फार्म पावर की उपलब्धता एवं कृषि उत्पादकता में है गहरा सम्बन्ध:कृषि मंत्री
 

कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना पर 40ः तथा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर 80ः अनुदान अनुमन्य

 

2019-20 में सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन एवं इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अन्तर्गत 5119 कृषि यंत्र वितरित

 

2019-20 में 1423 कस्टम हायरिंग सेण्टर एवं 266 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित

 

लखनऊ ।  प्रदेश में अधिकांश कृषक लघु एवं सीमान्त हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नही है कि अधिक लागत के आधुनिक कृषि यन्त्रांे का क्रय कर सकें। फार्म पावर की उपलब्धता एवं कृषि उत्पादकता में गहरा सम्बन्ध है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही है। प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के कुशल निर्देशन में सब मिशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन के अन्तर्गत विकास खण्ड एवं ग्राम स्तर पर कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना पर 40 प्रतिशत तथा फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना पर 80 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।

       कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन एवं इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अन्तर्गत अब तक 5119 कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। जबकि 1540 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापना लक्ष्य के सापेक्ष 1423 कस्टम हायरिंग सेण्टर की स्थापना करायी गयी। इसके अतिरिक्त 277 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना लक्ष्य के सापेक्ष 266 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी जा चुकी है।

  इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजनान्तर्गत कस्टम हायरिंग सेण्टर की स्थापना के लिए 11-18 लाख रूपये तक की परियोजना लागत पर फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक एवं अन्य यंत्रों पर 40 प्रतिशत तक अनुदान अनुमन्य है। फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 11-15 लाख रूपये तक की परियोजना लागत पर 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।  

  प्रदेश सरकार द्वारा कृषि यंत्रीकरण के अन्तर्गत रीपर, रीपर कम्बाइन्डर, स्ट्रारीपर, रोटावेटर, सीड ड्रिल/जीरो टिल सीड कम फर्टी ड्रिल, हैरो, फ्रूट ग्रेडर, ग्राउन्ड नट पाड स्ट्रीपर, स्ट्राचापर, हैप्पी सीडर, कल्टीवेटर, नैपसेक स्प्रैयर, पावर आपरेटेड स्प्रेयर आदि पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के किसानों तक कृषि यन्त्रीकरण का लाभ पहुंचाने हेतु लघु, सीमान्त एवं महिला किसानों को क्रय मूल्य का अधिकतम 50 प्रतिशत तक अथवा अनुदान की अधिकतम् अनुमन्य सीमा दोनो में से जो कम हो देय होगा तथा अन्य किसानों को अधिकतम 40 प्रतिशत तक अथवा अनुदान की अधिकतम् अनुमन्य सीमा दोनो में से जो कम हो, उपलब्ध कराया जा रहा है।