- योगी ने कहा गरीबों, मजदूरों और जरूरतमदों से न लें किराया
- जिले के अधिकारियों से सामानों की कीमतें निर्धारित करने का निर्देश
- हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को 1000 रुपये देगी सरकार
- जरूरतमदों को ढूंढकर मदद पहुंचाने का निर्देश
हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को सरकार एक 1000 रुपये देगी, भले ही वह मजदूर प्रदेश के किसी भी कोने में हो। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि उन मजदूरों को ढूंढकर उन तक मदद पहुंचाएं।
लखनऊ। कोरोना के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। हर राज्य अपने-अपने तरीके से कोरोना और लॉकडाउन की तैयारियां कर रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार अधिकारियों के साथ बैठक करके इससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। हर रोज यूपी सीएम की बैठक हो रही है। रविवार को भी सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। योगी ने अधिकारियों को बैठक के बाद महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। योगी ने कहा कि जो चुनौती हमारे राज्य पर आई है, पलायन के चलते हम नहीं चाहते कि बाकी राज्यों के सामने ये चुनौती आए। हर जिले में डीएम सामानों की एक लिस्ट बनाकर कीमतें निर्धारित करें। सीएम ने कहा कि जो जमाखोरी कर रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर करके सख्त कार्रवाई करें।
दिए गए ये मुख्य निर्देश
उद्यम और संस्थान जो लॉकडाउन के चलते बंद हैं उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा। कर्मचारियों को वेदन दिलवाने की जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को सरकार 1000 रुपये देगी, भले ही वह मजदूर प्रदेश के किसी भी कोने में हो। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि उन मजदूरों को ढूंढकर उन तक मदद पहुंचाएं।
पूरे प्रदेश में अल्प वेतन भोगी, श्रमिकों या गरीबों से मकान मालिक किराया ना लें। योगी ने कहा कि यह उनकी मानवीय अपील है।
किसी की भी बिजली, पानी बकाए के चलते नहीं काटी जाएगी, बराबर आपूर्ति बनी रहेगी।
यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। योगी ने कहा कि ऐसे लोगों को भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बाकी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा पैदा न हो।
जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, उनकी दैनिक जरूरतों और आर्थिक जरूरतों की चिंता करने की जिम्मेदारी भी अधिकारियों की होगी, ताकी वे अपने राज्यों के लिए पलायन ना करें।