गीतों पर थिरके बच्चे और लड़ाकों की याद ताजा कर दी

पुस्तक मेला समितियों की आॅनलाइन प्रतियोगिताएं





देशं को आजादी दिलाने वाले लड़ाकों की याद ताजा कर दी



आज अपनी रची बाल कहानियां सुनाएंगी कीर्ति


चित्रकला प्रतियोगिता पांच से 20 वर्ष तक तीन आयुवर्गों में आॅनलाइन होगी



लखनऊ, ।
रंगबिरंगी पोशाकों में बच्चों ने आज जहां ओम नमः शिवाय.... अर्धशास्त्रीय व बिंदिया चमकेगी....., जय-जय शिव शंकर...., सलामे इष्क मेरी जां...... जैसे फिल्मी गीतों पर नृत्य किया तो इससे पहले गांधी जयंती के उपलक्ष्य में बच्चे गांधी, आजाद, लक्ष्मीबाई जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का रूप धरकर उनके ‘सिग्नेचर डायलाग’ के साथ आनलाइन स्क्रीन पर उभरे। राष्ट्रीय पुस्तक मेला समिति और लखनऊ पुस्तक मेला समिति की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित प्रतियोगिताओं के क्रम में कल किसान अथवा सैनिक से सम्बंधित चित्रकला प्रतियोगिता पांच से 20 वर्ष तक तीन आयुवर्गों में आॅनलाइन होगी। साथ ही कल शाम रचनाकार कीर्ति अवस्थी बच्चों के लिए अपनी कहानियां पढ़ेंगी।  



प्रतियोगिता संयोजक ज्योति किरन रतन ने बताया कि फैंसी डेªस प्रतियोगिता में अयांशं राय, व्योम यादव, वैष्णवी सिंह, समृद्धि सक्सेना, रिद्धिमा सोनकर, प्राची वर्मा, पिहू सक्सेना, प्रणव तिवारी, षाम्भवी दुबे, अनय श्रीवास्तव, अंकित गुप्ता, राविन, अंकित चण्डोक ने जोषीले संवाद सुनाकर देशं को आजादी दिलाने वाले लड़ाकों की याद ताजा कर दी। आज वेदान्तिका, अक्षिता, रिजा सिद्दीकी, पंखुड़ी सोनकर, दिव्यांष कष्यप, अंषिका मिश्रा, अंषिका मिश्रा, आदि आनलाइन गीतों पर अपने परिचय देने के साथ थिरके। आयोजक मनोज सिंह चंदेल व आस्था ढल ने बताया कि आयोजनों में विजेताओं सहित प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र प्रदान किये जाएंगे। चुने गये टाॅप-फाइव प्रतिभागियों को विशिष्ट प्रमाणपत्र मिलेंगे।