जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन, वर्चुअल काव्य गोष्ठी 

जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन, वर्चुअल काव्य गोष्ठी   


“ मुकदमा जीत गए हैं राम...! ”


जन उद्घोष सेवा संस्थान ने किया एक सराहनीय प्रयास 


सागर में गोते लगाने को मजबूर कर दिया



  लखनऊ।  कोरोना महामारी के इस दौर में जहां हर व्यक्ति मानसिक दबाव में जी रहा है, समाजिक जीवन अस्त व्यस्त है और परिस्थितियों को देखते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों व भीड़-भाड़ से लोग दूरी बनाए हुए हैं, वहीं जन उद्घोष सेवा संस्थान ने एक सराहनीय प्रयास किया है। जन उद्घोष सेवा संस्थान के मंच के माध्यम से वर्चुअल काव्य गोष्ठी  का सफल एवं वृहद आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अलग-अलग प्रदेशों से लोगों की सहभागिता की तथा काव्य गोष्ठी का आनन्द लिया।
       कार्यक्रम का प्रारंभ स्वस्ति वाचन व सरस्वती वंदना से हुआ। बाराबंकी से कवि शिव किशोर तिवारी “खंजन” ने सरस्वती स्तुति का अत्यंत ही सुंदर व आध्यात्मिक मंचन किया। दिल्ली से जुड़े कवि मनोज मिश्रा (कप्तान) की कविता “ मुकदमा जीत गए हैं राम..........! ” ने सभी श्रोताओं  का मन मोह लिया। मेरठ से जुड़ीं कवियित्री शुभम त्यागी, बनारस से युवा कवि सूरज मणि, प्रयागराज से कवि संतोष शुक्ल ( समर्थ) व लखनऊ से साधना मिश्रा ने श्रोताओं को साहित्य व काव्य के सागर में गोते लगाने को मजबूर कर दिया। जन उद्घोष सेवा संस्थान, युवा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस वर्चुअल कवि सम्मेलन में राष्ट्र भक्ति, हास्य, व श्रृंगार रस से ओतप्रोत कविताओं ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जय श्री राम व हर हर महादेव के जय उद्घोष ने कार्यक्रम में ऊर्जा के प्रवाह का कार्य किया।
         कार्यक्रम की अध्यक्षता जन उद्घोष सेवा संस्थान के संस्थापक व प्रमुख कुलदीप तिवारी ने की। आयोजक के रूप में युवा प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश संगठन सचिव गौरव मिश्र व टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन रूहेलखंड विश्वविद्यालय की जंतु विज्ञान की प्रवक्ता डॉ. आभा त्रिवेदी ने किया साथ ही उत्तर प्रदेश रिमोट सेंसिंग एंड एप्लीकेशन सेन्टर के चेयरमैन व राज्य मंत्री सुधाकर त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवक्ता प्रो. शीला मिश्रा, कानुपर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल मिश्र, राम मंदिर केस के पक्षकार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, संस्कार भारती से विजय कुमार दीक्षित सहित अलग अलग प्रदेशों व शहरों से अनेकों साहित्यप्रेमी तथा विद्वान लोग जुड़े। अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने राष्ट्र हित में संस्थान द्वारा किये प्रयासों, उद्द्येश्यों व संस्थान की उपलब्धियों से भी सभी को अवगत कराया।