“कृषक हित सर्वोपरि” को गन्ना विभाग ने बनाया सार्थकः सुरेश राणा 
“कृषक हित सर्वोपरि” को गन्ना विभाग ने बनाया सार्थकः सुरेश राणा 

 

गन्ना किसानों को अतिरिक्त सट्टे का वास्तविक लाभ मिला

 

गन्ना समितियों के सचिव एवं अन्य कार्मिकों की “पिक एण्ड चूज” पाॅलिसी पर प्रहार कर विभाग द्वारा छोटे किसानों को प्राथमिकता पर अतिरिक्त सट्टे का लाभ प्रदान किया गया

 

9 लाख से अधिक गन्ना किसान जिनका बेसिक सट्टा उनकी चीनी मिल के प्रति हे. औसत गन्ना आपूर्ति से कम था, उन्हें 8.96 करोड़ कु. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ प्रदान किया गया

 

पेराई सत्र 2019-20 में कुल 1655.31 लाख कु. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ किसानों को प्रदान किया गया।

पूर्व में जागरूक एवं प्रभावशाली किसान ही ले पा रहे थे अतिरिक्त सट्टे की सुविधा का लाभ

 

पारदर्शिता के साथ सभी को समान लाभ देने के उद्देश्य से गत वर्ष से शुरू की गयी समानुपातिक अतिरिक्त सट्टे की सुविधा

ई.आर.पी. के द्वारा ही यह सुविधा सम्भव हो सकी तथा चीनी मिलों की मनमानी पर भी रोक लगी

 

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के हित के प्रति अत्यन्त सजग मा. मुख्य मंत्री, योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से तथा मा. गन्ना मंत्री सुरेश राणा के निर्देश पर गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने अनेक कदम उठाये हैं। इसी क्रम में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि सभी किसानों को उपज के आधार पर उनके समस्त गन्ने की समयान्तर्गत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश के इतिहास में प्रथम बार ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सट्टा नीति में परिवर्तन कर प्रावधान किया गया, कि पेराई सत्र 2019-20 में ऐसे सभी किसान जिनका बेसिक सट्टा उनकी चीनी मिल के प्रति हेक्टेयर औसत गन्ना आपूर्ति से कम था, उनको चीनी मिल के प्रति हेक्टेयर औसत गन्ना आपूर्ति तक अतिरिक्त सट्टे की सुविधा प्राथमिकता पर प्रदान की जाये। इस सुविधा में वर्तमान पेराई सत्र में 9.00 लाख से भी अधिक किसानो को 8.96 करोड़ कु. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ प्रदान किया गया।

उनके द्वारा यह भी बताया गया कि पेराई सत्र 2019-20 में जहाॅं-जहाॅं चीनी मिल को गन्ने की मांग अधिक थी तथा कृषकों का बेसिक सट्टा कम था वहाॅं उनको अतिरिक्त गन्ने की पूर्ति हेतु चीनी मिल परिक्षेत्रों के सभी कृषकों को उनके पास उपलब्ध अतिरिक्त गन्ने के अनुपात में अतिरिक्त सट्टे का लाभ प्रदान किया गया। इस सुविधा से भी कृषकों को 7.59 करोड़ कुं. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ मिला। इस प्रकार पेराई सत्र 2019-20 में कुल 16.55 करोड़ कु. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी किसानों को प्रदान किया गया जबकि विगत पेराई सत्र 2018-19 में भी कुल 11.12करोड़ कु. गन्ने के अतिरिक्त सट्टे का लाभ कृषकों को प्रदान किया गया था। इस अतिरिक्त सट्टे के लाभ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्र 2019-20 में अब तक लगभग 80 मिलें अपना गन्ना पेर कर निर्विवाद रूप से बंद हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व वर्षों में इस अतिरिक्त सट्टे की सुविधा का लाभ केवल कुछ प्रभावशाली तथा जागरूक किसानों तक ही सीमित था तथा गन्ना समितियों के अधिकारियों एवं कार्मिकों की “पिक एण्ड चूज” पाॅलिसी के कारण छोटे गन्ना किसान इस अतिरिक्त सट्टे की सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे थे। सभी किसानों को बिना भेदभाव के पारदर्शी तरीके से अतिरिक्त सट्टे का लाभ मिला इसके लिए सट्टा नीति में परिवर्तन कर अतिरिक्त सट्टे के आवंटन की आवश्यकता वाले किसानो को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया जिसके तहत ऐसे किसान जिनका बेसिक कोटा मिल की औसत आपूर्ति से कम था उनको प्राथमिकता प्रदान की गयी तथा शेष सभी गन्ना किसानों को समानुपातिक रूप से अतिरिक्त सट्टे की सुविधा प्रदान की गयी।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि सभी किसानों को पारदर्शी रूप से सुविधा प्रदान करना गन्ना विकास विभाग की ई.आर.पी. व्यवस्था के कारण ही सम्भव हो पाया है। इसके पूर्व गन्ना किसानों को अतिरिक्त सट्टे के लिये पृथक से आवेदन करना पड़ता था जिसकी आवश्यकता समाप्त कर सभी किसानों को समान रूप से अतिरिक्त सट्टे का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस व्यवस्था से इंस्पेक्टर राज पर रोक लगी है और सभी किसानों को विशेषकर छोटे किसानों को समयान्तर्गत गन्ना आपूर्ति में सहायता मिली है जिससे उनकी आय वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ है।