कुछ लोगों को राशन दिया फिर फोटो खिंचवा कर चले गए

लखनऊ प्रशासन ने कागजों पर गरीबों की मिटाई भूख


 खरगापुर में एक बड़ी बस्ती में परिवारों के भूखों मरने की नौबत आ चुकी थी


सैकड़ों परिवारों के पास एक वक्त की रोटी तक नहीं थी


सीबीआई के सिविल जज और आसपास के कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई। अपने स्तर से कम्युनिटी किचेन बनाया। अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए उनको खाना बांटा जा रहा है


असल मदद कर रहे ये लोग









लखनऊ। खरगापुर, बटलर पैलेस के आसपास करीब 600 मजदूर रह रहे हैं। खाने के लिए बनाई गई कतार में लगीं कावरधा जिला छत्तीसगढ़ की झूनाबाई ने बताया कि मजदूरी करने वह राजधानी आई थीं। फिर रोक लग गई। एक पूरे दिन उनको और उनके परिवार को खाना नहीं मिला। कई जगह सूचना मिली कि प्रशासन के अफसर खाना बंटवा रहे हैं लेकिन वहां पहुंची तो निराशा हाथ लगी। पूजा आसाम से आईं हैं मजदूरी करने के लिए। परिवार में पांच लोग हैं। कबीरधाम छत्तीसगढ़ के मनोहर की भी कमोवेश यही कहानी है। बोले यदि आसपास के लोग मदद नहीं करते तो परिवार समेत भूखों मर जाते। कोई मदद को नहीं आया। किसी ने कहा कि सदर तहसील के पास खाना मिलेगा। वहां पहुंचे तो सन्नाटा मिला। पुलिस ने भी भगा दिया।

 

राजधानी लखनऊ में ट्विटर पर, फोन से मदद के लिए कहा गया। कमिश्नर-डीएम ने निर्देश दिए। अधीनस्थ अफसर पहुंचे। कुछ लोगों को राशन बांटा और फोटो जारी हो गई। हकीकत क्या है । खरगापुर में एक बड़ी बस्ती में परिवारों के भूखों मरने की नौबत आ चुकी थी। जहां के लिए बताया जा रहा था कि राशन बांट दिया गया है वहां सैकड़ों परिवारों के पास एक वक्त की रोटी तक नहीं थी। सीबीआई के सिविल जज और आसपास के कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई। अपने स्तर से कम्युनिटी किचेन बनाया। अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए उनको खाना बांटा जा रहा है। 


सीबीआई के जज विनय सिंह, निखिल, सुनील, शशांक, अजित सिंह ने मिलकर पैसा इकट्ठा किया। एक मकान में कम्युनिटी किचेन बनाया। हाईजीन का ध्यान रखते हुए खाना बनता है। फिर उसको पीएस लॉन खरगापुर, ओम साईं इनक्लेव, विजय नगर और बटलर पैलेस कालोनी के पास बांटा जाता है। जिन स्थानों पर खाना बांटा जा रहा है वहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए चूने से गोले बनाए गए हैं। मजदूर अपने बरतन लेकर आते हैं। उनको मास्क भी बांटा जा रहा है।


पारा के सदरौना स्थित कांशीराम कालोनी फेज दो में रहने वाले राज मंगल ने बताया कि एक दिन कुछ अधिकारी आए थे। फेज एक के कुछ परिवारों को राशन के पैकेट बांटे। फोटो खिंचवाई और चले गए। यहां बाकी ब्लॉक में रहने वाले परिवारों के पास राशन नहीं है। इसके अलावा केशरीखेड़ा कालोनी में भी बड़ी संख्या में परिवार झुग्गियों में रह रहे हैं।


इन इलाकों में मजदूरों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है इसकी जानकारी दी गई थी। मजदूरों का कहना है कि कंट्रोल रूम पर इसकी जानकारी दी गई। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने ट्वीट कर के भी जानकारी दी। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ कबीरधाम के डीएम अवनीश शरण ने भी ट्वीट के जरिए लखनऊ के पारा समेत कई इलाकों में मजदूरों के पास राशन खत्म होने की जानकारी दी थी। कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने तकरोही में खुद जा कर राशन बंटवाया था। बाकी इलाकों के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया था।