प्रदर्शन विद्युत कर्मियों ने दिया है सरकार को 18 नवम्बर तक निर्णय करने का अल्टीमेटम 

लखनऊ,। विद्युतकर्मियों ने अपने परिवार के साथ बृहस्पतिवार को सड़क पर उतर कर प्रदेश सरकार और ऊर्जा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। पीएफ भुगतान की गारण्टी के लिए विद्युत कर्मियों ने सरकार को 18 नवम्बर तक निर्णय करने का अल्टीमेटम दिया है।  डीएचएफएल कम्पनी द्वारा हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में घिरी प्रदेश सरकार, ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के आह्वान पर 10वें दिन पूरे प्रदेश से कर्मचारी, अभियंता और उनके परिजन लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग पर हाईडिल फील्ड हास्टल के सामने जुटे। 

हाईडिल हास्टल से सभी ने एक साथ रैली की शक्ल में चलना प्रारम्भ किया और यह रैली सिकन्दरबाग चौराहा होते हुए शक्ति भवन पहुंची। शक्ति भवन पर आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। रैली के बाद विद्युत ​समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, सुहैल आबिद, राजपाल सिंह, राजेन्द्र घिल्डियाल, विनय शुक्ला, शशिकान्त श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, वी सी उपाध्याय समेत दो दर्जन कर्मचा​री नेताओं ने सभा कर निर्णय लिया कि यदि सरकार बिजली कर्मियों के पीएफ भुगतान की गारण्टी लेने की मांग पूरी नहीं की गई तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी एवं अभियंता 18 व 19 नवम्बर को 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेंगे। 

समिति की ओर से प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन के कारण किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अधिकारी व कर्मचारी बिना कोई नोटिस दिए सीधे कार्य छोड़ने पर बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार एवं प्रबन्धन की होगी। प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में विभिन्न कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।