केशव प्रसाद मौर्य के पत्र के बाद नहीं हिल सकी एलडीए वीसी की कुर्सी एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिह

तमाम अनियमितताओं की फाइलें ठंडे बस्ते में चली गई हैं


एलडीए को गंगा जल की तरह पवित्र करने के वीसी महोदय के दावे भी हवा-हवाई साबित हुए हैं


  सरकार की छवि जनता में धूमिल हो रही है


एलडीए वीसी न तो जनता से मिलते हैं और न ही फोन उठाते हैं


 लखनऊ।  17 मार्च 2019 को सूबे में योगी सरकार बनने के बाद से जनता में उम्मीद जागी थी कि एलडीए में हुए अनेक घपले-घोटालों का खुलासा होगा। साथ ही एलडीए की कार्य संस्कृति में अमूल-चूल परिवर्तन होगा। इसके लिए प्रतिनियुक्ति पर आए प्रभु नारायण सिह की एलडीए वीसी के पद तैनाती की गई। उस समय बताया गया था कि वीसी महोदय राजा हरिशचंद्र की तरह ईमानदार हैं। प्रभु नारायण सिह की वीसी के तौर पर लगभग तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि एलडीए को सुधारते-सुधारते अपने हाथ काले कर लिए हैं। तमाम अनियमितताओं की फाइलें ठंडे बस्ते में चली गई हैं।भ्रष्टर्ािचार की खनन के रूप में विख्यात लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की कार्यप्रणाली में न तो कोई बदलाव आया है और न ही ईमानदारी का ढोल पीटने वाले एलडीए वीसी के हाथ काला होने से बच पाए हैं। एलडीए को गंगा जल की तरह पवित्र करने के वीसी महोदय के दावे भी हवा-हवाई साबित हुए हैं। हालत यह है कि एलडीए वीसी का न तो अपने मताहतों पर नियंत्रण है और न ही अनियमितताओं को रोक पाने की काबलियत। इससे सरकार की छवि जनता में धूमिल हो रही है।


पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए एलडीए में सीसीटीवी कैमरा और अधिकतर योजनाओं को ऑन लाइन कर दिया गया है। लेकिन बगैर समीक्षा के एलडीए कर्मचारी अपने दायित्वों के प्रति उदासीन हैं। जिसकी वजह से जनता अपने कामों के लिए मारी-मारी घूमती हैं। इसकी शिकायतें शासन तक पहुंचती हैं। लेकिन ईमानदारी वीसी के आवरण के कारण अधिकतर ठंडे बस्ते में चली जाती हैं। वीसी महोदय जनता से सीधा सम्पर्क रखने का दावा करते हैं लेकिन न तो जनता से मिलते हैं और न ही फोन उठाते हैं। 
शासन के सूत्रों के मुताबिक एलडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पत्र के बाद से एलडीए वीसी अपने ताकत कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं। विवादों से गहरा नाता रखने वाले वीसी को अपनी योग्यता पर विश्वास है कि इस बार भी सरकार उनके मैनेजमेंट को तरजीह देगी। शासन के सूत्रों का कहना है कि एलडीए वीसी अपनी कुर्सी बचाने के लिए यह तर्क दे रहे हैं कि एलडीए में हुए अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास के बाद प्रभावित तत्व उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। लेकिन अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का सटीक जवाब नहीं दे पाए हैं। शासन एलडीए वीसी के जवाब से संतुष्टर्ि नहीं है। इस संबंध में एलडीए वीसी से कई बार सम्पर्क किए जाने पर प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।