उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल को मेट्रो रेल, न्यायालय, एयरपोर्ट, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभायेगा। श्री अवस्थी ने बताया कि सरकारी गजट में प्रकाशित इस अधिनियम की धारा-10 के अनुसार बल का कोई सदस्य, किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना तथा किसी वारण्ट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, जो एक्ट की धारा-8 के तहत उल्लिखित बल के सदस्यों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा पहुॅचाये, हमला करें, हमले की धमकी दे या आपराधिक बल आदि का प्रयोग करेगा।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि शासन की अधिसूचना में उल्लिखित धारा-10 में निॢदष्ट यदि कोई अपराध किया गया है तो अपराधी को निकल भागने या अपराध के साक्ष्य को छिपाने का अवसर दिये बिना उसकी तलाशी बिना वारण्ट के ली जा सकती है तथा यह विश्वास होने पर कि उसके द्वारा अपराध किया गया है, तो उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अधीन गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को पुलिस अधिकारी को सौपना होगा या किसी पुलिस अधिकारी की अनुपस्थिति में गिरफ्तारी की परिस्थितियों को वॢणत करती हुयी रिपोर्ट के साथ निकटस्थ पुलिस थाने पर ले जाने की व्यवस्था की जायेगी।