डायट के भवनों में पुरूष एवं महिला शौचालय की अलग-अलग बेहतर ढंग से व्यवस्था होनी चाहिए
शिक्षण संस्थान से अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश: डा सतीश चन्द्र द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कार्याें को सही ढंग से और ससमय में पूरा किया जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये।
यह निर्देश डा0 द्विवेदी ने आज निशातगंज स्थित एन.सी.ई.आर.टी. सभागार में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (डायट) के भवनों में पुरूष एवं महिला शौचालय की अलग-अलग बेहतर ढंग से व्यवस्था होनी चाहिए, और उनकी साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखा जायें, सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर महिला छात्रावास की व्यवस्था की जायें। जिन चार डायट्स में सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण गतिमान नहीं है, उनकी मान्यता प्राप्त करने हेतु सम्यक् कार्यवाही की जाए तथा इन संस्थानों में शैक्षिक क्रियाकलापों तथा सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियमित रूप से संचालित होने के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करा ली जाए। जिन पाँच नवसृजित जनपदों (अमेठी, कासगंज, गाजियाबाद, शामली एवं सम्भल) में डायट स्थापित करने का अनुमोदन भारत सरकार से प्राप्त हो चुका है, उसके सम्बन्ध में राज्य सरकार/भारत सरकार के मध्य सम्यक् समन्वय करते हुए शीघ्र डायट स्थापित किये जाएं।
डा0 द्विवेदी ने आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान से अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु एक कार्ययोजना भी तैयार करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार राज्य हिन्दी संस्थान से हिन्दी एवं संस्कृत भाषा के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं सेमिनार आदि आयोजित करने के निर्देश दिये। राज्य शिक्षा संस्थान, उ.प्र., प्रयागराज को आंकाक्षी जनपदों की शैक्षिक स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिये। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज को निर्देश दिये। कि परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भी विज्ञान एवं गणित की जनपद स्तरीय/मण्डल
स्तरीय/राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता/प्रदर्शनी में सहभागिता सुनिश्चित की जाए। राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को निर्देश दिये कि वह छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए दृश्य-श्रव्य सामग्री का विकास करें तथा सभी सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स के लिए उपलब्ध करायें।
डा0 द्विवेदी ने सुरक्षा एवं संरक्षा के विभिन्न आयामों (बाढ़, अग्नि, भूकम्प, सर्पदंश आदि) को दृष्टिगत रखते हुए प्रशिक्षण माॅड्यूल एवं सामग्री विकसित करने के निर्देश दिये एवं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एवं इससे जुडी संस्थाये पूरे एक वर्ष के कार्याें एवं शैक्षिक कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार करते हुए 15 दिसम्बर, 2019 तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।
इस अवसर पर डा0 द्विवेदी ने शैक्षिक अनुसंधान और परिक्षण परिषद के मुख्य कार्य, आर.टी.ई. के परिपे्रक्ष्य में एस.सी.ई.आर.टी. के कार्याें, राज्य शैक्षिक अनुसधान और प्रशिक्षण परिषद की ईकाईयां, शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम, एस.सी.ई.आर.टी. के प्रमुख सेवारत प्रशिक्षण सहित अन्य विभिन्न बिन्दुओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये हैं इस अवसर पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित आदर्श पाठयोजना प्रतियोगिता में चयनित एवं पुरस्कृत शिक्षकों द्वारा तैयार की गयी पाठयोजनाओं के संकलन 'पाठयोजना संग्रह' एवं राज्य स्तर पर आयोजित कहानी सुनानी की प्रतियोगिता में चयनित एवं पुरस्कृत शिक्षकों की कहानियों के संकलन 'कथा मंदाकिनी' का विमोचन किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिखा श्रीमती रेणुका कुमार, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनन्द, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. संजय सिन्हा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित थे।