कोविड-19 अस्पतालों में चिकित्सकों को विशेषज्ञ परामर्श हेतु प्रदेश में ई.सी.सी.एस. नेटवर्क प्रारम्भ
प्रदेश में पहली बार ई-कोवड केयर सपोर्ट नेटवर्क की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है

 

‘‘कोविड-19’’ चिकित्सालयों में भर्ती ऐसे रोगी विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं

 

लखनऊ । कोविड-19 के प्रभावी उपचार हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश में पहली बार ई-कोवड केयर सपोर्ट नेटवर्क की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ‘‘कोविड-19’’ चिकित्सालयों में भर्ती ऐसे रोगी विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अतिरिक्त किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी ग्रसित होते हैं। इन रोगियों के उपचार हेतु संबंधित रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श (मल्टी डिसिप्लिनरी कन्सल्टेशन) के साथ-साथ आॅक्सीजन मैनेजमेन्ट तथा वेन्टीलेटर मैनेजमेन्ट हेतु इन्टेन्सिव केयर विषयक विशेष परामर्श की भी आवश्यकता होती है। उक्त के दृष्टिगत प्रदेश में ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क पर स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त व्यवस्था से रोगियों का ससमय सम्यक उपचार किया जा सकेगा तथा इससे मृत्यु दर में भी कमी आयेगी।

यह जानकारी प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे ने दी है। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रदेश के एल-1, एल-2 एवं एल-3 कोविड अस्पतालों में टेलीकम्यूनिकेशन सेन्टर स्थापित किया जाएगा जो संचार के विभिन्न माध्यमों से 3$3 हब से जुड़े रहेंगे तथा यथा आवश्यकता पेशेन्ट की केस हिस्ट्री, रेडियोलाॅजिकल व क्लीनिकल इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट का डाटा एक्सचेन्ज करके आडियो-वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हब  सेन्टर के विशेषज्ञों व यथा आवश्यकता संस्थाओं के सुपर स्पेशिलिस्ट से चिकित्सकीय सलाह व मार्गदर्शन प्राप्त किया जाना सम्भव हो सकेगा।

प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा  जनीश दुबे ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री  सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में संस्थानों के साथ आहूत बैठक में यह विनिश्चय हुआ कि भ्नइ - ैचवाम डवकमस के क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक प्राइमरी हब को 6 मण्डल निम्नानुसार आवंटित किए गये हैं, जिनमें प्रदेश के जनपदों में स्थापित उपरोक्त कोविड अस्पताल एक-दूसरे से निम्नानुसार लिंक रहेंगे-

क्र मण्डल प्राइमरी  

1.पश्चिमी क्षेत्र के मण्डल: आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर एलएलआरएम, मेडिकल कालेज मेंरठ एसजीपीजीआई लखनऊ।

2.मध्य क्षेत्र के मण्डल: लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, कानपुर, झांसी, चित्रकूट जीएसवीएम मेडिकल कालेज, कानपुर केजीएमयू लखनऊ।

3.पूर्वी क्षेत्र के मण्डल: आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर एमएलएन मेडिकल कालेज, प्रयागराजआईएमएस बीएचयू, वाराणसी।

श्री दुबे ने बताया कि टेलीकन्सल्टेशन सुविधा जिसमें केस शीट, विभिन्न जांचों के स्कैन आदि के सम्प्रेषण की भी सुविधा होगी, प्रातः 08 बजे से रात 08 तक कन्सल्टेंट चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी।  हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों की टेलीक्म्युनिकेशन यूनिट में मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जिकल/आब्स एण्ड गायनी विशेषज्ञ, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ एवं पैरा क्लीनिकल/नाॅन क्लीनिकल विशेषज्ञ सम्मिलित रहेंगे। एसजीपीजीआई लखनऊ, केजीएमयू लखनऊ तथा आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी के द्वारा एडवांस हब के रूप में क्रमशः प्रदेश के पश्चिमी, मध्य तथा पूर्वी क्षेत्र के 6-6 मण्डलों के जिलों में स्थित कोविड अस्पतालों को विशेषज्ञ परामर्श उपलब्ध कराया जायेगा। 

प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि उक्त मब्ब्ै नेटवर्क  व्यवस्था नहीं है अपितु यह क्वबजवत जव क्वबजवत टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क है। संबंधित चिकित्सकों द्वारा रोगियों का डाटा, नेटवर्क के दोनों केन्द्रों पर अनिवार्य रूप से भेजा जायेगा। प्रत्येक रजिस्ट्रेशन हेतु एक केन्द्रीय नम्बर दिया जायेगा एवं रोगी का डाटा, जांच रिपोर्ट का भण्डारण, आडिट एवं विश्लेषण हेतु सुनिश्चित किया जायेगा।  नेटवर्क की साप्माक रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर महानिदेश, चिकित्सा शिक्षा कार्यालय स्थित कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर को उपलब्ध करायी जायेगी। यह अभिनव प्रयोग प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है, जिसके दूरगामी सार्थक परिणाम होंगे।