स्वाति सिह का कब-कब नाम आया चर्चा में 

 त्रिनाथ कुमार शर्मा
 
अथकथा मंत्री स्वाति सिह की..
बेटी के लिए स्वाति सिंह शुरू की थी लड़ाई


लखनऊ। स्वाति सिह का नाम उस वक्त चर्चा में आया, जब 20 जुलाई 2016 को उनके पति और बीजेपी नेता दयाशंकर सिह ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दया शंकर सिह की बदजुबानी से उपजे राजनीतिक भूचाल से बसपा के सामने समस्या का बड़ा पहाड़ खड़ा हो गया था।
इसके खिलाफ बीएसपी कार्यकर्ताओं ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी की अगुआई में लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कथित रूप से बीएसपी कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिह की पत्नी और बेटी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं थी। स्वाति ने मीडिया में आते हुए इसका मुखर तरीके से विरोध किया और उन्होंने मायावती समेत चार बड़े बीएसपी नेताओं पर हजरतगंज थाने में केस भी दर्ज करवाया था। स्वाति के तीखे तेवरों से बीजेपी ने लगभग हारी हुई बाजी पलट दी और वह बीजेपी नेताओं की नजरों में आ गई थी।
घटनाक्रम का प्रारंभ बीस जुलाई को दया शंकर सिह के बयान से हुआ। उसी दिन शाम को बसपा ने अगले दिन इक्कीस जुलाई को लखनऊ में विशाल विरोध प्रदर्शन का एलान कर दिया। विशाल प्रदर्शन के दौरान बसपा के नेताओं ने अपने भाषणों में दया शंकर सिह की मां, पत्नी और उनकी बारह वर्ष की बेटी को जिस तरह निशाने पर लिया और बेटी को पेश करने की चुनौती दी, वो अब बसपा को भारी पड़ी थी। इस प्रदर्शन के दौरान जिस तरह सवर्णो को निशाना बनाया गया उससे 2004 से बसपा का सवर्ण जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए बड़ी मेहनत से बनाया गया सोशल इंजीनियरिग का समीकरण तार तार हो गया था। दया शंकर सिह को केवल कुत्ता ही नहीं बसपा के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के मंच से जातिसूचक गालियां दी गईं थी। उस समय सिद्दीकी उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता थ्ो और उनको कैबिनेट मंत्री का दर्ज़ा हासिल था। 
'बेटी के सम्मान में बीजेपी थी मैदान में'
 मायावती पर भद्दा बयान देने के बाद जिस दयाशंकर को सभी राजनीतिक पार्टियों ने अछूत घोषित कर दिया था। जिसे बीजेपी ने खुद पार्टी से निकाल दिया। उसी दयाशंकर को लेकर जो लड़ाई स्वाति ने छेड़ी थी । उसके समर्थन में बीजेपी ने 'बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में' के नारे के साथ 23 जुलाई को लखनऊ और प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में प्रदर्शन किया गया था। स्वाति के बयानों और आरोपों पर मायावती लाख सफाई दे रही थी। मायावती ने उन पर कोई कार्रवाई तो नहीं की है लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी से लेकर राम अचल राजभर तक को खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यहां तक कि नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे नेताओं को साफ चेतावनी दी थी कि ऐसी हरकत दोबारा करने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 
बसपा के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन बाइस जुलाई को दया शंकर सिह की पत्नी स्वाति सिह ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मायावती के पक्ष में लड़ी जा रही लड़ाई का रुख इस आम गृहिणी ने चंद घंटे में मोड़ दिया था। वह गृहिणी जो स्कूटी से चलती थी। रोज सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ती थी। घर के लिए सब्जी लाने जाती थी। लखनऊ-कानपुर रोड पर बसे आशियाना के मोहल्ले वालों की मानें तो वह आम गृहिणी और बहुत ही सहज स्वभाव की हैं। यह बात कर रहे हैं दयाशंकर सिह की पत्नी स्वाति सिह की। महज 24 घंटे के भीतर स्वाति के मायावती पर पलटवार ने यूपी की राजनीति में उथल-पुथल मचा दिया था। स्वाति उस समय आम नागरिक का चेहरा बन चुकी थीं। अपनी सास, मां और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्वाति जिस तरह से लड़ रही थी, उससे स्वाति यूपी में हर औरत और हर घर का चेहरा बन गयी थी। 


उस समय स्वाति को सता रहा था सुरक्षा का डर
स्वाति सिह की 12 साल की बेटी लखनऊ के लॉरेटो कान्वेंट स्कूल में पढ़ती थी, जिसे स्वाति सिह खुद स्कूटी से स्कूल छोड़ने जाती थी। इसके अलावा घर की सब्जी से लेकर राशन तक का सामान वह खुद ही लाती थी। इसलिए उस पर खतरे का डर ज्यादा था। इसके चलते स्वाति ने पुलिस सुरक्षा की मांग की थी और सरकार ने उन्हें सुरक्षा गार्ड उपलब्ध भी करा दिया है।
उस समय परिवार को भी संभाल रही थी स्वाति सिंह
ऐसा नहीं है कि स्वाति ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए अपनी निजी जिदगी को ताक पर रख दिया। दया शंकर सिह के बयान से उपजे विवाद की बाद से स्वाति अपनी सास, मां और बेटी को भी संभाल रही थी। विवाद से परेशान स्वाति का कहना था कि उनकी बेटी डिप्रेशन में चली गई है। घर के जरूरी सामान लेने के लिए घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। स्वाति सिह ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती और दो अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। उनका कहना था कि मुझे और मेरी बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले नेताओं को मायावती क्यों नहीं हटा रही हैं।
दया शंकर सिह की पत्नी स्वाति सिह की प्रथम सूचना रिपोर्ट में अपना नाम आने से बौखलाई मायावती लखनऊ पुलिस को संविधान की दुहाई दे रहीं थी और इसे अपने खिलाफ सपा और भाजपा की साजिश बताया था। 


बेटी को समय न देने पर भावुक हुई थी स्वाति सिंह
उस समय उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वह अपने बच्चों की बातों पर विश्वास करें। वह बच्चों में इतना आत्मविश्वास पैदा करें कि वह अपनी हर बात आपसे साझा करें। उन्होंने अपनी बेटी का उदाहरण देते हुए कहा कि गर्मी में भी वह रात में सभी को चद्दर जरूर डालती है। बेटियां बेटों से ज्यादा केयरिग होती हैं। हर किसी के पास एक बेटी जरूर होनी चाहिए। बेटी होगी तो कोई दुखी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिनके बेटे-बेटियां दोनों हैं वह भी बेटियों को थोड़ा ज्यादा ध्यान और प्यार दें। बेटी की चर्चा करते हुए स्वाति सिह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि आज मैं चाहकर भी अपने बच्चों को समय नहीं दे पाती हूं। अब तो आप सब मेरे बच्चे हैं, सबका ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। मैंने बच्चों के लिए नौकरी छोड़ी, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनी कि कुछ और करना पड़ा। बेटियों का मां से ज्यादा लगाव होता है, लेकिन मैं चाहकर भी बेटी को पूरा समय नहीं दे पाती।


स्वाति सिह मामले में नसीमुद्दीन थाने तलब, कहा था - महारानी के आदेश पर हुआ था बवाल



बसपा से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही थी। उन्हें हजरतगंज पुलसि ने स्वाति सिंह मामले में पूछताछ के लिए तलब किया। पुलिस ने उन्हें नोटिस देकर बुलवाया था। नसीमुद्दीन से लगभग आधे घंटे पूछताछ की गई। स्वाति सिंह और उनकी बेटी पर अभद्र टिप्पणी के बारे में नसीमुद्दीन ने कहा था, महारानी (मायावती) के कहने पर सब हुआ है। 


चुनाव लड़ने के सवाल पर दयाशंकर की पत्नी ने दिया था ये जवाब


भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिह की पत्नी स्वाति सिह राजनीति में आएंगी या नहीं इस बात के लेकर उन दिनों खासी चर्चा में रही थी। हालांकि उन्होंने किसी राजनीतिक दल में जाने से साफ इन्कार किया था। उन्होंने कहा था,कि 'मैं अपनी बेटी और महिलाओं को सम्मान व न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही हूं, इसे राजनीति से जोड़ना गलत है। राजनीति में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।'लेकिन भाजपा से टिकट मिला और जीत हासिल कर लिया था, योगी सरकार ने स्वाती सिंह को मंत्री का पद दे दिया। 


 स्वाती सिंह ने बियर बार का किया था उद्घाटन उस समय आई थी चर्चा में



इससे पहले 20 मई को स्वाति सिह ने गोमती नगर इलाके में 'बी दी बियर' नाम के बार का उद्घाटन किया था। यूपी के सीएम ने इस कार्यक्रम को लेकर उनसे जवाब मांगा था। स्वाति के अतिरिक्त रायबरेली के एसपी गौरव सिह और उनकी पत्नी उन्नाव की एसपी नेहा पांडे भी इस दौरान मौजूद थीं। इस कार्यक्रम को लेकर जो तस्वीरें सामने आई थीं, उसमें स्वाति एक हाथ से बार का रिबन काट रही थीं और उनके दूसरे हाथ में बार का मेन्यू कार्ड था।


भंडारे में स्वाति सिह ने बांटे थ्ो रुपये
बीयर बार का उद्घाटन कर विवादों में घिरने वाली योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिह एक भंडारा कार्यक्रम में खाने के साथ-साथ लोगों को 100-100 रुपये बांटने के कारण आलोचना के घेरे में आ गई थीं। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में स्वाति सिह ने भंडारा आयोजित किया था। आरोप लगे कि स्वाति ने भंडारे में लोगों का केवल पेट ही नहीं भरा, बल्कि उनकी जेब भी भर दी थी। हालांकि स्वाति सिह के एक करीबी ने बताया कि 1००-1०० रुपये केवल 5 कन्याओं को दिए गए थे।


सीओ से कथित बातचीत का ऑडियो वायरल
स्वाति सिह और लखनऊ कैंट की सीओ बीनू सिह की बातचीत का एक कथित ऑडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ऑडियो में स्वाति सीओ को अंसल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए फटकार लगा रही थी और आकर मिलने की हिदायत देते हुए सुनाई पड़ रही थी। इस बीच अंसल ग्रुप के लिए कथित तौर पर पैरवी करना और सीओ को धमकाना स्वाति सिह को अब भारी पड़ गया है।
अंसल के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करेगी स्पेशल सेल
अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी सहित कई योजनाओं के आवंटियों ने अलग-अलग थानों में करीब 15० मुकदमे दर्ज करवाए हैं। इन मामलों में ग्रुप के डायरेक्टर सुशील असंल, उनके बेटे प्रणव अंसल सहित कई मैनेजिग और जॉइंट डायरेक्टर नामजद हैं। 
अंसल एपीआई के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और ठगी के करीब 150 मुकदमों की जांच स्पेशल सेल करेगी। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सोमवार को एएसपी उत्तरी सुकीर्ति माधव के नेतृत्व में यह सेल गठित कर दी। कानूनी दावपेच से निपटने के लिए इस सेल में एक सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) को भी शामिल किया जाएगा। अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी सहित कई योजनाओं के आवंटियों ने अलग-अलग थानों में करीब 150 मुकदमे दर्ज करवाए हैं। इन मामलों में ग्रुप के डायरेक्टर सुशील असंल, उनके बेटे प्रणव अंसल सहित कई मैनेजिग और जॉइंट डायरेक्टर नामजद हैं। वहीं, अंसल के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए 109 आवंटियों ने अंसल विक्टिम बायर ग्रुप नाम से संगठन बनाया था। इस ग्रुप से जुड़े एसके घोष का दावा है कि ग्रुप के सदस्यों के करीब 5.5 अरब रुपये अंसल की योजनाओं में फंसे हैं। प्रणव अंसल की गिरफ्तारी के बाद आवंटियों को रकम वापस मिलने की उम्मीद जग रही है। इसी मामले को लेकर स्वाती सिंह ने अंसल ग्रुप की सिफारिस फोन पर सीओ कैंट से थी,लेकिन वह वीडियों वायरल हो गया जिससे स्वाती सिंह की किरकिरी हुई है। 
 
घनघनाने लगे फोन
सूत्रों के मुताबिक, प्रणव के पकड़े जाने के बाद से पुलिस अफसरों पर दबाव बनाने के लिए लगातार फोन आ रहे थ्ो। उसे जेल भेजे जाने के बाद समूह के बाकी सदस्यों के लिए सिफारिशी फोन आ रहे थ्ो, हालांकि एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि स्पेशल सेल को अंसल के खिलाफ दर्ज मामलों में जल्द कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। 
मंत्री का पीआरओ ने सीओ से फोन पर कहा था कि मंत्री स्वाति सिह जी बात करेंगी। बातचीत के कुछ अंश पेश हैं-
स्वाति सिह: सीओ साहब, आपने अंसल को लेकर कोई एफआईआर दर्ज की है।
सीओ कैंट: हां, कनौडिया करके थी, एक पति-पत्नी का मैटर था, उसी पर लिखा गया था।
स्वाति सिह: क्यों लिखा आपने? आपको पता नहीं कि ऊपर से आदेश है कि कोई एफआईआर नहीं लिखा जाएगा। सारे फ़ेक एफआईआर लिखे जा रहे हैं उसके ऊपर।
सीओ कैंट: नहीं, वह तो जांच करके लिखे गए थे।
स्वाति सिह: कौन सी जांच हो गई भई? इतना हाईप्रोफाइल केस है। सीएम साहब तक मामला संज्ञान में है। आप कौन सी जांच कर रही हैं, चार दिन आपको आए हुए हुआ है।
सीओ कैंट: पहले की ऐप्लिकेशन है न उसकी, पांच-छह महीने पहले की।
स्वाति सिह: फर्जी है सब, खत्म कीजिए सबकुछ। एक दिन बैठ लीजिएगा यहां आकर, अगर यहां पर काम करना है तो। ठीक है। मैं गलत काम नहीं बोलती हूं, पता कर लीजिएगा।
सीओ कैंट: ठीक है। 


आवास पर समर्थकों ने की मीडिया से बदसलूकी
सीओ कैंट को धमकाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद उनका पक्ष जानने के लिए आवास पर मीडिया का जमावड़ा लग गया। अपने आवास पर मीडिया को देख स्वाति का पारा चढ़ गया। सवालों से बचने के लिए घर के अंदर चली गईं। इस दौरान वहां मौजूद स्वाति सिह के समर्थकों और स्टाफ ने मीडिया से बदसलूकी की। मीडियाकर्मियों को धक्का-मुक्की करके आवास से बाहर कर दिया गया। फिलहाल स्वाति सिह ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी ।


सीएम योगी ने किया तलब, स्वाति सिह ने  मांगी सफाई
शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने वायरल ऑडियो को लेकर मंत्री स्वाति सिह को तलब किया और सफाई मांगी। करीब 25 मिनट तक सीएम योगी और स्वाति सिह की मुलाकात हुई। सूत्रों ने बताया कि सीएम योगी काफी नाराज थे। इसके अलावा डीजीपी से भी 24 घंटों के अंदर रिपोर्ट तलब की थी। सूत्रों के मुताबिक, योगी ने कहा है कि किसी भी दागी या अपराधी की पैरवी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिह ने लखनऊ के एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है।


कौन हैं स्वाति सिह
स्वाति सिह का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला है। उनका गांव रामनगर दोआबा है। हालांकि स्वाति के जीवन के शुरुआती दिन बलिया के बजाए बिहार में बीते हैं। बोकारो जिले (वर्तमान में झारखंड) में एक अगस्त 1978 को उनका जन्म हुआ था। स्वाति सिह की मां का नाम आशा सिह है। झारखंड की औद्योगिक नगरी स्टील सिटी बोकारो में स्वाति ने बचपन के दिन बिताए। यहीं से उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की। दरअसल, स्वाति के पिता वीरेंद्र रघुवंशी स्टील सिटी बोकारो में नौकरी करते थे। हायर एजुकेशन के लिए स्वाति बोकारो से लखनऊ आईं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्वाति ने पहले ग्रैजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने एमबीए, एलएलबी और एलएलएम की डिग्री हासिल की। लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही दयाशंकर सिह से उनकी मुलाकात हुई।



दयाशंकर सिह के साथ लव मैरेज
धीरे-धीरे यूनिवर्सिटी में दोनों के बीच मेल-मुलाकातों का सिलसिला शुरू हुआ और जल्द ही यह प्यार में तब्दील हो गया। एबीवीपी से जुड़े दयाशंकर सिह उस वक्त छात्र राजनीति में काफी सक्रिय थे। 1999 में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री का चुनाव जीता था। परिवार के लोगों की रजामंदी के बाद स्वाति और दयाशंकर की 18 मई 2००1 को शादी हो गई। स्वाति ने कुछ अरसे के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में बतौर गेस्ट फैकल्टी अध्यापन का कार्य भी किया है।


 मंत्री स्वाति सिह ने काफिला रुकवाकर घायलों को पहुंचाया था अस्पताल, एक की मौत
 बंथरा क्षेत्र में 5 अक्टूबर की रात हादसे में घायल सड़क पर तड़प रहे दो मजदूरों को बचाने के लिए राज्य मंत्री स्वाति सिह ने अपना काफिला रुकवाया और स्टाफ की मदद से दोनों को अपने ही वाहन से अस्पताल भिजवाया। हालांकि ट्रॉमा सेंटर ले जाए गए गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं निजी अस्पताल में भर्ती दूसरे युवक की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बताया गया कि मंत्री स्वाति सिह अपने काफिले के साथ तकरीबन एक घंटे तक मौके पर ही डटी रही। 
 
 बीजेपी के कई नेता स्वाति के कामों से खुश नहीं हैं


सूत्रो का कहना कि बीजेपी के कई नेता स्वाति सिंह के कामों से खुश नहीं हैं। लेकिन राजनीति में किसी के खुश रहने या नहीं रहने से क्या मतलब? जैसे सभी नेताओं पर अलग-अलग नेताओं के हाथ होते हैं वैसे ही स्वाति पर भी प्रदेश के कई नेताओं के आशीष हैं। बोलने में तो वह चतुर हैं ही। वह बोली का ही कमाल था की स्वाति की राजनीति में प्रवेश हो गया। जातीय राजनीति अपनी जगह लेकिन ज्ञान की राजनीति भी कोई चीज होती है। लेकिन स्वाति को अभी बचने की जरुरत है। मंत्री बन जाना एक बात है लेकिन राजनीति को साधना दूसरी बात। स्वाति बेहतर राजनीति कर सकती है। अभी उनके पास वक्त भी है। केवल विवादों से बचने की जरुरत है वरना यह राजनीति किसी को छोड़ती नहीं। 


औचक निरीक्षण पर पहुंची स्वाती सिह, अधिकारियों को लगाई फटकार


उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री स्वाती सिह सुबह करीब विधायक नीरज बोरा के साथ सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का दौरा करने पहुंची। इस दौरान सब्जी मंडी में गंदगी और कई अनियमितताएं मिलने पर नाराजगी जताई।


मंत्री के आने पर मंडी में हड़कंप मच गया
आगे बढ़ी तो शौचालय में टमाटर की दुकान देखकर मंत्री का पारा चढ़ गया। इसपर मंडी सचिव डीके वर्मा को जमकर फटकार लगाई। उधर, मंत्री के आने पर मंडी में हड़कंप मच गया। मंत्री स्वाती सिह ने इंट्री रजिस्टर की जांच की तो कई अनियमितताएं मिली। वहीं, एक दुकानदार से 6आर और 7आर रसीद दिखाने को कहा। रसीद के न दिखाने पर मंत्री ने उसकी क्लास लगा दी। मंत्री ने कहा कि तुमको 6आर रसीद के बारे में नहीं पता। कबसे दुकान चला रहे हो ?
स्वाती सिह ने सचिव को जमकर फटकार लगाई
जल्दी बताओं नहीं तो सील करा दूंगी दुकान। निरीक्षण के दौरान मंडी के अंदर गंदगी दिखी। एक शौचालय में टमाटर की दुकान को देखकर मंत्री स्वाती सिह ने सचिव को जमकर फटकार लगाई।


 स्वाती सिंह गहनों के साथ असलहों की भी शौकीन 
नामांकन के अंतिम दिन पर्चा दाखिल करने वालों में असलहों और लग्जरी गाड़ियों के शौकीन ज्यादा हैं। असलहे रखने में महिला प्रत्याशी भी पीछे नहीं हैं। इनमें मायावती को टक्कर देने वाली भाजपा प्रत्याशी स्वाति सिह भी शामिल हैं स्वाती सिंह जितनी गहनों की शौकीन है, उतनी ही रिवॉल्वर भी पसंद करती हैं। 
प्रत्याशी : भाजपा, सरोजनी नगर
निवासी : एलडीए कॉलोनी, आशियाना 
पेशा : व्यवसाय
चल संपत्ति : 13 लाख 39 हजार (नकद 1 लाख, बैंक खाते में 4 लाख 74 हजार, स्कूटी, 85 हजार कीमत की रिवॉल्वर, चार लाख 70 हजार के सोने के जेवरात)
अचल संपत्ति : 2 करोड़ 12 लाख 25 हजार (कृषि भूमि लखनऊ-बलिया में, बलिया-लखनऊ में चार मकान)
शैक्षिक योग्यता : एलएलएम, मास्टर ऑफ मैनेजमेंट साइंस