सीबीआई से बढ़ेगी उद्धव सरकार की मुश्किलें!

सुशांत की मौत के बाद से लगातार ये कहा जा रहा है कि वो डिप्रेशन में थे। लेकिन सुशांत के वीडियो और उनके अंदाज सहित तमाम गवाहों व उनके सबूतों को देखकर ये कोई नहीं कह सकता कि उन्हें कहीं से भी कोई मानसिक बीमारी थी। दूसरी ओर ऐसे भी वीडियो सामने आ रहे हैं जिससे ये पता चलता है कि उनके पैसों को लेकर कुछ ना कुछ गोलमाल का खेल किया जा रहा था। खासतौर से शक सुई तब और गहरी हो जाती है जब जांच करने गयी बिहार पुलिस के अधिकारी का सहयोग करने के बजाय क्वारंटाइन कर दिया गया। वैसे भी सुशांत केस में आरोपों की बौछार झेल रहीं रिया चक्रवर्ती का बार-बार बयान बदला जाना सरकार द्वारा सीबीआई जांच से मुंह मोडऩा लोगों की शक और पुख्ता होती चली गयी। 


 

शायद यही वजह है कि देश की सर्वोच्च अदालत को भी लगा कि कहीं न कहीं इस प्रकरण में झोल है और अंतत: सीबीआई जांच का आदेश दे ही दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरा देश झूम रहा है। उसे लगने लगा है कि अब सुशांत के परिवारीजनों को इंसाफ मिलेगा। क्योंकि इस सुशांत के घरवालों ने एक दो नहीं कई बार मुंबई पुलिस की सुसाइड की थ्योरी पर एक के बाद एक कई सवाल खडे किए हैं। रिया और सुशांत के परिजनों की बात-विवाद से साफ हो गया है कि ये आत्महत्या नहीं है। अब सीबीआई जांच से सभी पर्त खुलेंगी। सारा सच सामने आएगा। खासकर महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के लिए ये झटके वाला फैसला इसलिए साबित हो सकती है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच का विरोध कर रही थी, वो बिहार में दर्ज एफआईआर के खिलाफ भी थी। यह अलग बात है कि पूरा देश बॉलीवुड स्टार सुशांत भसह राजपूत की मौत पर पड़ा पर्दा उठते देखना चाहता है, उनकी मौत का सच हर कोई जानना चाहता है और अब ये सच दुनिया के सामने आ सकता है। क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत ने सुशांत की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। 

 

देखा जाएं तो इस आदेश के बाद ही महाराष्ट्र में बैठकों का सिलसिला तेज हो गया है। अधिकारियों के साथ गृह मंत्री की बैठक एक-दो नहीं धड़ाधड़ कई बार हुई। इसके साथ ही संजय राउत ने भी अपनी दलील पेश की है और एक तरह से धमकी दी है कि इस्ती$फे की बात निकलेगी तो दिल्ली तक जाएगी। राज्य की बदनामी करना ठीक बात नहीं। क्योंकि दबाव महाराष्ट्र सरकार पर भी है। सीएम उद्धव ठाकरे के इस्ती$फे तक मांग की गई है। ये वही संजय राउत हैं, जिन्होंने सुशांत की मौत के आत्महत्या साबित करने की भरपूर कोशिश की। जिसने बार बार ये लिखा कि सुशांत की कई गर्लफ्रेंड थी, उसने सुसाइड किया और उसकी आत्महत्या का प्रचार हो रहा है। ऐसी बेकार बातें करने वाले संजय राउत की जुबान पर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ताला जड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नीतीश सरकार ने केस की जो सीबीआई जांच की सिफारिश की थी वो सही थी। पटना में जो एफआईआर दर्ज की गई है वो कानून सम्मत है। मुंबई पुलिस ने इस केस में जांच नहीं बल्कि सिर्फ इन्कवॉयरी की। महाराष्ट्र सरकार को अब जांच में सहयोग करना होगा। मुंबई पुलिस को इस मामले के सारे सबूत सीबीआई को सौंपने होंगे। आगे कोई भी एफआईआर इस मामले में दर्ज हुई तो उसे सीबीआई देखेगी। बता दें, लंबे समय से सुशांत का परिवार और उनके फैंस सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे लेकिन महाराष्ट्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। सुशांत के परिवार ने मामले की जांच के लिए पटना में एफआईआर दर्ज कराई। जिसके बाद बिहार पुलिस की टीम जांच के लिए मुंबई पहुंची लेकिन उसे मुंबई पुलिस का सहयोग नहीं मिला। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुशांत भसह राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर साइन करने वाले कूपर हॉस्पिटल के 5 डॉक्टरों को सोशल मीडिया पर हरासमेंट का सामना करना पड़ रहा था। इन सभी डॉक्टरों के नाम सोशल मीडिया पोस्ट में मेंशन किए जा रहे थे। शेयर की जा रही पोस्ट्स में डॉक्टरों के परिवारों की तस्वीर शेयर की जा रही थी। 

 

आरोप लग रहे थे कि सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई है। अस्पताल के जिन डॉक्टरों को प्रताडि़त किया जा रहा है उन पर आरोप हैं कि उन्होंने रिश्वत लेकर सुशांत की मौत को सुसाइड डिक्लेयर किया है। मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के लिए इस बात को लेकर देश में लगातार किरकिरी हो रही थी। लोग कहने लग गए थे पुलिस किसी को बचाने के लिए सुशांत ङ्क्षसह राजपूत की हत्या को आत्महत्या बता रही है। मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना के कई नेता सुशांत ङ्क्षसह राजपूत मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर बिहार चुनाव से प्रेरित बताते रहे। क्योंकि सुशांत के पिता का भी बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के सहयोग से ही एफआईआर दर्ज हो पाई है। शिवसेना नेता संजय राउत की ओर से बयान दिया गया था कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच करने में सक्षम है, ऐसे में बिहार पुलिस को जांच करने की जरूरत नहीं है। सुशांत मामले की जांच करने जब पटना पुलिस मुंबई पहुंची थी, तो बिहार की ओर से आरोप लगाया गया कि बिहार पुलिस के लोगों के साथ दुव्र्यवहार किया गया। पटना सिटी एसपी को कई दिनों तक क्वारनटीन में रखा गया, इसके अलावा जो अन्य चार पुलिसकर्मी आए थे उन्हें भी छिपकर काम करना पड़ा। जिसके बारे में बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी महाराष्ट्र पुलिस पर आरोप लगाए थे। 

 

बिहार पुलिस और बिहार के नेताओं की ओर से आरोप लगाया जा रहा था कि महाराष्ट्र पुलिस कुछ लोगों को बचाने के लिए सही से पूछताछ नहीं कर रही है और चिन्हित लोगों को बुलाकर सिर्फ खानापूॢत कर रही है। ऐसे में अब जब सीबीआई इस मामले की जांच अपने हाथों में लेगी, तो एक बार फिर से जांच और पूछताछ शुरू हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सीबीआई को ये मामला सौंपने के बाद अब लोग खुलकर बोलने लगे है कि बेबी पेंग्विन तो गयो। वैसे भी इस केस में मनी लॉभन्ड्रग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। सुशांत के पिता केके  सह ने एक्टर की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगाया है कि उनकी नजर सुशांत के पैसों पर थी और उन्होंने एक्टर के अकाउंट से करोड़ों रुपये का लेनदेन किया है। ईडी ने रिया समेत कई लोगों से पूछताछ भी की है। लेकिन इस मामले में जिन मुख्य संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ की गई है उनके बयानों से ईडी संतुष्ट नहीं है। ईडी के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने अब तक केस से जुड़े डिजिटल एविडेंस जैसे कि सुशांत का मोबाइल फोन और लैपटॉप शेयर नहीं किए हैं। इसके अलावा अभी फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट भी शेयर की जानी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईडी फिर से इस मामले के मुख्य संदिग्ध आरोपियों को समन भेजेगा। सुशांत भसह राजपूत के पिता का बयान इस मामले में उनसे सवाल पूछने में इस्तेमाल किया जाएगा। 

 

गौरललब है कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कम ही कलाकार हैं जिन्होंने अपने संघर्ष और अपने टैलेंट के दम पर सुशांत भसह राजपूत जैसी सफलता पाई। सिर्फ 7 वर्ष में ही वो कम से कम 8 बड़ी और चॢचत फिल्मों में लीड हीरो के तौर पर दिखाई दिए। एक 34 वर्ष के युवा के लिए ये बहुत ही बड़ी सफलता थी। जिसने फिल्मों के लिए इंजीनियभरग जैसा करियर छोड़ दिया था। स्कूल के समय से ही वो बहुत टैलेंटेड यानी प्रतिभावान छात्र थे और एस्ट्रो फिजिक्स उनका प्रिय विषय था। उन्होंने 11 इंजीनियभरग एग्जाम्स क्लियर किए थे। वर्ष 2003 में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियङ्क्षरग के एंट्रेंस एग्जाम में उनकी ऑल इंडिया सातवीं रैंक आई थी। बिहार के पटना से दिल्ली आकर उन्होंने इसी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई की थी। यही नहीं उन्हें अमेरिका की कैलिफोॢनया की प्रतिष्ठित स्टैंडफोर्ड युनिवॢसटी से स्कॉलरशिप भी मिली थी। लेकिन वो इंजीनियभरग का कोर्स पूरा करते उससे पहले ही सुशांत भसह राजपूत का सपना बदल गया और उन्होंने एङ्क्षक्टग में भविष्य तलाशने का फैसला किया। सुशांत ङ्क्षसह राजपूत को किताबें पढऩे का शौक था और अंतरिक्ष विज्ञान में उनकी बहुत गहरी रुचि थी। 

 

फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम अभिनेता होते हैं जो ऐसे विषयों पर भी अपनी पकड़ रखते हैं। यानी जो अपनी फील्ड को छोड़कर उस दूसरी फील्ड में करियर बनाने के बारे में सोचते हैं जिसमें संघर्ष ही संघर्ष होता है। यही वजह थी कि सुाइड की बात लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रही थी। लोग कहने लगे थ कि सुशांत में इच्छा शक्ति की कमी थी, लेकिन इच्छा शक्ति की कमी होती तो सुशांत इंजीनियभरग छोड़कर एङ्क्षक्टग के फील्ड में नहीं आते। इंजीनियर बनकर एक सुरक्षित नौकरी करने के बजाय सुशांत ने संघर्ष का रास्ता चुना। ऐसा वही इंसान कर सकता है, जिसे खुद की काबिलियत पर विश्वास हो। एक्टर बनने के लिए सुशांत ने खूब मेहनत की। इसी मेहनत के बल पर उन्होंने पहले टीवी में नाम कमाया। 2008 से 2011 तक सुशांत कई टीवी सीरियल्स का चॢचत चेहरा रहे। धारावाहिक पवित्र रिश्ता से सुशांत देश के घर-घर में लोकप्रिय हुए। इसी प्रतिभा और इसी पहचान से सुशांत को फिल्मों मे काम मिला और इसके बाद सुशांत का कद बड़े-बड़े फिल्म स्टार्स के बराबर हो गया। ऐसे में डिप्रेशन की बात पूरी तरह झूठ है।