कुछ इस तरह बनेगी लाइट मेट्रो
लाइट मेट्रो में दो से तीन कोच होंगे
इक्यूपमेंट रूम प्लेटफॉर्म के नीचे अंडर ग्राउंड बनेंगे
लखनऊ। अब छोटे शहरों में फुटपाथ पर भी मेट्रो चलेगी। इसे लाइट मेट्रो नाम दिया गया है। जहां फुटपाथ व सड़क की चौड़ाई कम होगी वहीं पर ये जमीन के ऊपर चलेगी। लाइट मेट्रो के स्टेशन काफी छोटे-छोटे होंगे। छोटे शहरों में कम खर्चे पर मेट्रो की सुविधा देने के लिए केन्द्र सरकार ने लाइट मेट्रो की योजना बनाई है। प्रदेश के गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज तथा झांसी सहित छह शहरों में लाइट मेट्रो चलाने की सीएम भी घोषणा कर चुके हैं। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के सीईओ व पूर्व आईएएस ओपी अग्रवाल भी कहते हैं कि कि लाइट मेट्रो सस्ती होगी। इसके स्टेशन भी छोटे होंगे। हालांकि हैवी मेट्रो की तरह यह भी पटरियों पर दौड़ेगी। लाइट मेट्रो में अप व डाउन लाइनें को अलग भी बनाया जा सकता है। जहां रोड कम चौड़ी होगी वहां अप उसके समानांतर यदि कोई दूसरी रोड होगी तो उस पर डाउन लाइन बनेगी।
लाइट मेट्रो में दो से तीन कोच होंगे
ये रोड पर ही चलेगी, जगह न होने पर ही एलीवेटेड रूट होगा
इसके ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगेगी
फुटपाथ को बंद कर लाइट मेट्रो के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा
ट्रैक के दोनों तरफ प्लेटफार्म की चौड़ाई कम से कम 1.12 मीटर होगी।
ट्रेन की लंबाई के एक तिहाई हिस्से में ही प्लेटफॉर्म पर शेड लगेगा
इक्यूपमेंट रूम प्लेटफॉर्म के नीचे अंडर ग्राउंड बनेंगे
आटोमेटिक फेयर क्लेशन गेट, एक्सरे बैगेज स्कैनर, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लाइट मेट्रो में नहीं होंगे
इसमें मेट्रो से ज्यादा जुर्माना लगाने की बात कही गई है
जहां रोड पर संभव नहीं होगा वहां ओवरहेड बनाया जाएगा। पिलर के लिए 2.2 मीटर जमीन की ही जरूरत होगी
दोनों तरफ प्लेटफॉर्म की चौड़ाई 1.12 मीटर होगी
इसमें कोई कनकोर्स नहीं होगा। प्लेटफार्म को ही पैसेंजर एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा।
ओवरहेड होने पर भी स्टेशन एक मंजिल का ही होगा
स्टेशन पर एक ही प्रवेश व निकास द्वार होगा
स्टेशन एरिया खुला होगा। इसमें प्राकृतिक रोशनी व वेंटीलेशन की सुविधा रहेगी