विधानसभा चुनाव 2022 के लिए छोटे दलों के बीच गठबंधन की कवायद शुरु ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgKogHAe979GSD8N4wWFTAi9K-ftoZJxURh_cQwZC_dov97bSztxBbabZ6ga6kFlIiv37GvDHh71loxG2KZ6K2zq2bIZ8cKQZtB3pdDl24AyUXcAedvnEW_Ns5yD9z_f0Rr5pM9hnN3TyoN/)
लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे के छोटे दलों के बीच गठबंधन की कवायद प्रारम्भ हो गयी है। चुनाव लड़ने के लिए ये सियासी दल एक नया मोर्चा बना सकते हैं, जिसके गठन की घोषणा दिसम्बर महीने में ही हो सकती है।
प्रदेश के छोटे राजनीतिक दलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस गठबंधन का नेतृत्व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर करेंगे। सूत्रों की माने तो इस नये मोर्चे में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी समेत कई छोटे दलों को शामिल करने की कवायद चल रही है।
गौरतलब है कि सुभासपा ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करके लड़ा था। प्रदेश में योगी सरकार बनने पर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी मंत्री बनाये गये थे, लेकिन वह जब तक मंत्री रहे सरकार के लिए किरकिरी ही बने रहे। अंततः दोनों लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दोनों दलों का गठबंधन समाप्त हो गया।
भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद श्री राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वह प्रयास सफल नहीं हो सका। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव के लिए अब वह प्रदेश के छोटे दलों को एक साथ लाने की कोशिश में हैं।
सुभासपा से जुड़े एक नेता का कहना है कि छोटे दलों के गठबंधन का मोर्चा शीघ्र में स्वरुप में आ जायेगा और यदि सबकुछ ठीक रहा तो मोर्चे की पहली रैली बलिया जिले में मध्य दिसम्बर तक आयोजित होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में रैलियों का दौर चलेगा।