था। इसके प्रबन्धन के लिए एक कमेटी बनायी गयी थी तथा कमिश्नर, लखनऊ इस कमेटी के अध्यक्ष थे एवं ''शेख मकबूल हुसैन'' इस कमेटी के पहले सचिव बनाये गये। सन 1950 में उपरोक्त कमेटी के स्थान पर एडवाइजरी कमेटी, लोक स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत बनायी गयी। निदेशक, चिकित्सा और स्वास्थ्य को इसका प्रशासक बनाया गया। सन 1966 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण वन विभाग को दिया गया और एडवाइजरी पुनर्गठित की गयी।

श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2001 में प्राणि उद्यान का नाम ''प्रिन्स आॅफ वेल्स जूलोजिकल गार्डेन्स ट्रस्ट'' से परिवर्तित करके लखनऊ प्राणि उद्यान रखा गया। वर्ष 2015 में प्राणि उद्यान का नाम ''लखनऊ प्राणि उद्यान'' से परिवर्तित करके ''नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ'' रखा गया। 14 नवम्बर, 1969 को यहाँ पर बालरेल चलायी गयी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री चन्द्रभानु गुप्ता द्वारा इस बालरेल का शुभारम्भ किया गया और इस स्टेशन का नाम चन्द्रपुरी स्टेशन रखा गया। फरवरी 2014 में नई बालरेल एवं रेलवे ट्रैक का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस समय रेलवे ट्रैक की कुल लम्बाई 1.4 किमी0 है।

निदेशक प्राणि उद्यान ने बताया कि इस पूरे प्राणि उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 29 हैक्टेयर है। इस 29 हैक्टेयर में कुल 152 बाड़े हैं जिसमें मछलीघर के इनक्लोजर सम्मिलित नहीं हैं। प्राणि उद्यान में कुल 1012 वन्यजीव एवं उनकी 104 प्रजातियाँ हैं। इसमंे मछलियों की लगभग 65 प्रजातियाँ अतिरिक्त हैं। उन्होंने कहा कि प्राणि उद्यान को अप्रैल, 2018 में तीन आई0एस0ओ0 सर्टिफिकेट प्राप्त हुए हैं। एक साथ तीन-तीन आई0एस0ओ0 सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाला यह देश का एकमात्र प्राणि उद्यान है।

प्राणि उद्यान की स्थापना दिवस के अवसर पर प्राणि उद्यान में अमूल्य योगदान हेतु प्राणि उद्यान के पूर्व प्रशासकों एवं निदेशकों को सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर आयोजित प्राणि उद्यान के कर्मचारियों के लिए वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा।