अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का आकार बाकी मस्जिदों से बिल्कुल अलग होगा :अतहर हुसैन
उन्होंने बताया कि हालांकि इस मस्जिद का आकार बाकी मस्जिदों से बिल्कुल अलग होगा। यह मक्का में स्थित काबा शरीफ की तरह चौकोर हो सकता है, जैसा कि मस्जिद के वास्तुशास्त्री नियुक्त किए गए प्रोफेसर एसएम अख्तर ने अपने कुछ बयानों में इशारा भी दिया है। हालांकि, अभी इस बारे में कुछ भी तय नहीं हुआ है। इस सवाल पर कि क्या काबा शरीफ की ही तरह धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद में भी कोई गुंबद या मीनार नहीं होगी, हुसैन ने कहा कि हां ऐसा हो सकता है।
उन्होंने बताया कि काबा इस्लामिक आस्था की आदिकालीन इमारत है। लिहाजा इबादतगाह का स्वरूप अगर काबा जैसा ही हो तो वह बेहतर है। हुसैन ने कहा कि ट्रस्ट ने वास्तुशास्त्री अख्तर को मुक्त हस्त दे रखा है कि वह अपने हिसाब से काम करें। आईआईसीएफ सचिव हुसैन ने बताया कि ट्रस्ट ने तय किया है कि धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद नहीं होगी यहां तक कि यह किसी भी अन्य बादशाह या राजा के नाम पर भी नहीं होगी। उनकी निजी राय है कि मस्जिद का नाम धन्नीपुर मस्जिद रखा जाए।
उन्होंने बताया कि इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट ने अपना एक पोर्टल तैयार किया है जिसके जरिए लोग मस्जिद, संग्रहालय, अस्पताल और रिसर्च सेंटर के लिए चंदा दे सकेंगे। इसके अलावा पोर्टल पर राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस्लामी विद्वानों से लेखों और विचारों के रूप में योगदान लिया जाएगा। हुसैन ने बताया कि हालांकि अभी पोर्टल पर कुछ काम बाकी है। इस वजह से अभी चंदा जमा करने का काम शुरू नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ नवंबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद प्रकरण में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था।