मास्क दिलाने की मुहिम में योगी की आंखों के काजल बन गए हैं डा. नवनीत कुमार सहगल 
 22 करोड़ की आबादी को खादी का मास्क उपलब्ध कराने की भगीरथी योजना को जमीन लाने की वजह से मास्क मैन का तमगा मिल गया है

 

सहगल में काम करने की असीमित क्षमता और रिजल्ट ओरियंटेड काबिलियता की बदौलत हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचने की क्षमता है

 

सभी डा. नवनीत कुमार सहगल की योग्यता के कायल हैं

 

 

लखनऊ। यूपी की 22 करोड़ की आबादी को खादी का मास्क उपलब्ध कराने की भगीरथी योजना को जमीन लाने की वजह से मास्क मैन का तमगा मिल गया है। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से लेकर पूर्व मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पाण्डेय तक सभी डा. नवनीत कुमार सहगल की योग्यता के कायल हैं। इन दोनों अफसरों का कहना है कि डा. नवनीत कुमार सहगल में काम करने की असीमित क्षमता और रिजल्ट ओरियंटेड काबिलियता की बदौलत हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचने की क्षमता है। सूबे के सबसे बड़े इवेंट इवेंटर्स समिट में योगी सरकार और केन्द्र सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा था।  सूबे के सबसे चर्चित और लोकप्रिय आईएएस डा. नवनीत कुमार सहगल ने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आंखों की किरकिरी रहे इस अफसर ने अपने काम के बल पर अब उनकी आंखों का काजल बन गए हैं। मैनेजमेंट की असीम क्षमता और रचनात्मक कौशल का यह गुण जहां प्रशिक्षु आईएएस अफसरों के लिए प्रेरणादायी है वहीं 'लोक व्यवहारÓ की कला के कायल जनता से लेकर नेता तक हंै।

 

 यूपी कॉडर के 1988 बैच के वरिष्ठï आईएएस डा. नवनीत कुमार सहगल की लोकप्रियता का यह हाल है कि बीते 20 सालों में प्रदेश में कई राजनीतिक दलों की सरकारों में अपने काम के बल पर जहां हर मुख्यमंत्री के आंखों के तारे बने रहे वहीं उन विभागों के कार्य भी सुर्खियों में रहे उन विभागों में तैनाती रही है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्ता के कार्यकाल में सूडा में तैनाती के दौरान नगरीय विकास को लेकर तमाम उल्लेखनीय कार्य किए थे। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में कई विभागों के अहम जिम्मेदारी थी।

 

यूपी के आईएएस 1988 कॉडर के तीन अफसर अरविंद कुमार, आलोक कुमार और श्रीमती राधा चौहान सचिव के लिए भारत सरकार में चयन हो गया है। इसके साथ ही 2000 बैच के रणवीर प्रसाद और 2002 बैच की मनीषा त्रिगथिया का भी संयुक्त सचिव के पद पर भारत सरकार में चयन हुआ है। इन अफसरों के केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चुने जाने से जहां यूपी आईएएस एसोसियेशन काफी खुश है वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस नीति को झटका लगा है जिसमें अच्छे अफसरों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से मना किया गया है। इन अफसरों की केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की उम्मीद से जुगाड़बाज अफसरों में फिर हलचल तेज हो गई है। महत्वपूर्ण कुर्सी पाने के लिए जुगाड़बाजी का दौर शुरू हो गया है। 

उत्पादन बढ़ा और मार्केटिंग के लिए एमेजान जैसी प्रतिष्ठिïत कम्पनियों से एमओयू भी किया। साथ ही वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना इतनी लोकप्रिय हुई कि मोदी सरकार ने इसकी तारीफ करते हुए पूरे देश में इसे लागू करवाया। कोरोना बीमारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बनी अफसरों की टीम 11 में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है।