बन्द पडे़ नलकूपों व लघु डाल नहरों को हर हालत में अगले 10 दिनों में चालू कराया जाय: जलशक्ति मंत्री
मुख्यमंत्री, के संकल्पों को पूरा करने करने के लिए सिचाई विभाग में संचालित विभिन्न परियोजनाओं व निर्माण कार्यो को निर्धारित समय में पूरा करेें: जलशक्ति मंत्री

 

जलशक्ति मंत्री जी ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सिंचाई विभाग के याँत्रिक संगठन की समीक्षा की

 

 लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री आज अपने शासकीय आवास 5, ए माल एवेन्यू पर वीडियों कान्फ्रेंिसग के मध्यम से अभियन्ताओं के साथ समीक्षा कर  रहे थे। उन्होंने अभियन्ताओं को साफ तौर से  बताया कि राजकीय नलकूपांे, लद्यु डाल नहरांे, बडी व मध्यम पम्प नहरों के संचालन के बारे में गलत जानकारी न दे अन्यथा इसे गंभीरता से लेते हुए  कठोर कार्रवाही भी की जा सकती है। डाॅ. महेन्द्र सिंह ने दो हजार नये राजकीय नलकूप निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोशित) के अन्तर्गत नवनिर्मित 206 सरकारी नलकूपों पर पाइपलाइन बिछाकर प्रत्येक दशा में 15 जून, 2020 तक ऊर्जीकृत कराकर सिंचाई के लिए तैयार कराने के निर्देश दिये, जिससे खरीफ की फसल के लिए किसानों को इन नलकूपों से सिंचाई की सुविधा मिल सके। उन्होेने कहा कि  1101 राजकीय नलकूपों के पुनः निर्माण परियोजना के अन्तर्गत 329 राजकीय नलकूपों की जल वितरण प्रणाली के समस्त कार्य पूरा करते हुए 15 जून, 2020 तक ऊर्जीकृत  कराकर सिंचाई के लिए उपयोग में  लाया जाय, जिससे किसानों को खरीफ की फसल के लिए भरपूर पानी की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होेेनें 33848 राजकीय नलकूपांे, 252 लद्यु डाल नहरों तथा 29 बड़ी व माध्यम पम्प नहरों के सफलता पूर्वक संचालन तथा किसानों की जरूरत के मुताबिक क्रियाशील रखने के भी निर्देश दिये। 

जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने सिंचाई एवं जल संसाधन के अधीन याँत्रिक संगठन के अभियन्ताओं को निर्देश दिये कि प्रदेश में बन्द सरकारी नलकूपों, लद्यु डाल नहरों को प्रत्येक दशा में अगले दस दिनों में चालू कर किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराये। निर्धारित तिथि के पश््चात कार्य पूरा न होने पर कड़ी कारवाही की जायेगी। उन्होने कोविड-19 से बचाव के लिए जारी दिशा निर्देशों तथा सोशल डिस्टेन्सिंग का कडाई से अनुपालन करते हुए कार्य करने की हिदायत दी। 

 

डाॅ. महेन्द्र सिंह ने सिंचाई (याँत्रिक) विभाग के नियत्रण में आने वाले बांधों,  बैराजों पर लगाये गेटों आदि को मानसून के पहले ठीक कराने के भी हिदायत दी। उन्होंने जनपद-आगरा  की चम्बल पम्प नहर, जनपद-ललितपुर की जाखलौन पम्प नहर, जनपद-प्रयागराज की टोंस पम्प नहर, जनपद-फतेहपुर की जरौली पम्प नहर एवं जनपद-गाजीपुर की जमांनिया पम्प नहर के आधुनिकीकरण हेतु संचालित नाबार्ड पोषित परियोजना में ई-टेण्डर के माध्यम से व्यवस्था की जाने वाली सामग्रियों यथा मोटर, पम्प, वाल्वस एवं अन्य विद्युत उपकरणों की आपूर्ति .15 जूून 2020 तक  सुनिश्चित कराते हुए इन उपकरणों की स्थापना कराने को कहा। 

जलशक्ति मंत्री ने राजकीय नलकूपों तथा लद्यु डाल नहरों के कमाण्ड क्षेत्र में पड़ने वाले तालाबों को भरने का कार्य 28 मई 2020 तक पूरा करते हुए उसका अभिलेखीकरण, जीयो टैगिंग फोटोग्राफ परिक्षेत्र स्तर पर एकत्र कराकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके अलावा समस्त राजकीय नलकूपों पर टाॅप लाइट एवं साइन बोर्ड के साथ-साथ उनके रंगाई-पुताई  एक महीने के अन्दर अनिवार्य रूप से कराये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा लद्यु डाल नहरों एवं वृहद मध्यम पम्प नहरों पर स्थापित उपकरणों के पेंन्टिग एक महीने में कराने के साथ-साथ उपयुक्त स्थल पर साइन बोर्ड अथवा दिशा  सूचक बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिये।

जलशक्ति मंत्री  ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग में उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिंचाई प्रणालियों में कार्यरत कर्मचारी यथा नलकूप चालक आदि अपने-अपने मुख्यालय पर रह करके अपने दायित्वों का निर्वह्रन सुनिश्चित करें। अनुपस्थित पाये जाने की कोई सूचना प्राप्त होने पर उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के साथ-साथ नियंत्रक अधिकारी के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी । उन्होने समस्त मुख्य अभियन्ताओं/अधीक्षण अभियन्ताओं को कड़े निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्र में सघन भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान कराना सुनिश्चित करें। 

जलशक्ति मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि कोविड-19 संक्रमण के कारण जो निर्माण कार्य नहीं हो सके थे, उनकों भारत सरकार/उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोशल डिस्टेंन्सिंग की गाइड लाइन की अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए प्रत्येक दशा में 15 जून 2020 तक पूर्ण करा लिया जाय। 

बैठक में  राज्य मंत्री, जल शक्ति, बलदेव सिंह औलख ने वीडियों कान्फे्रन्सिंग के माध्यम से अधिकारियों को भी सम्बोधित किया। बैठक में श्रीमती अपर्णा यू., सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा श्री देवेन्द्र अग्रवाल, प्रमुख अभियन्ता (याँत्रिक), सिंचाई विभाग, उपस्थित रहे।