नकल विहीन परीक्षा के कारण विद्यार्थियों में आयी कमी


 


लखनऊ, । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा मंगलवार से शुरू हो रही हैं। पूरे प्रदेश के 27397 विद्यलयों से 5516787 संस्थागत परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इनमें 3001960 विद्यार्थी हाई स्कूल के तथा 2514827 विद्यार्थी इंटरमीडिएट के हैं। इसके अलावा 90331 परीक्षार्थी व्यक्तिगत पंजीकृत हैं। इसमें हाईस्कूल के 20647 तथा इंटरमीडिएट के 69684 परीक्षार्थी शामिल हैं। परीक्षा केन्द्रों की निगरानी के लिए हर जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बना दिया गया है।


इस वर्ष संस्थागत और व्यक्ति मिलाकर कुल 5607118 परीक्षार्थियों के लिए कुल 7784 विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। यह पिछले साल बनाये गये 8354 केंद्रों की अपेक्षा 570 परीक्षा केन्द्र कम हैं। इस वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या में भी 2019 के 5795756 परीक्षार्थियों की अपेक्षा इस वर्ष 1,88,638 परीक्षार्थी कम हैं। इस वर्ष कुल 451 राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, जो पिछले वर्ष राजकीय विद्यालयों को बनाये गये 409 परीक्षा केन्द्रों की अपेक्षा 42 अधिक है।इसी तरह 3400 सवित्त विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं, जो कि पिछले वर्ष बनाये गये 3372 की अपेक्षा 28 अधिक हैं लेकिन वित्त विहीन विद्यालयों को इस वर्ष परीक्षा केन्द्र बनाने में यूपी बोर्ड ने काफी फूंक-फूंककर कदम उठाया है। इस वर्ष 3933 वित्त विहीन विद्यालयों को ही परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, जो कि पिछले वर्ष बनाये गये 4573 परीक्षा केन्द्रों की अपेक्षा 640 कम हैं। इस संबंध में यूपी बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि ज्यादा गड़बड़ी वित्त विहीन विद्यालयों में ही देखने को मिलता है। इस कारण इस वर्ष इसमें काफी सतर्कता बरती गयी है।


यह बता दें कि 2018 के बाद से ही लगातार यूपी बोर्ड में पंजीकृत विद्यार्थियों में कमी देखने को मिल रही है। यदि 2016 से हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट में कुल पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या पर गौर करें तो 2016 में कुल 68,21,495 विद्यार्थी, 2017 में 60,56,003 विद्यार्थी, 2018 में 66,39,268 विद्यार्थी, 2019 में घटकर 57,95,756 विद्यार्थी, वहीं 2020 में 1,88,638 विद्यार्थियों की संख्या कम रहते हुए 56,07,118 विद्यार्थी रह गये।


यूपी बोर्ड में हाई स्कूल में कुल 40 विषय निर्धारित हैं, जिसमें 39 विषयों की लिखित परीक्षा परिषद द्वारा लिया जाता है। एक विषय नैतिक खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय की परीक्षा एवं कुल 25 पूर्व व्यवसायिक ट्रेड विषयों की परीक्षा विद्यालयों द्वारा आंतरिक रूप से ली जाती है। इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 106 विषय और 269 प्रश्न पत्र निर्धारित हैं, जिनमें 105 विषयों की लिखित परीक्षा परिषद द्वारा तथा एक विषय खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय की परीक्षा विद्यालयों द्वारा आंतरिक रूप से ली जाती है। इन 105 विषयों में व्यवसायिक शिक्षा के कुल 41 ट्रेड भी सम्मिलित हैं।


इस हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में जहां कुल 3124128 छात्र शामिल हो रहे हैं। वहीं छात्राओं की संख्या 2482990 है। अर्थात छात्रों की अपेक्षा छात्राएं 6,41,138 कम हैं। हाइस्कूल में कुल 30,22,607 विद्यार्थियों में बालकों की संख्या 16,60,738 है, वहीं बालिकाओं की संख्या 1361869 है। वहीं इंटरमीडिएट के कुल 25,84,511 विद्यार्थियों में बालकों की संख्या 14,63,390 है। वहीं बालिकाओं की संख्या 11,21,121 है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष परीक्षार्थियों की कमी के संदर्भ में बोर्ड का कहना है कि नकल विहीन परीक्षा की प्रतिबद्धता के कारण नकल के भरोसे परीक्षा उत्तीर्ण करने की मंशा रखने वाले विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो रहे हैं। इस कारण परीक्षार्थियों की संख्या में कमी हो रही है। मंगलवार से शुरू होकर हाईस्कूल की परीक्षा तीन मार्च को समाप्त होगी, जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा छह मार्च को समाप्त हो रही है। वर्तमान में पांच क्षेत्रीय कार्यालयों से परीक्षा केन्द्र का संचालन होना है। इसमें मेरठ द्वारा चार मंडलों के 17 जनपद, बरेली से दो मंडलों के नौ जनपद, प्रयागराज द्वारा पांच मंडलों के 23 जनपद, क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी द्वारा चार मंडलों के 15 जनपद, क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर द्वारा तीन मंडलों के 11 जनपदों की परीक्षा का संपादन होना है।