मुख्यमंत्री ने दिये बाढ़ प्रभावित जनता को हर सम्भव मदद पहुंचाने के निर्देश:राहत आयुक्त संजय गोयल
प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकी स्थापित
वर्तमान में प्रदेश के 18 जनपदों के 830 गांव बाढ़ से प्रभावित
आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी
नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क करें:राहत आयुक्त संजय गोयल
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जनपद गोण्डा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा देवीपाटन मण्डल के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित जनता को हर सम्भव मदद पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिये कि समस्त बाढ़ प्रभावित जनपदों में बंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पेट्रोलिंग की जाय। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि मैरूण्ड गांव के लिए आवागमन हेतु पर्याप्त नावों की व्यवस्था, राहत किट का वितरण, चिकित्सा दलों का प्रभावित गांवों में दौरा सुनिश्चित करें तथा पशुओं के लिए चारा व कैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने बताया कि स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त क्लोरीन टेबलेट का वितरण प्रभावित क्षेत्रों में किया जाय।
श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। 703 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,69,520 खाद्यान्न किट व 2,95,779 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 18 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर) के 830 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 482 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,04,034 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,591 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।