प्रदेश सरकार गरीबों को मुफ्त राशन देने के नाम पर मजाक कर रही है

प्रदेश सरकार गरीबों को मुफ्त राशन देने के नाम पर मजाक कर रही है


लापरवाह अफसरों की वजह से सरकार की जनहित योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है



 

 

लखनऊ। प्रदेश सरकार गरीबों को मुफ्त राशन देने के नाम पर मजाक कर रही है। शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में कोटेदारों ने गरीबों को राशन वितरित किया। इस राशन वितरण के दौरान एक अजब-गजब वाकया देखने को मिला। कार्डधारक को राशन वितरण के दौरान जो पर्ची दी गयी उसमे चावल के साथ एक किलो चने की दाल दिखायी गयी। जबकि कार्डधारक को दिया गया चना। 

कोरोना वायरस के चलते देश एवं प्रदेश में पिछले करीब डेढ़ माह से लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन की वजह से ठेला, खोंचा, गुमटी व पटरी पर दुकान लगाकर परिवार की जीविका चलाने वाला का कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है। इन गरीबों को भुखमरी से बचने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मुफ्त राशन दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके पास राशनकार्ड नही है उनके राशनकार्ड बनाये जाये सीएम ने घोषणा में कहा था कि राशनकार्ड धारकों को चावल, दाल, नमक व तेल दिया जाए। जबकि हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है। शुक्रवार को कोटेदारों ने गरीबों को मुफ्त राशन वितरित किया। कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो चावल व एक किलो चना वितरित किया जा रहा था। राशन के साथ कार्डधारक को दिए गए राशन के साथ एक पर्ची भी दी जा रही थी। इस प्रतिनिधि ने एक कार्डधारक से जब पर्ची मांग कर देखी तो उसमें एक चौकाने वाली बात सामने आई। छह यूनिट वाले इस कार्ड पर कार्डधारक को 30 किलो चावल व एक किलो चना दाल दिए जाने का उल्लेख था। जबकि उसको चना दाल से स्थान चना दिया गया था। राशन वितरित कर रहे लोगो से जब इसकी पड़ताल की गई तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। जिस अधिकारी को पूरे जिले की खाद्य आपूॢत व्यवाथा की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह इतना बिजी हैं कि उनके पास फोन उठाने तक कि फुर्सत नहीं है। राशन दुकानों पर चना दाल के स्थान पर चना दिए जाने के संबंध में जब एसडीएम आपूॢत आरडी पांडेय से संपर्क करने की कोशिश की गई तो कई बार फोन व मैसेज करने के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। ऐसे लापरवाह अफसरों की वजह से सरकार की जनहित योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है।