संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों पर चर्चा होने से सार्थक और सकारात्मक सन्देश जाएगा: मुख्यमंत्री
उप्र विधान सभा अध्यक्ष ने 26 नवम्बर, 2019 को आहूत किए जाने वाले विशेष 

एक दिवसीय विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया 

यह हमारे संविधान के प्रति निष्ठा, सम्मान और आदर व्यक्त करने का एक अवसर: विधान सभा अध्यक्ष

मुख्यमंत्री तथा नेता सदन ने इस विशेष सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूरे सहयोग का आश्वासन दिया

विपक्षी दल के नेताओं ने पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित  ने 26 नवम्बर, 2019 को आहूत किए जाने वाले विशेष एक दिवसीय विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। आज यहां विधान भवन में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने लम्बे परिश्रम के बाद 26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान अंगीकृत किया था। भारत के संविधान की उद्देशिका और उसमें निहित मूल कर्तव्यों (अनुच्छेद-51ए) के सम्बन्ध में चर्चा के लिए यह विशेष सत्र आहूत किया गया है। यह हमारे संविधान के प्रति निष्ठा, सम्मान और आदर व्यक्त करने का एक अवसर है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ  ने इस विशेष सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूरे सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि 26 नवम्बर का दिन देश के संविधान का दिवस है। भारत के संविधान की उद्देशिका और कर्तव्यों के प्रति सभी संकल्पित हो सकें, इसलिए यह विशेष सत्र आहूत किया जा रहा है। उन्होंने सभी दलों से इस सत्र में सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि लोकतंत्र की ताकत संवाद है। संवाद और तर्कसंगत चर्चा से ही समाधान निकलते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों पर चर्चा होने से सार्थक और सकारात्मक सन्देश जाएगा। इससे संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के साथ-साथ हम संविधान के प्रति आदर और सम्मान की भावना को भी मजबूत कर सकेंगे। उन्होंने इस पहल के लिए भारत सरकार, विधान सभा अध्यक्ष तथा संसदीय कार्य मंत्री की सराहना करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस विशेष सत्र में सभी दलों का सहयोग मिलेगा और एक प्रभावी सन्देश जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री  सुरेश खन्ना ने विशेष सत्र को एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। हमें अपने अधिकारों के प्रति सचेत होने के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी निष्ठावान होना होगा। उन्होंने कहा कि संविधान की उद्देशिका और अनुच्छेद-51ए पर चर्चा से अच्छा सन्देश जाएगा।  
बैठक में नेता विपक्ष रामगोविन्द चैधरी, बहुजन समाज पार्टी के लाल जी वर्मा, अपना दल के  नील रतन सिंह पटेल 'नीलू' तथा कांग्रेस पार्टी के सोहिल अख्तर अंसारी ने विशेष सत्र को आहूत किए जाने को एक सराहनीय पहल बताते हुए अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।