पालघर में संतों की हत्या को लेकर आम जन के मन में आक्रोश

संतों की हत्या एक अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय कृत्य है


घटना पर क्या - क्या कार्यवाही हुई यह सार्वजनिक होना चाहिए 


लखनऊ ।  जन उद्घोष सेवा संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष कुलदीप तिवारी के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से  ऑनलाईन परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का मुख्य विषय महाराष्ट्र पालघर में निर्दोष संतों की क्रूरतम हत्या और उसके पीछे का षड्यंत्र रहा। चर्चा में सुधाकर त्रिपाठी चेयरमैन रिमोट सेंसिंग एंड एप्लीकेशन सेंटर ( राज्य मंत्री), शीला मिश्रा प्रोफेसर सांख्यिकी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, राकेश मोहन मिश्र एवं प्रभाकर शर्मा संगठन उपाध्यक्ष, दीपक शुक्ल महासचिव, प्रवीण कंचन संगठन सचिव, अनूप मिश्र, गौरव मिश्रा , सोनू यादव, कुलभूषण जौहरी, डी के शर्मा, मध्यप्रदेश से प्रदेश संगठन मंत्री अमरेश शर्मा व प्रभाकर शर्मा ,कानपुर से पूनम द्विवेदी ,कानपुर देहात से सत्यम शर्मा, मल्लावां से संतोष शुक्ल, प्रतीक पांडेय , अखिलेश अवस्थी आदि कई सम्मानित सदस्यों ने भाग लिया एवं दृढ़तापूर्वक अपनी बात रखी।
         परिचर्चा पालघर में निर्दोष संतों की हुई हत्याओं  पर केंद्रित रही। आम जन के मन में इस घटना को लेकर आक्रोश है। यह एक अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय कृत्य है जिसे कि सुनियोजित तरीके से किया गया है। भारत में लगातार ऐसी अनेकों घटनाएं हुई हैं जिससे कि हिंदुओं को अपने ही राष्ट्र में भय के माहौल में जीना पड़ रहा है। कुछ दिनों की चर्चा और हो हल्ले के बाद घटना और उसकी जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। आवश्यकता है कि उक्त घटना पर क्या क्या कार्यवाही हुई यह सार्वजनिक होना चाहिए। 
       घटना में महाराष्ट्र प्रदेश सरकार के सहयोगियों की संलिप्तता  व वहाँ पर हिंदुओं का तेजी से कराए जा रहे धर्मांतरण में विदेशी संगठनों के प्रभाव को देखते हुए जांच को एनआईए (NIA) से कराने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया। अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने कहा कि उक्त विषय पर NIA से जांच के लिए जन उद्घोष सेवा संस्थान के माध्यम से केंद्र सरकार से निवेदन किया जाएगा। चर्चा में कोरोना वायरस से बचने के उपाय, इस सम्बंध में सरकारों और डॉक्टर्स द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से स्वयं पालन करना व दूसरों को प्रेरित करना, PM CARE FUNDS में स्वेक्षा से यथासंभव योगदान करने व अन्य सभी को जागरूक करने के साथ ही अन्य सामयिक विषयों पर चर्चा हुई। झारखंड में हिन्दुओं के दमन की भी निंदा की गई।