निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की समीक्षा की

 

लम्बित विषयों पर अधिकारियों को शीघ्रता से निर्णय लेते हुए तेजी से कार्यवाही किए जाने के निर्देश: मुख्यमंत्री

 

प्रदेश में बनाए गए एक्सप्रेसवेज़ तथा निर्माणाधीन/प्रस्तावित एक्सप्रेसवेज़ के दोनों ओर प्रमुख पोटेन्शियल क्षेत्रों को चिन्ह्ति करके लैण्ड बैंक विकसित किए जाने के निर्देश

 

आरआरटीएस परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (एनएच-24) के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश

 

बंजर भूमि के 10 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों का औद्योगीकरण के लिए उपयोग किए जाने पर विचार करते हुए कार्यवाही की जाए

 

निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री

 


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर औद्योगिक विकास से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की समीक्षा की। उन्होंने लम्बित विषयों पर अधिकारियों को शीघ्रता से निर्णय लेते हुए तेजी से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए लैण्ड बैंक उपलब्ध कराया जाए। लैण्ड बैंक की भूमि चिन्ह्ति करने की कार्यवाही तत्परता से की जाए। उन्होंने प्रदेश में बनाए गए एक्सप्रेसवेज़ तथा निर्माणाधीन/प्रस्तावित एक्सप्रेसवेज़ के दोनों ओर प्रमुख पोटेन्शियल क्षेत्रों को चिन्ह्ति करके लैण्ड बैंक विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने औद्योगिक विकास से सम्बन्धित विषयों तथा लैण्ड बैंक की उपलब्धता के सम्बन्ध में आने वाली समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने आरआरटीएस परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (एनएच-24) के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बंजर भूमि के 10 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों का औद्योगीकरण के लिए उपयोग किए जाने पर विचार करते हुए कार्यवाही की जाए। उन्होंने प्रदेश में एन0एच0ए0आई0 से सम्बन्धित विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण को समयबद्ध ढंग से पूरा किए जाने की बात कही। उन्होंने सुल्तानपुर-वाराणसी, गोरखपुर-वाराणसी, लखनऊ-बरेली आदि मार्गों की मरम्मत किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, ईस्टर्न तथा वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के सम्बन्ध में भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया कोविड-19 की वैश्विक महामारी से जूझ रही है। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए तेजी से कार्य करना होगा। औद्योगिक विकास की सभी सम्भावनाओं को तलाश करते हुए समस्याओं का त्वरित समाधान करना होगा, तभी प्रदेश अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य है। यहां पर दक्ष मानव संसाधन, एक्सप्रेसवेज़ सहित बेहतर कनेक्टिविटी, अवस्थापना सुविधाएं व भरपूर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए और आवश्यकतानुसार संशोधनों पर भी विचार किया जाए। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार ने औद्योगिक विकास से सम्बन्धित लम्बित विभिन्न विषयों पर हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रकरणों के समाधान की दिशा में कार्यवाही की जा रही है। 

 

इस अवसर पर मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास  दीपक कुमार, प्रमुख सचिव लोक निर्माण  नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।